Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 27 Next PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 17 Feb 2024 · 1 min read भटके नौजवानों से तुम क्यों भटक गए? तुम्हें भी तो उन्ही ने संस्कार दिए हैं, जिससे ये पावन संस्कार सबको है मिले। संबंधों की ऊर्जा क्यों नहीं समझी जबकि उन्होंने सिखाया संबंधों को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 320 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read तपकर तपकर लोहा बन गए जब, तो सोने मे ढलने की चाहत नहीं। जीवन संघर्ष बना रहे तो ही सही है, मधुबन मे रहने की अब चाहत नहीं। Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 1 64 Share Ghanshyam Poddar 17 Feb 2024 · 2 min read आबूधाबी में हिंदू मंदिर संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में हिंदू मंदिर उद्घाटित हुआ है आनुधाबी मे नया नजीर निशानी है यह पूरी दुनिया में सांप्रदायिक -सांस्कृतिक -सद्भाव की दिशा में एक दूरदर्शी कदम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 159 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read नदियां सदियों का प्रयास है नदियां, पहाड़ो को काटकर रास्ते बनाए; तो पत्थरो को चीरकर बहना सीखा। न जाने कितनी सभ्यताएं बनी, तो न जाने कितनी बिगड़ी। पर जो अनंत है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 129 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 17 Feb 2024 · 1 min read 24, *ईक्सवी- सदी* ईक्सवीं सदी आई... क्या परिवर्तन लाई... क्या समाज की सोच बदली? क्या रूढ़िवादिता बदली? सबके लिए कुछ न कुछ बदलाव आया, क्या स्त्रियों के लिए भी परिवर्तन आया? क्या उन्हें... Poetry Writing Challenge-2 162 Share Poonam Matia 17 Feb 2024 · 1 min read *सपनों का बादल* अपने कोष में समेटे है धरती का अमृत, ले लेता है रूप कभी अपेक्षा-अनुरूप| वो रखता है क्षमता सूर्य को ढापने की फैलाता है माँ-सम आँचल तेज धूप में| मुलायम,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 8 4 1k Share Buddha Prakash 17 Feb 2024 · 1 min read जग जननी है जीवनदायनी जग जननी है जीवनदायनी ।। करती सबसे अच्छा व्यवहार, रखें हम मानव इसका ख्याल, ना करे संसाधन बर्बाद, सीमित ये सम्पदा है अपनी, अन्यथा हो जाएगी जल्द ही समाप्त। बोलो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · प्रकृति की छाव में 2 1 182 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read वीर पुत्र, तुम प्रियतम हे वीरभूमि के वीर पुत्र तुम मैं राह देखती तुम्हारी रोज़। मातृभूमि की रक्षा करने पद खूब मिला तुझे है फौज ।। आस मिलन की लिए हरपल मैं भार्या तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 162 Share Jyoti Roshni 17 Feb 2024 · 1 min read अपना कोई नहीं है इस संसार में.... अपना कोई नहीं इस संसार में, लगता है कि ये उम्र बीत जायेगी किसी अपने के इंतजार में। कांटो के बदले भी फूल ही दिए हमने, पता नहीं क्या कमी... Poetry Writing Challenge-2 1 75 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन और पचपन उमर पचपन की और दिल बचपन का यादों में बसा है मेरे वह दिन बचपन का कोई लौटा दे मुझे वह दिन बचपन का बड़ा ही अलबेला है ये दिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 156 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read कैसे देखनी है...?! घड़ी कैसे देखनी है, ये क़िताब सिखाती है। क़िताब कैसे देखनी है, ये वक्त सिखाता है। वक्त कैसे देखना है, ये हालात सिखाते हैं। हालात कैसे देखने हैं, ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 153 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन यू तो बड़ा मुश्किल होता है नन्हे बचपन को पालना पोषना उनकी हर एक बात को टालना टोकना जिद पूरी करने पड़ती उनकी अपने सुख-दुख को भूलकर यथार्थ पर झूलकर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 94 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko...! Haan, Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko! Uss Chhote Purane Bakse(बक्से) Mein, Unn Purane Fate(फटे) Kapdo Mein... Uss Album Mein, Aangan Ke Uss Jhule Mein...! Maine Dekha Hai Apne Bachpan... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 144 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read जीवन शैली अब आधुनिक बोध से परे अपने सांस्कृतिक अतीत में खोजने होंगे दीर्घजीवी जीवन के रहस्यमय बीज सूत्र जो दबे पड़े हैं पुरातन जीवन शैली की उपजाऊ मिट्टी में जिसकी ऊपरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 132 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read हाथ पताका, अंबर छू लूँ। डटकर, अड़ा रहूँ मैं रण पर हार कभी न मानूँगा मातृभूमि का वीर पुत्र हूँ हाथ पताका अंबर छू लूँ। थककर, खड़ा रहूँ न पथ पर पार लक्ष्य कर जाऊँगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read होली का त्यौहार देखो आ गए हैं हुरियार खेलने होली का त्यौहार करने रंगों की बौछार तुम सब हो जाओ तैयार गालों पर मल दो तुम गुलाल मिटा दो मन के सब मलाल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 137 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read तोता और इंसान इंसान को देखते ही, पंडित जी का तोता अनाहक बोला– हे मूर्ख ! यह सुनते ही मनुष्य आबाक है, उसके प्रतिक्रिया की स्थिति गौण है, परन्तु मन में वाणी की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 136 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read न बदले...! वो गिरगिट ही क्या, जो रंग न बदले। वो मौसम ही क्या, जो ढंग न बदले। आजकल की इस बदलती दुनिया में... वो इंसान ही क्या, जो संग न बदले।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शेर 124 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read पढ़े साहित्य, रचें साहित्य साहित्य समाज का दर्पण साहित्यकारों का समर्पण। साहित्य प्रेरणा साहित्य प्रयास रचनाकारों का आभास नित्य सतत अभ्यास। उजागर जिस तरह आदित्य "सागर" उस तरह साहित्य साहित्य की अनेक विधा रहस्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 115 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read "लाचार मैं या गुब्बारे वाला" चढ़ाई वो रामबाजार की था लगा चढ़ने मैं भी गुब्बारे वाला था एक देखा इंच तीन हो जितनी रेखा गुब्बारा बढ़ा था लाया उसने जो देखा न था पहले किसी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 126 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read मनुष्य अपने धन बल से बुद्धि और छल बल से योग्यता और कागज़ी डिग्रियां पाकर बन गए बड़े-बड़े नेता अभिनेता डॉक्टर वकील अभियंता और भी कई अधिकारी पर मनुष्य कितने बने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 137 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read दो घूंट अद्भूत सहास जगाया, हे मानव! खुद को ही बहकाने का खुशी मना रहा है या गम छूपा रहा जमाने का। रईस इतना हो गया या कारोबार बढ़ा रहा महकाने का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 135 Share Jyoti Roshni 17 Feb 2024 · 1 min read ऐसा घर चाहिए...... जहां न आए गमों की धूप ऐसा घर चाहिए। जहां न कोई रूप ऐसा दर चाहिए। मतलब की इस दुनिया में, औरों का पता न हो मालूम लेकिन खुद की... Poetry Writing Challenge-2 1 409 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read बाक़ी है..! "मंज़िल तो चुन ली है, बस रास्ते पर चलना बाकी है। आफताब तो बन गई हूं, बस आसमान में चमकना बाकी है। कदम बढ़ाना तो सीख गई हूं, बस चलते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 135 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 17 Feb 2024 · 1 min read ఇదే నా భారత దేశం. భారత దేశం ఒక దేవాలయం భారత దేశం ఒక సాంస్కృతిక ప్రదేశం భారత దేశం ఒక వీరుల ప్రదేశం భారత దేశం ఒక శాంతి ప్రదేశం భారత దేశం ఒక ప్రేమ ప్రదేశం. భారత దేశం ఒక సువర్ణ ప్రదేశం. భారత... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 179 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read कौन नहीं है...? "कौन क़िस्मत का मारा नहीं है? कौन अपनों से हारा नहीं है? ये बात-बात पर मरने की बातें करने वालों, ये गलतफहमी पालने वालों कि सिर्फ़ एक आप ही मौत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 123 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read नेता जब मन में उठा लेता हूं तो उनको भी जान लेता हूं जो स्वयं को समाज राष्ट्र व्यक्ति का हितैषी होने का स्वांग रचा करते हैं सामाजिक सम्मेलन चुनावी सभाओं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 54 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read चलो♥️ "चलो, इस भागदौड़ भरी माहौल का, थोड़ा-सा लुत्फ़ उठाया जाए। इस भीड़ में खोकर, अपने ग़म को भुलाया जाए।" - सृष्टि बंसल Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शेर 119 Share Deepesh purohit 17 Feb 2024 · 1 min read बेटी हूँ माँ तेरी बेटी हूँ माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी।। घर की सारी जिम्मेदारी, आँगन की बिखरी फूलवारी । चाहे नल में जल की बारी, या कपड़ाें से भरी अलमारी।। चीजें तेरी एक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 139 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read जो हैं आज अपनें.. "जो हैं आज अपनें.. कल पराए हो जाएंगे। जो हैं आज पराए.. कल अपने हो जाएंगे। ये हक़ीक़त भी न.. ऐसे सपने दिखा देती है कि, 'जो हैं आज हक़ीक़त..... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शेर 114 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read मानसिक विस्फोट कभी-कभी मस्तिष्क के आसपास असंख्य प्रसंग घटनाएं और असीमित कल्पनाएं कई स्थितिया विविध विसंगतियां कहीं दुर्गति कहीं थोथी प्रगति ये समूह में आकर तैरती रहती सृजन की सक्रिय चेतना में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read आटा लूटा दिया, मैने भी यौवन खातिर तुम्हारी जान के मैं भी तो चाहता था खिलना महकना चाहता था शान से। सखी पवन संग झूला- झूलना हल्की-हल्की बरसात में मस्ती करता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 147 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read सोचा होगा जरुर किसी ने सोचा होगा, इस मिट्टी में कुछ बोना । उसका ही परिणाम था, जो उग रहा, मिट्टी में सोना। जरुर किसी ने सोचा होगा एक दुसरे से दूर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 130 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read चर्चित हो जाऊँ थोड़ा सा चर्चित मै भी हो जाँऊ नही,नही? नही। हो जाँऊ। आवश्यक नही कि,हो चर्चा जीवन निर्वाह का निकले खर्चा थोड़ा सा अर्जित हो जाँऊ नही,नही? नही। हो जाँऊ। असमंजस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 158 Share Sonu sugandh 17 Feb 2024 · 1 min read Snap chat वाली दोस्त Snap chat पर तूझें catch किया तेरी मेरी यारी का रिश्ता match किया थोड़ी थोड़ी तूझ से बात हुयी छोटी सी एक मुलाकात हुयी पहली नज़र में ही तु भा... Poetry Writing Challenge-2 79 Share Sonu sugandh 17 Feb 2024 · 1 min read पहला ख्याल तु नहीं मेरा पर मेरा सा लगता है मेरी हर चींज पर हक तेरा सा लगता है जानें क्या है तेरे मेरे बीच में तू है तो दोस्त मेरा पर... Poetry Writing Challenge-2 110 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read शौक या मजबूरी कर्ता कारक, उद्देश्य-लक्ष्य में परिवर्तित। कारण शौक है या मज़बूरी। सामंजस्य , कुछ अजब सा है इंगित। पास ला देता ही है, दुरी। नृप मारे मृग शौक से। थी न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 142 Share Sonu sugandh 17 Feb 2024 · 1 min read खत ए ईश्क खत उसनें खोला भी नहीं और सब पढ़ लिया जो मैंने कहा भी नहीं सब वो उसनें सुन लिया दिल पर अपनें रख के हाथ धडकनें मेरी सुनता रहा सपनें... Poetry Writing Challenge-2 101 Share Sonu sugandh 17 Feb 2024 · 1 min read छौर कर लिया कि इस रूप में तु है या तुझ में ये रूप है कि इस रूप में तु है या तुझ में ये रूप है उदासी के अंधेरे में मुस्कुराहट की... Poetry Writing Challenge-2 104 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read वृक्ष पुकार जीवन मुझमे भी है तुम जैसा, शस्त्र सीने पर मेरे ताड़ते हो, क्यों? पुकारता है वृक्ष , सुन लो मेरी पुकार। जी रहा हूँ मैं , बड़ रहा है आकार।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 142 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी और मौत मैं अपनी जिंदगी को साथ लेकर चलने का प्रयास करता वही मौत भी मेरी जिंदगी से मिलने का दुस्साहस करती है और मैं मूक दर्शक बनकर उन दोनों के बीच... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 135 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read *विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।* वेदना, मजबूरी, गुरूर संलिप्त विराजमान, स्तरवार! यह सत्य है। स्तर निम्न का, अनसुनापन है। जियें मध्यम ,आप-अपने में । बड़ा, बड़े का ही बना पड़ा हैं विभाजन, स्तरवार! यह सत्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 141 Share Sonu sugandh 17 Feb 2024 · 1 min read निच्छल नारी एक टक एक पग सब करती है बिना आह किये सब का मन रखती है इसका करो ,उसका करो ,सब का करो खुद की खुशी छोडकर सब का भरो दो... Poetry Writing Challenge-2 66 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी नज़र बूरी, लगी मेरे गाँव को हटानी नज़र थी, हट हम गए । चुन लिया, आशियाना शहर को दूर गाँव की उस पनघट से। याद आता वह खेत-खलियांन जोतता हल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 141 Share Sonu sugandh 17 Feb 2024 · 1 min read गिरगिट सी दुनिया जिसनें जैसा चाहा वैसा अफसाना बना दिया सीधी सी बात को बातों का खजाना बना दिया थी उसकी और मेरी यारी तो सच्ची लोगों ने मोहब्बत का नजराना बना दिया... Poetry Writing Challenge-2 64 Share Shutisha Rajput 17 Feb 2024 · 1 min read अपमान मौत इन्सान को एक , बार मारती है। मगर अपमान का घूंट, तिल तिल कर मारता है। इन्सान गुस्से से बेकाबू होकर, शब्दों पर न लगाम लगा पाता है। सामने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 72 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read मेरी कलम कविता लोग कहते है कि कुछ दिनों से मैं बदल सा गया हूं पर लगता है समय से पहले मैं संभल सा गया हूं चाहे मेरा कोई साहित्यिक अतीत नही और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 103 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन वो भी था एक जमाना, खुशियों का न कोई ठिगाना, हंसी मजाक खुब करना , चंदामामा का चाहना, तितली पकडने का बहाना, अहा, बचपन बहुत सुहाना । बांस के छड़ी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 125 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read कुछ शब्द कुछ भाव कविता कुछ शब्द इकट्ठे करता हूं कुछ भाव इकट्ठे करता हूं दुख दर्द लिए फिरते हैं कुछ आस लिए फिरते हैं कुछ दर्द बयां करते अपना कुछ चेहरे पर आभास लिए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 67 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read माँ स्त्री! माँ रुपा अवतार जगत की रचना ईश्वर ने रची महान है॥१॥ जब यह पाएं पद्दवी मातृत्व की सचमुच बहुत शीर्षस्थ स्थान है॥२॥ अलंकृत दृष्टि पद गहन की सुसज्जित हृदय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 145 Share Previous Page 27 Next