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5 Mar 2020 · 1 min read

II अपनी पहचान II

जब से अपने से अपनी पहचान हो गई l
सारी दुनिया ही गीता कुरान हो गई ll

ना कोई नखरा ना कोई अदब का गुमान l
खुली खिड़की तो रोशन दुकान हो गई ll

किस-किस से न पूछा था उसका पता l
आज उससे ही अपनी पहचान हो गई ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

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