हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
Poetry Writing Challenge-3 Result
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
शाख़ ए गुल छेड़ कर तुम, चल दिए हो फिर कहां ,
मैं मन की भावनाओं के मुताबिक शब्द चुनती हूँ
जो भी मिल जाए मत खाओ, जो स्वच्छ मिले वह ही खाओ (राधेश्यामी छ
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना