Dr. Rajeev Jain Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read सहज रिश्ता पत्थर शांत पानी को अक्सर छेड़ देता है गुलज़ार चमन की ख़ुशी को भेद देता है होता है क्या फिर तो पत्थर डूब जाता है क्या खोजें उसे जो ख़ुद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पत्थर · राजीव · सांगरी 2 123 Share Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read नक़ली असली चेहरा धोखा खाते खाते, धोखे का इल्म जाता रहा हम तो मासूम हैं ,जो भी मिला बतलाता रहा ये तो पक्का था , ये भी कोई झूठ ही होगा सच्चा मानकर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ख्वाब · तसल्ली · राजीव · सांगरी 2 130 Share Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read क्या लिखूँ कुछ ख़्वाबो को आज लिखूँ बीते कल का बयान लिखूँ छूट गई जो गलियाँ सारी उन गलियों के नाम लिखूँ सरकती जा रही आहिस्ता ज़िंदगी ,इसकी क्या चाल लिखूँ फ़ना... Poetry Writing Challenge-3 · Rajeev · कविता · बिसरीयादें · राजीव · वायदे 2 87 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read हिदायत यक़ीन करना फिर भी फ़ासला रखना मिलना सभी से पर एक दायरा रखना नहीं दोस्ती, चलो तो दुश्मनी भी नहीं मिलें फिर कभी तो कुछ क़ायदा रखना नहीं रहते कई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · फासला · राजीव · सांगरी 1 106 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read दिल खोल कर रखो दीवारें उठाओ तो भी उसमें झरोख़ा खोल कर रखना लाख हो कशीदगी, रिश्तों में भरोसा घोल कर रखना वादा करके भूल जाना तुम्हारी पुरानी आदत है कोई असली सा लगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · किरदार · राजीव · सांगरी 77 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read नव वर्ष गीत सिलसिला है साल का साल का दर साल का ये तो है हर साल का अभिव्यक्तियाँ , रुझान का रश्मियाँ , ब्रह्मांड का सैनिक , खेत , किसान का संकल्प... Poetry Writing Challenge-3 · अनुसंधान · कविता · जिजीविषा · राजीव · सिलसिला 132 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read जो मिला ही नहीं अच्छा है, नसीब में क्या है वह पता ही नहीं पता हो, तो भी,जो होना है, वह टला ही नहीं मिलना तो ख़ुद से था, जो कभी मिला ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तकदीर · बदा · राजीव 70 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ख़ुद ब ख़ुद अच्छा है, नसीब में क्या है वह पता ही नहीं पता हो, तो भी,जो होना है, वह टला ही नहीं मिलना तो ख़ुद से था, जो कभी मिला ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · Khoj · कविता · खोज · राजीव 95 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read यथार्थ न ताज्जुब कम हैं, न करिश्में ही कम हैं ज़िंदगी जी रहे, क्या क़यामत से कम है जिरह में जीत जाओ कोई बड़ी बात नहीं दोस्ती हार न जाओ, इस... Poetry Writing Challenge-3 · करिश्मा · कविता · ताज्ज़ुब · राजीव 140 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मेरा बचपन बड़ी खूबसूरत थीं बचपन की बातें खो खो लंगड़ी धौल धप्पा की बातें दिन की न फ़िकर बेफिक्र सी रातें रात को नानी के क़िस्सों की यादें चंदा के स्वेटर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · खेल · बचपन · भोलापन · राजीव 102 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मैं बूढ़ा नहीं माना कि बेहिसाब नहीं पर लाचार इतना भी नहीं कमर लचकती कम है, पर यारो कोई बड़ी बात नहीं सोता कम थोड़ा हूँ , थोड़ा जाग लेता हूँ रात उठके... Poetry Writing Challenge-3 · Khuddari · कविता · ख़ुद्दारी · तजुर्बा · तराशना 68 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read साकार आकार कुछ नहीं बेमक़सद यहाँ हर चीज़ का मक़सद यहाँ ले जाना ही जब कुछ नहीं क्या खोना क्या पाना यहाँ बात अब पहले जैसी रही नहीं क्या रूठना क्या मनाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बस्तियाँ सँभावना आत्मसमर्पण 61 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सब कुछ मिले संभव नहीं समेटो जितना भी,कोई हिस्सा छूट जाता है यादों के सफ़र में, कोई क़िस्सा छूट जाता है बड़ी हसरतों से, ये घर बनाये जाते हैं बसते बसाते, कोई कौना छूट जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कौना सिमैटना राजीव अधूरा · ग़ज़ल/गीतिका 78 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read अवसाद तैयारी आख़िर पूर्ण हुई उम्मीद की अंतिम किरण भी विलुप्त हुई उदास अंधेरा , उड़ा ले गया मेरी दूनियाँ , अपने आग़ोश में और मेरी पराजय , हार हुई बातों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · सूनापन अकेलापन स्याह कालिख 67 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मतवाला मन मेरे पास टाइम कम है , दुनियाँ काम रूके है और यहाँ हम हैं मुझे आइंस्टाइन का फ़ार्मूला पलटना है अब बहुत सारे रहस्य ब्रह्माणड के रचना है एक यंत्र... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 97 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read फुर्सत नहीं है जो दोस्त कहते थे कुछ साल के बाद फुर्सत ही फुर्सत वो फुर्सत कहाँ है बेटा बेटी पल गये जॉब पर भी लग गये पर अभी भी फुर्सत कहाँ है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · दोस्त फ़ुरसत शिद्दत बीता 96 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read छिपे दुश्मन आइने के पीछे , छिपे हुए साये कुछ हैं मेरे बारे में रहते बतलाते इंसान कुछ हैं सब इनको पता है मेरे दिमाग़ का खोज ही लिया है ठिकाना, मकान... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · दहशत जासूस तिलिस्म जाल 68 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read यादें कभी कभी हाथ आ जाते है अपनी उम्र के साथ पीले होते वो पन्ने जो ज़्यादा ज़ोर से खींचो तो फट जायें लिखे थे अबसे तीस साल बीस साल पहले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पीलापन बेकार जीर्ण स्मृति 66 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read अंतहीन हर कोई, सबकुछ, कर गुज़रने की ज़िद में है नहीं मालूम उसको, वो भी, वक़्त की जद में है मौसम, दूर से तो, यहाँ का अच्छा लगता है वैसे शहर... Poetry Writing Challenge-3 · अज़ीब इंसान राजीव ज़िद · कविता 1 71 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read बदलाव बारिश इस बार बरसती है खार सी तल्ख़ी इसकी भी बड़ गई इंसान सी हम भी नहाते थे तो तुम भी नहाए पानी में तब ख़लिश न थी इस बार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · तिजारत ईमान राजीव व्यापार 74 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read जीवन पथ तबाही का भी जलसा मनाते चलिए पराये को भी अपना बनाते चलिए हमदर्दी की, किसी से, उम्मीद मत करना ज़ख़्म अपने हैं, इन्हें भी अपनाते चलिए तकलीफ़ों से बहुत वाक़िफ़... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · दर्द राजीव टकराना अपनाना 75 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता चाँदनी हो हर रात के हिस्से में , ऐसा नहीं होता शूल भी मिलेंगे अगर आगे बढ़ना है फूलों का ही सफ़र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 103 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read इस कदर भीगा हुआ हूँ इस कदर भीगा हुआ हूँ पाँव से सर तक गीला हुआ हूँ ज़र्द आँखें किसी की देखकर भीतर तक कहीं पीला हुआ हूँ उजड़े सारे चमन अपनी हवाओं से अपनों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता ग़ज़ल ज़र्द सहमा 1 89 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी की दौड़ सारी दोपहरी ढूँढने एक छाँव को चलता रहा आगे मिलेगा शजर कोई मान के चलता रहा आग बरसी सब तरफ़ फिर मैं था पानी ढूँढता इक बूँद हासिल न थी... Poetry Writing Challenge-3 · चलता दोपहरी पानी तलाश राह 1 71 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी का फ़लसफ़ा वक़्त आया तो मोहलत न मिल पानी है जो गुज़रता जा रहा है वक़्त बेमानी है शहंशाह ग़रीब सबको एक राह जानी है माटी से बनी तेरी हस्ती माटी बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 88 Share