Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2016 · 1 min read

ज़माने की हवा हूँ परिंदे उड़ाती फिरती हूँ…………………..

ज़माने की हवा हूँ परिंदे उड़ाती फिरती हूँ
ज़िगर रोकनेवालों का मैं आज़माती फिरती हूँ

ये गली ये रास्ते सब ढूँढते हैं मंज़िल अपनी
मिलाकर हाथ इनके साथ मैं भी गाती फिरती हूँ

यहाँ जात-पात नीच-ऊँच का खेल जाने है कब तक
इसी नफ़रत की आग से दामन बचाती फिरती हूँ

हमारा ध्यान जिसमें खोया है ज़िंदगी की हद तक
कंप्यूटर बहुत अच्छा नहीं समझाती फिरती हूँ

नवाज़ा है अपनी रहमतों से इस क़दर मेरे खुदा
जहां में ख़ुश्बूएँ तेरी ही बिखराती फिरती हूँ

वक़्त के साथ अक़्सर बदल जाया करते हैं मंज़र
वही गलियाँ वही बस्ती तुझको भुलाती फिरती हूँ

बस्तियाँ फैलती रहती हैं यक़सी नीं रहती सदा
तिरी रोशनी से हिस्सा अपना घटाती फिरती हूँ

-सुरेश सांगवान’सरु’

243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन का इतना
जीवन का इतना
Dr fauzia Naseem shad
हे कलम
हे कलम
Kavita Chouhan
दासता
दासता
Bodhisatva kastooriya
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
आज की बेटियां
आज की बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
■सीखने योग्य■
■सीखने योग्य■
*Author प्रणय प्रभात*
माँ ....लघु कथा
माँ ....लघु कथा
sushil sarna
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
Praveen Sain
Not a Choice, But a Struggle
Not a Choice, But a Struggle
पूर्वार्थ
मंजिल एक है
मंजिल एक है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सर-ए-बाजार पीते हो...
सर-ए-बाजार पीते हो...
आकाश महेशपुरी
💐प्रेम कौतुक-247💐
💐प्रेम कौतुक-247💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अबके रंग लगाना है
अबके रंग लगाना है
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
"शिष्ट लेखनी "
DrLakshman Jha Parimal
सोचा नहीं कभी
सोचा नहीं कभी
gurudeenverma198
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr.Priya Soni Khare
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
*वंदनीय सेना (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद*
*वंदनीय सेना (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद*
Ravi Prakash
घास को बिछौना बना कर तो देखो
घास को बिछौना बना कर तो देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
In the middle of the sunflower farm
In the middle of the sunflower farm
Sidhartha Mishra
3159.*पूर्णिका*
3159.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धूल से ही उत्सव हैं,
धूल से ही उत्सव हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
Vishal babu (vishu)
चींटी रानी
चींटी रानी
Dr Archana Gupta
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
"ङ से मत लेना पङ्गा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...