Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2018 · 2 min read

माँ,एक व्याख्या सुनिए

माँ के असीम प्यार से बढ़कर दुनिया में कोई बड़ा नहीं होता
और जिसकी माँ हो उसके सामने कोई संकट खड़ा नहीं होता

माँ का आँचल, जैसे निर्मल, गंगा का बहता पावन जल
माँ का प्यार, जैसे उपहार, प्रकृति से मिला हो मौसम बसंत बहार
माँ का रूप, जैसे स्वरूप, सर्दी में गुनगुनाती मनभावन धूप
माँ का आशीर्वाद, जैसे निर्विवाद, जिस से मनुष्य में आता सकारात्मक साधूवाद
माँ की ममता, जैसे समता, कोमल भावनाओं की सुखद नरमता
माँ का मन,जैसे चंदन, माथे पर लगा हो तिलक का वंदन
माँ का पालन, जैसे संचालन, ये धरती करती है हम सब का लालन
माँ का बलिदान, जैसे अभियान, देश को समर्पित जीवन का योगदान
माँ की सेवा, जैसे मेवा, ईश्वर को चढ़ता हो पवित्र कलेवा
माँ का गुणगान, जैसे यशोगान, तीनों लोकों में गुंजित है जिसका मान
माँ का स्पर्श, जैसे हर्ष, जीवन में भरता है जो एक नया उत्कर्ष
माँ की दीक्षा, जैसे शिक्षा, भूखे को मिल गयी हो भरपेट भीक्षा
माँ की प्यास, जैसे उपवास, जिसमें टूटती नहीं अगाथ प्रेम की आस
माँ का ज्ञान ,जैसे विज्ञान, मिटा देती अंतश के तिमिर का अज्ञान
माँ की भाषा, जैसे परिभाषा, पूर्ण करती मन की प्रत्येक अभिलाषा
माँ की छाँव, जैसे गाँव, जहाँ धूप में भी नहीं जलते हो पाँव
माँ का चेहरा, जैसे सेहरा, सुन्दरता पर लगा हो जिम्मेदारियों का पहरा
माँ की मुस्कान, जैसे सुल्तान, मात देती हर कठिन से कठिन इम्तिहान
माँ का साथ, जैसे नाथ,पकड़ा हो स्वयं देवता ने आपका हाथ
माँ की भक्ति, जैसे अभिव्यक्ति, सांसारिक मोह माया से उनमुक्त मुक्ति
पूर्णतः मौलिक स्वरचित रचना
डॉ.आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छग.

Language: Hindi
7 Likes · 11 Comments · 444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"सौम्यता" कृतित्व और व्यक्तित्व में होनी चाहिए। बातों और विच
*प्रणय प्रभात*
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
सत्य कुमार प्रेमी
भूली-बिसरी यादों में लम्हों की सौगात है,
भूली-बिसरी यादों में लम्हों की सौगात है,
manjula chauhan
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
*आओ जाने विपरीत शब्द -अर्थ*”
*आओ जाने विपरीत शब्द -अर्थ*”
Dr. Vaishali Verma
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
Rj Anand Prajapati
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी अकेले चल कर भी देखो
कभी अकेले चल कर भी देखो
Chitra Bisht
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
4644.*पूर्णिका*
4644.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल को तेरी
दिल को तेरी
Dr fauzia Naseem shad
बसंती हवा
बसंती हवा
Arvina
बेकरार
बेकरार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मन
मन
पूर्वार्थ
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कमरा उदास था
कमरा उदास था
Shweta Soni
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
खामोश दास्ताँ
खामोश दास्ताँ
Ragini Kumari
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बातों में मिठास
बातों में मिठास
Kumar lalit
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
gurudeenverma198
दरवाजों की दास्ताँ...
दरवाजों की दास्ताँ...
Vivek Pandey
कविता
कविता
Rambali Mishra
मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा
मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"आदमी "
Dr. Kishan tandon kranti
मित्र
मित्र
Dhirendra Singh
सबके सुख में अपना भी सुकून है
सबके सुख में अपना भी सुकून है
Amaro
गंगा मैया
गंगा मैया
Kumud Srivastava
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
Akash Agam
Loading...