Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

” अंधेरी रातें “

” अंधेरी रातें ”
रास्ते कहांँ दिखते हैं, अंंधेरी रातों में ।
जुगनू को भी लाइट जलाना पड़ता है ,
मंजिल तक जाने में।
……✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आँखें
आँखें
लक्ष्मी सिंह
बिहार के मूर्द्धन्य द्विज लेखकों के विभाजित साहित्य सरोकार
बिहार के मूर्द्धन्य द्विज लेखकों के विभाजित साहित्य सरोकार
Dr MusafiR BaithA
मोहब्बत कर देती है इंसान को खुदा।
मोहब्बत कर देती है इंसान को खुदा।
Surinder blackpen
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
चालें बहुत शतरंज की
चालें बहुत शतरंज की
surenderpal vaidya
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
Anand Kumar
एक ख़्वाहिश
एक ख़्वाहिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
युवा संवाद
युवा संवाद
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
Hard work is most important in your dream way
Hard work is most important in your dream way
Neeleshkumar Gupt
Few incomplete wishes💔
Few incomplete wishes💔
Vandana maurya
हम कवियों की पूँजी
हम कवियों की पूँजी
आकाश महेशपुरी
3103.*पूर्णिका*
3103.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
*नींद आँखों में  ख़ास आती नहीं*
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
चंचल मन
चंचल मन
Dinesh Kumar Gangwar
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल _ मिरी #मैयत पे  रोने मे.....
ग़ज़ल _ मिरी #मैयत पे  रोने मे.....
शायर देव मेहरानियां
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
चले आना मेरे पास
चले आना मेरे पास
gurudeenverma198
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
Tufan ki  pahle ki khamoshi ka andesha mujhe hone hi laga th
Tufan ki pahle ki khamoshi ka andesha mujhe hone hi laga th
Sakshi Tripathi
किसे फर्क पड़ता है
किसे फर्क पड़ता है
Sangeeta Beniwal
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
Annu Gurjar
Loading...