मुक्तक
तीर खंजर की न अब तलवार की बातें रहें,
जिन्दगी में आइये बस प्यार की बातें रहें,
तितलियों की बात हो या फिर गुलों की बात हो
क्या जरूरी है कि हरदम खार की बातें रहें
तीर खंजर की न अब तलवार की बातें रहें,
जिन्दगी में आइये बस प्यार की बातें रहें,
तितलियों की बात हो या फिर गुलों की बात हो
क्या जरूरी है कि हरदम खार की बातें रहें