Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2021 · 1 min read

कक्का हमर उचक्का । (होली पर हास्य कविता)

ओंघराइत पोंघराइत हरबड़ाइत धड़फराइत धांई दिस
बान्हे पर खसलाह कक्का हमर उचक्का
होरी मे बरजोरी देखी मुस्की मारैत
काकी मारलखिन दू-चारि मुक्का।।

धिया-पूता हरियर पीयर रंग सॅं भिजौलकनि
बड़की काकी हॅसी क घिची देलखिन धोतीक ढे़का
पिचकारी मे रंग भरने दौगलाह हमर कक्का
अछैर पिछैर के बान्हे पर खसलाह कक्का हमर उचक्का।।

होरी खेलबाक नएका ई बसंती उमंग
ततेक गोटे रंग लगौलकनि मुॅंह भेलैन बदरंग
काकी के देखैत मातर कक्का बजलाह
आई होरी खेलाएब हम अहींक संग।।

कक्का के देखैत मातर काकी निछोहे परेलीह आ बजलीह
होरी ने खेलाएब हम कोनो अनठीयाक संग
जल्दी बाजू के छी अहॉं नहि त मुॅंह छछारि देब
घोरने छी आई हम करिक्का रंग।।

भाउजी हम छी अहॉक दुलरूआ दिअर
होरी खेला भेल छी हम लाल पिअर
आई त भैयओ नहि किछू बजताह जल्दी होरी खेलाउ
एहेन मजा फेर भेटत नेक्सट ईअर।।

सुहर्दे मुॅंहे मानि जाउ यै भाउजी
नहि त करब हम कनि बरजोरी
होरी मे त अहॉ जबान बुझाइत छी
लगैत छी सोलह सालक छाउंड़ी।।

आस्ते बाजू अहॉक भैया सुनि लेताह
कहता किशन भए गेल केहेन उचक्का
केम्हरो सॅ हरबड़ाएल धड़फराएल औताह
छिनी क फेक देताह हमर पिनी हुक्का।।

आई ने मानब हम यै भाउजी
फुॅसियाहिक नहि करू एक्को टा बहन्ना
आई दिउर के भाउजी लगैत अछि कुमारि छांउड़ी
रंग अबीर लगा भिजा देब हम अहॉक नएका चोली।।

ठीक छै रंग लगाउ होरी मे करू बरजोरी
आई बुरहबो लगैत छथि दुलरूआ दिअर
ई सुनि पुतहू के भाउजी बुझि होरी खेलाई लेल
बान्हे पर दौगल अएलाह कक्का हमर उचक्का।।

कवि:- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Maithili
1 Like · 597 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
shabina. Naaz
*ज्यादा से ज्यादा हमको बस, सौ ही साल मिले हैं (गीत)*
*ज्यादा से ज्यादा हमको बस, सौ ही साल मिले हैं (गीत)*
Ravi Prakash
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak
गैरों सी लगती है दुनिया
गैरों सी लगती है दुनिया
देवराज यादव
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
தனிமை
தனிமை
Shyam Sundar Subramanian
दरबारी फनकार
दरबारी फनकार
Shekhar Chandra Mitra
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
Sanjay ' शून्य'
नवम्बर की सर्दी
नवम्बर की सर्दी
Dr fauzia Naseem shad
2704.*पूर्णिका*
2704.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🌹थम जा जिन्दगी🌹
🌹थम जा जिन्दगी🌹
Dr Shweta sood
जीवन पुष्प की बगिया
जीवन पुष्प की बगिया
Buddha Prakash
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
💐प्रेम कौतुक-546💐
💐प्रेम कौतुक-546💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
होली -रमजान ,दीवाली
होली -रमजान ,दीवाली
DrLakshman Jha Parimal
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
दो पल की खुशी और दो पल का ही गम,
दो पल की खुशी और दो पल का ही गम,
Soniya Goswami
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है
शेखर सिंह
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
Vishal babu (vishu)
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
आर.एस. 'प्रीतम'
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
Atul "Krishn"
डा. तुलसीराम और उनकी आत्मकथाओं को जैसा मैंने समझा / © डा. मुसाफ़िर बैठा
डा. तुलसीराम और उनकी आत्मकथाओं को जैसा मैंने समझा / © डा. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*Author प्रणय प्रभात*
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
Miracles in life are done by those who had no other
Miracles in life are done by those who had no other "options
Nupur Pathak
Loading...