Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2024 · 1 min read

आज फिर अकेले में रोना चाहती हूं,

आज फिर अकेले में रोना चाहती हूं,
मैं देर तक बिस्तर पर सोना चाहती हूं।

बहुत बदल लिया खुद को औरों की खातिर,
बस अब मैं पहले जैसा होना चाहती हूं।

थक गई अब सफर करते करते बहुत,
मैं किसी सुनसान राह पर खोना चाहती हूं।

काटें कितने बिछा दिए दुनिया ने यहां,
मैं हर क्यारी में फूल बोना चाहती हूं।

तेरी यादों का समंदर गहरा है तो क्या,
मैं इस में खुद को डुबोना चाहती हूं।

रौशन रहे तेरा जहान प्यार की रौशनी से,
मैं अपने सीने में खंजर चुभोना चाहती हूं।

ज्योति रौशनी

1 Like · 121 Views

You may also like these posts

आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
यह नरक है
यह नरक है
Otteri Selvakumar
राम मंदिर की सुंदरता
राम मंदिर की सुंदरता
Rahul Singh
दोस्त बताती थी| वो अब block कर गई है|
दोस्त बताती थी| वो अब block कर गई है|
Nitesh Chauhan
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
manorath maharaj
ये जो लोग दावे करते हैं न
ये जो लोग दावे करते हैं न
ruby kumari
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
Ajit Kumar "Karn"
23/129.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/129.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है।
खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है।
Manisha Manjari
जियो सिम का जब फ्री ट्रायल हो रहा था उसकी कीमतें उस समय नहीं
जियो सिम का जब फ्री ट्रायल हो रहा था उसकी कीमतें उस समय नहीं
Sonam Puneet Dubey
दोहा
दोहा
Krishna Kumar ANANT
पहला इश्क
पहला इश्क
Dipak Kumar "Girja"
“साजन”
“साजन”
DrLakshman Jha Parimal
तपना पड़ता है
तपना पड़ता है
पूर्वार्थ
मां से याचना
मां से याचना
अनिल कुमार निश्छल
दोहा पंचक. . . . माटी
दोहा पंचक. . . . माटी
sushil sarna
"इंडिया"
Dr. Kishan tandon kranti
जख्मी हृदय ने
जख्मी हृदय ने
लक्ष्मी सिंह
पिता की जिम्मेदारी -एक मार्मिक एहसास
पिता की जिम्मेदारी -एक मार्मिक एहसास
Sunil Maheshwari
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
Rj Anand Prajapati
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो भी क्या दिन थे ...( एक उम्र दराज़ की दास्तान )
वो भी क्या दिन थे ...( एक उम्र दराज़ की दास्तान )
ओनिका सेतिया 'अनु '
ऐ ज़िंदगी।
ऐ ज़िंदगी।
Taj Mohammad
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
gurudeenverma198
ज़िन्दगानी में
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
ऐ भाई ऐ तनी देखके चलअ
ऐ भाई ऐ तनी देखके चलअ
Shekhar Chandra Mitra
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
ह
*प्रणय*
Loading...