Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 31 Next Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read जीता जग सारा मैंने जीता जग सारा मैंने अपने घर से हार गया रोकर एक पिता यूं बोला चंदा से सूरज हार गया।। शब्द, शब्द से शब्द बड़े शब्द, शांत नि:शब्द खड़े नेह-प्यार के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 212 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्या कर लेगा कोई तुम्हारा.... गीत क्या कर लेगा कोई तुम्हारा, अड़े रहो आकाशी बूँदों का, अस्तित्व नहीं होता रात रात भर, जाग जाग कर नयन क्यों खोवै पल दो पल की नींद तुम्हारी सपन... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 2 152 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read पिता का गीत गीत मत पूछो किस तरह जिया हूं । कदम-कदम पर गरल पिया हूं इस दीपक के दस दीवाने सबकी चाहत ओ’ उलाहने जर्जर काया, पास न माया कैसे कह दे... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 187 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read सावन बीत गया सखी बीत गया मधुमास न जागा कोई अहसास कि सावन रीत गया... कि सावन बीत गया परछाई जो साथ चली अंगड़ाई जो साथ ढली अब बस मीठी यादें हैं तेरी... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 148 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read रिटायमेंट (शब्द चित्र) रिटायमेंट (शब्द चित्र) ******** मन रमता नहीं तन टिकता नहीं दूर है मंजिल जग मिलता नहीं सामने उस वृक्ष को देखो कल तक हरा भरा था तने मजबूत थे सबको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 154 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read युगांतर युगांतर ******* सदियों के आँगन में कुछ हमने भी रोपा होगा सूरज को क़ैद किया होगा या चंदा से बैर किया होगा। नीलांचल से जब बिजली कौंधी होगी बादल फ़टे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 167 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read प्यारा-प्यारा है यह पंछी प्यारा प्यारा है यह पंछी, और पिंजड़ा धाम है कैसे कह दूं मैं तुम से, परतंत्रता परिणाम है जागे जागे रातभर जो, जुगनुओं की आस में कह रहा चंदा अकेला,... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 207 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read खंडकाव्य यह जीवन है खंड काव्य खण्ड खण्ड अपने भाष्य क्या खोया है, पाया क्या अधर अधर पर कटु हास्य।। किरदारों के कथ्य रचे हैं अवतारों के सत्य पढ़े हैं किंतु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 163 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कैसे कहें घनघोर तम है गीत कैसे कहें घनघोर तम है सुनें व्यंजना मन है पल है कौंध रहीं जो बिजली सारी गरजा, बरसा, बिखरा जल है। प्रतिध्वनि में ये गूंज किसकी देख,भर रहा है... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 190 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read षड्यंत्रों की कमी नहीं है मन का केवल भेद चाहिए षड्यंत्रों की कमी नहीं है चौसर पर हैं हम सब यारों शकुनि पासा फेंक रहा है कह द्रोपदी लाज की मारी कलियुग आंखें सेंक रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 110 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्यों दोष देते हो क्यों.इन हवाओं को दोष देते हो...? उदधि के सीने पर तो तुम ही तूफान लाये थे ज्वार भाटे के संग भी तुमको रोमांच भाये थे अब कहते हो हमसे तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 113 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read अदाकारी अदाकारी सीखकर अदाकार बन गए कलम के सिपाही फनकार बन गए लहराती ज़ुल्फों में अब उड़ती है ग़ज़ल गीतों के कमरों में रोशनदान हो गए मानते थे पहले जो लिखना... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 140 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 17 Feb 2024 · 1 min read एक कहानी, दो किरदार लेकर सारा दरिया, जंगल, तूफा साथ में सब पार कर के । लौटे अपने-अपने घर को, एक कहानी, दो किरदार लेकर । कविताएं सोच के लिखने वाला, अब कहाँ गया मालूम... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 17 169 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कान्हा घनाक्षरी कान्हा घनाक्षरी नया हर दिन रहे, नई हर प्यास रहे भोर के क्षितिज का, अभिराम कीजिये मन में तरंग रहे, तन में उमंग रहे घेरे न उदासी फिर, राम राम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 106 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्षितिज के उस पार क्षितिज के उस पार क्षितिज के उस पार तिमिर घोर तिमिर है मैं नहीं जाना चाहता सुना, वहां जीवन नहीं सुना है, वहां तप नहीं सुना है, वहां संताप है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 169 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read भावुक हुए बहुत दिन हो गए भावुक हुए बहुत दिन हो गये.. तन-मन बदले आँसू सूख गये। भाव से ही नीर का रिश्ता होता है.. हो जाये कुछ भी क्या होता है।। बदल रही दुनिया मानक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 188 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read श्याम-राधा घनाक्षरी *घनाक्षरी* आँगन में भोर भई, भोर भई भोर भई राधिका हैरान भई, भोर कब हो गई छम छम छम छम, बाजे जब घुंघरू तो कहने लगीं सखियां, जाने कहां खो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 193 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कितने बदल गये क्यों दोष देते हो अपने को देखो कितने बदल गये.. आग ने पानी से आँख ने आँसू से दीये ने तूफ़ान से धूप ने बादल से रूप ने काजल से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 105 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read मकर संक्रांति मकर संक्रांति .......... उत्तरायण हो गए तुम राशि बदल दी तुमने धनु से मकर में आ गए तुम सूर्य हो, अदम्य ओजस्वी।। असम्भव क्या तुम्हारे लिए न भी होते तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 149 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read आप सुनो तो तान छेड़ दूं गीत आप सुनो तो तान छेड़ दूं, मन के गीत सुनाने को सर सर सर बहती है सरिता, मन के भाव जताने को चंदा ने चुनरी फहराई, तारों का मस्तक... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 123 Share Kanchan Alok Malu 17 Feb 2024 · 1 min read इंतज़ार की रातें, लम्हों में ढूंढ रही हू प्यार, इंतज़ार की रातें, लम्हों में ढूंढ रही हू प्यार, दिल धड़कता है, आसमान में है चाँदनी का इज़हार। सितारे चमकते हैं, रात की गहराईयों से, इंतजार में हैं, अटक गए... Poetry Writing Challenge-2 97 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read व्यंग्य क्षणिकाएं क्षणिकाएं इन आँसुओं को कौन समझाए अब ये टपकते नहीं सूखते हैं..... जब रोती भी हैं आंख रुमाल भीगता नहीं। 2 बहुत दिन से उनकी खैर खबर नहींं मिली अब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read दिन और रात-दो चरित्र चरित्र दिन और रात के चरित्र में कितना अंतर होता है.. दिन में दोस्त सभी रात में तन्हा होता है। उजली उजली बातें अपनी रहने दो कड़वी कड़वी बातें उनको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 1 197 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read पति पत्नी और मोबाइल पति पत्नी और मोबाइल अजी सुनते हैं, ये कैसा लगाव रखने लगे हो मोबाइल से जो बस सारा दिन इसी पर बिताते हो भीड़ में भी इसमें देखकर मंद मंद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 127 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read चलो शुरूवात करो विषय _चलो शुरूवात करो चलो शुरुवात करो क्यों किसी से डरते हो क्यों अपने आप को ही हमेशा गलत साबित करते हो तुमने खुद को बदला नहीं और बेहरम ये... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 85 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read क़िस्मत की सज़ा विषय _ क़िस्मत की सज़ा आखिर क्यों मेरी कहानी सताती है मुझे क्यों अक्सर तन्हाई में रूलाती है मुझे दोष क्या है मेरा जो मैं जो खुद की कहानी में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 77 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 2 min read वो जिस्म बेचती है, वैश्या कहलाती है वो जिस्म बेचती है, वैश्या कहलाती है तो जिस्म खरदीने वाले को कोई नाम क्यों नही दिया जाता? वो कमजोर है इसलिए उसे नोच देते हैं फिर क्यों एक आदमी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 94 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन ये जो हंसता हुआ पल है ये बचपन की बात है यहां सच्चाई है और जुड़े हुए जज़्बात है पिता अपने बच्चें के साथ बच्चा बन जाता है रोज नई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 116 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read हादसा विषय _ हादसा एक सफ़र की शुरुआत थी, जानता कोई नहीं था कि आखिरी वो रात थी वक्त अपनी रफ्तार लिए चल रहा था हंसी खुशी ये सफर निकल रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 80 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read गुस्सा गुस्सा कोई बात ऐसी होती है, जिसकी वजह हम जान नहीं पाते जो हालात होते हैं हमारे सामने उनको हम समझ नहीं पाते लोगों का व्यवहार बदलता है और बदल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read जाल मोहमाया का एक सपना सुहाना था जिसमें कोई नहीं अंजाना था हर कोई खास था दिल के बहुत पास था आया एक हवा का झोंका और हर अक्श से रूबरू करवा दिया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 80 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 1 min read मैं नहीं तो कौन मैं नहीं तो कौन यहां और है ही कौन मुझसे पूछते हैं कि कैसे लोग दुखी रहते हैं अब दुःख का कारण यहां मैं नहीं तो कौन अरे तुम कैसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 67 Share Rekha khichi 17 Feb 2024 · 2 min read दहेज़ कर्ज या खुशी विषय _ दहेज़ कर्ज़ या खुशी शादी की शहनाई गूंजेगी मेरे घर में मंगलगीत भी गाए जायेंगे खुशियां आयेंगी मेरे घर में और ढोल नगाड़े भी बजाए जाएंगे धूमधाम होगी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 143 Share Rekha khichi 16 Feb 2024 · 1 min read अंधेरा मन का क्या हुआ? जो चारों ओर अंधेरा नज़र आ रहा है या फिर कोई तुझे विचार सता रहा है तू खोल आंखें इक बार ख़ुद को देख तो सही तेरे अंदर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share Rekha khichi 16 Feb 2024 · 1 min read आखिर क्यों मर्द बेचारे नहीं होते? आखिर क्यों मर्द बेचारे नहीं' होते " बेचारी है महिलाएं बात-बात पर आँखें भर आती है बड़ी जालिम है ये दुनिया ना जाने इसको कितना सताती है। मर्द को तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 107 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read प्रदूषण प्रदूषण कारण क्या जो बढे प्रदूषण, दोषी है इंसान। छेडछाड प्रकृति संग करता, बना स्वयं भगवान।। पर्वत खोद बनाता नदियाँ, उल्टा करें ढलान। गिट्टी मिट्टी रेत निकाले, बन मूरख अनजान।।... Poetry Writing Challenge-2 63 Share अनुराग दीक्षित 16 Feb 2024 · 1 min read आखिर क्यों सबको भरमाया। क्यों नहीं समझ अब तक पाया क्यों नहीं समझ अब तक आया हर चीज यहाँ पर ठीक बनी हर चीज में है तेरा फेरा पर बहुत समझना है मुश्किल क्या... Poetry Writing Challenge-2 98 Share अनुराग दीक्षित 16 Feb 2024 · 1 min read प्रेम की बात को । प्रेम की बात को मौन जज़्बात को बिन कहे बिन छुये वो समझ जायेगा। राधिके कृष्ण को प्रेम के प्रश्न को कौन समझा है हल कौन कर पायेगा अब न... Poetry Writing Challenge-2 1 50 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read #दोहे (व्यंग्य वाण) #दोहे (व्यंग्य वाण) अंतर्मन की चाह पर,कब चलता इंसान। द्वेष कलह पाखंड से , जीवन भर हैरान ।। बुद्धि ज्ञान विवेक बहुत,बहरे मानव कान। अंदर की आवाज पर,दिया नहीं है... Poetry Writing Challenge-2 146 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read भोले प्रीत करे जब भोले की, मोह माया फिर न होए। वन पहाड़ विचरण करे, और रहे श्मशान मे खोए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 119 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 16 Feb 2024 · 1 min read भला लगता है परिंदों का चहचहाना भला लगता है। फसलों का लहलहाना भला लगता है। तुतली बोली में पूछे मासूम सवालों को सुलझाना भला लगता है। एकांत में बैठकर चुपके-चुपके गुनगुनाना भला लगता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 381 Share Kanchan Alok Malu 16 Feb 2024 · 1 min read कान्हा कान्हा, नंदलाल, मोहन, बंसी बजाए कृष्ण कन्हैया। गोपियों के मन में बसे, विरह का रस पिघलाया। गोकुल की धरती पर आए, अन्याय को हराया। माखन चोर कृष्ण की मखमली चादर,... Poetry Writing Challenge-2 69 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read दोहे बड़े काम की है लेखनी, बड़े काम के है लेख। लिखे तो मन निर्मल करे, पढ़े तो आपहउ होए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 58 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read नारी शक्ति नारी शक्ति ब्रह्मा विष्णु देव महेश,आदि शक्ति उपजाए। सृष्टि संचालन के लिए ,शक्ति माँ ने अजमाए । सौप सृष्टि सृजन भार,स्वयं नारी रूप लिया । लक्ष्मी शिवा व ब्रह्माणी,रूपों में... Poetry Writing Challenge-2 78 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read शायरी न जाने कैसी खुदगर्जी का दौर है, जी भी रहे है तो बस मरने के लिए। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 1 99 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read पथ प्रदर्शक पिता पिता हमारा जीवन दाता वह हमें इस संसार में लाता पिता बिना जीवन असंभव करते वह सब कुछ संभव पिता विशाल बरगद की छांँव जिसकी छाया में हमारा ठाँव पिता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 129 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read दोहे सकल काज की बाते, जग जाहिर न की जाए। जब तक न हो पूरी, तब तक रखो जग से छुपाए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 62 Share Ghanshyam Poddar 16 Feb 2024 · 1 min read राहुल की अंतरात्मा पापा ! तथागत की संज्ञा से आप आज तक मुक्त न हो सके यही नहीं, संभवत: आनेवाली पीढ़ी भी , शायद आपको यही इसी नाम से जाने । पापा !... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 16 Feb 2024 · 1 min read आओ उर के द्वार असह्य हुआ है अब वेदना का ज्वार चाहता है तोड़ बहना सशक्त बांध दीवार। ढूॅंढता है टूटा मन एक ऐसा संबल सिर रख कर रो ले जहाॅं पर पल दो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 300 Share Buddha Prakash 16 Feb 2024 · 1 min read ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम कल-कल करती नदियों का स्वर, सरसराहट करके बहते पवन । बारिश की हल्की छम-छम का मधुर आनंद, सुरीली ध्वनि कोयल और पंछियो की, धरा मे भरते कितने सरगम।। प्रकृति के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · प्रकृति की छाव में 1 191 Share Previous Page 31 Next