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18 Nov 2021 · 1 min read

उपेक्षित

मैं ही
रास्ता हूं
मैं ही हूं
मंजिल
मैं ही एक रोशन सवेरा
मैं ही एक दिल में घर करता
घुप अंधियारा
जीवन मेरा है तो
सांसे भी मेरी ही थमेगी
किसी से क्या अपेक्षा करूं
जब खुद को ही करती रहती
परेशान, दुखी और
उपेक्षित।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
291 Views
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