Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 16 Next Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #स्याह-सफेद# इस बदरंग दुनिया में स्याह-सफेद मत देखिए, बिकते रिश्तों के संसार में पैसों पर बिछी शह और मात देखिए, इस दुनिया में कब, कौन किसी का हुआ अब तो बस... Poetry Writing Challenge-2 125 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 20 Feb 2024 · 1 min read రామయ్య రామయ్య రామయ్య రామయ్య భక్తులను కాపాడే దేవుడయ్యా. చూడయ్యా చూడయ్యా భక్తులను చల్లగా చూడయ్యా. ఇక్ష్వాకు వంశపు రాజయ్య మహారాజయ్య. దశరధుని కుమారుడు రామయ్య మా దేవుడయ్యా. తండ్రి మాట జవదాటడు రామయ్య మా రామయ్య జానకీవల్లబుడు రామయ్య మా దేవుడయ్య. సత్య... Poetry Writing Challenge-2 85 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 20 Feb 2024 · 1 min read అమ్మా దుర్గా అమ్మా దుర్గా అమ్మా ధుర్గా కరుంచి చే దేవి అమ్మా ధుర్గా. శక్తి స్వరూపిణి అమ్మా ధుర్గా విజయా రూపిణీ అమ్మా ధుర్గా దుష్ట సంహరినీ అమ్మా ధుర్గా కష్టాలను తొలగించే అమ్మా ధుర్గా. అమ్మా దుర్గా అమ్మా ధుర్గా కరుంచి... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 89 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 20 Feb 2024 · 1 min read అమ్మా తల్లి బతుకమ్మ అమ్మా తల్లి బతుకమ్మ భక్తులను కాపాడే జేజమ్మ. నీపూజ చేస్తాము బతుకమ్మ తప్పులను క్షమించు బతుకమ్మ. ఎల్ల వేళలా బతుకమ్మా మమ్మల్ని రక్షించు బతుకమ్మ తంగేడు పూలతో బతుకమ్మ అందంగా చేస్తాము బతుకమ్మా పెద్దపెద్దగా బతుకమ్మ ముస్తాబు చేస్తాము బతుకమ్మా ఆట... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 103 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #ख्वाहिशें # ख्वाहिशों का जिक्र तो बस इतना था, हसरतें बेशुमार थीं, पर तू कहां अपना था, इक अधूरी सी तमन्ना लिए जीती रही कुछ यूं, जब भी तू मिले, बस मेरा... Poetry Writing Challenge-2 56 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है। सजग कर दे राष्ट्र को आचार्य है। गुरु वही जो आत्मपथमय कार्य है। रीढ़ वह ही लोक की बनता सदा। कर्मपथ से ना डिगे वह आर्य है। पं बृजेश कुमार... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 223 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 20 Feb 2024 · 1 min read डोर आस्था की डोर आस्था की आज हृदय के तार बजे हैं गुणगान तेरा ही करता हूं मन वीणा के सुर आज सजे हैं गीत तेरे ही गाता हूं हे पुरुषोत्तम हे रघुवर... Poetry Writing Challenge-2 129 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read प्रकाश एवं तिमिर राष्ट्रहित के ज्ञान का आकाश बन। प्रेमरूपी प्रवलता की प्यास बन। लिखे तेरी जीवनी इतिहास नव। जागरण गीतों को गा प्रकाश बन। तिमिर में अनचेतना का भूप है। मन प्रकाशित,दिव्यता... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 160 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 20 Feb 2024 · 1 min read నమో గణేశ *నమో గణేశ!* ఆది దేవా నమో నమః వినాయక నమో నమః విశాల కన్నులు కలవాడా, విశ్వ మంతటి కి శాంతి ప్రసాదించు దేవా. జ్ఞాన మార్గం వైపు నడిపించు మహాదేవా. విశ్వమంతా చల్లని చూపుతో చూడు దేవా. ఎలాంటి విఘ్నలూ... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 124 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read # चांदनी# ऐ चांद, तेरे नूर से नहाई शफ्फाक़ चांदनी, जब हर रात अपनी अदा बिखेरती है, कहीं ना कहीं हर आशिक़ को तुझसे रश्क़ तो जरूर होता होगा. सितारों की इस... Poetry Writing Challenge-2 59 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read ज्ञान -दीपक सूर्य डरता ना कभी भी, बदलियों के राज से। कुछ समय तक छिपे पर वह,पुनि उगेगा नाज से। मग के पत्थर रोक सकते न कभी आलोक-डग। ज्ञान -दीपक जगमगाते, हर्ष... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 184 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read माॅं मातु प्रियताभाष में सद्भाव का संगीत है। आत्मसत् की निकटता से भरा स्वर औ गीत है। हृदय-धड़कन से बना, शुभ पालना सद्प्रेम का। मातु तुझसे उच्च ,जग में नहीं देखा... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 181 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #एक गुनाह# बात जब उसूलों की हो तो कोई अपनी मर्जी चलाए कैसे? मुस्कान झूठी और लफ्ज़ किताबी हों तो कोई किसी शख़्स अपना बनाए कैसे? ख्याल और जज़्बात बेमानी हो जहां... Poetry Writing Challenge-2 60 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अरमान....!!! *** "" चल फिर दो कदम चलते हैं... जिंदगी के किताब को फिर पढ़ते हैं...! कुछ दिन पहले का ये सफ़र... बस यूं ही कैसे गुजर गए, कोई अनुमान नहीं...! कुछ... Poetry Writing Challenge-2 153 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read आशा का सवेरा निराशाओं के भंवर से ही भोर का उजियारा जनमता, लहरों से लड़कर ही हर मौज को किनारा है मिलता, प्रकृति के कण-कण में बिखरे हैं, खुशियों के धवल मोती, मगर... Poetry Writing Challenge-2 61 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 20 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परिनिर्वाण पर प्रस्तुत हैं ग़ज़ल के भाव में कुछ श्रद्धा-शब्द-सुमन । :: अस्त हुआ रवि वीतराग का :: ________________________ अस्त हुआ रवि वीतराग... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 2 175 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा। सहजता के आवरण को अब सम्हालो। मद का सारा मैल धोकर के निकालो। दिव्यता की कसौटी पर निज को कसकर। सत्आत्मा की सबल लौ दिल में जगा लो। तभी तो... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 224 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #नज़र # वो जो चाहिए थी मुझको, वो एक नज़र थी तुम्हारी, तुम नज़र भर देखते, और इक नज़र से संवर जाते हम, पर, तुमसे ये भी न हुआ कि तुम ये... Poetry Writing Challenge-2 48 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read उल्लास रोक सकते हो मुझे,तो रोक लो। बढ़ रहा हूॅं, चेतना -आलोक लो। काट डालो तुम हमारे अस्त्र सब। किंतु गह सद्ज्ञानरूपी लोक लो। चेतना-सद्ज्ञान में ना त्रास है। सो गए... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 1 173 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read ये एक तपस्या का फल है, ये एक तपस्या का फल है, नारी जीवन इक संबल है, संबल है उस नर का जिसकी जननि है वह, वह नर जो नारी की लेता है अग्नि परीक्षा, वह... Poetry Writing Challenge-2 1 60 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #हिचकी# तुम्हें याद हो न कि न याद हो मुझे याद सब है जरा-जरा..... मैं भूलना भी चाहूं तो तेरी यादों पर है, हिचकियों का पहरा, तेरी बेवफाई का गम अब... Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read दुखों का भार राष्ट्र पर अब भी दुखों का भार है। दिल गरीबी की वजह से क्षार है। दिख रही शोषण -अशिक्षा की कसक। कहें कैसे, अब न अत्याचार है? पं बृजेश कुमार... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 1 235 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read लाल पतंग उड़ा रहा है आसमान में सोनू अपनी लाल पतंग।। देख-देख खुश होता मोनू कितना प्यारा इसका रंग।। चीनू , गोलू , ढोलू , भोलू पतंग उड़ाते हैं मिलकर। एक दूजे... Poetry Writing Challenge-2 107 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read मैं तुमको जी भर प्यार करूँ, मैं तुमको जी भर प्यार करूँ, तुम गीत, गज़ल, अशआर बनो मैं तुमको पढ़ बीमार बनूँ, ना समाचार, अख़बार बनो Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read चिड़ियाघर चलो चलें चिड़ियाघर बच्चो देखेंगे हम मोर वहां।। हाथी ,बंदर, भालू, घोड़ा सब मिल करते शोर वहां।। चिड़िया चींचीं करती रहती चुगती वो तो दाना है।। तोता मिट्ठू-मिट्ठू बोले कोयल... Poetry Writing Challenge-2 147 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read बन्दर इंस्पेक्टर बंदर बन गया है इंस्पेक्टर लेता है वो सबसे घूंस। पैसे लेता डरा-डरा कर और चूसता सबका खून।। एक दिन उसको घूंस मिली न बंदर हो गया तब बेचैन। भालू... Poetry Writing Challenge-2 61 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 20 Feb 2024 · 1 min read द्वार मैं तेरे आऊं द्वार मैं तेरे आऊं हृदय मलिन ले तन ले उज्जवल द्वार मैं कैसे आऊं सब द्वारों पर फल कर्मों के कैसे भीतर जाऊं हृदय मलिन ले तन ले उज्जवल द्वार... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read आज़ादी मां ने बेटो को खोया है आजादी ऐसे न पाई। रोये है आकाश धरा भी कितनों ने जब जान गवांई। सत्य अहिंसा के थे पुजारी हिंसा को न अपनाया।। आजादी... Poetry Writing Challenge-2 46 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read बन्दर-बिल्ली बंदर दे दो एक मिठाई बिल्ली हंसकर के बोली।। कुटिल हंसी थी उसकी लेकिन फैलाए थे वह झोली।। बंदर ने दी एक मिठाई तब बंदर पर वो झपटी। ले कर... Poetry Writing Challenge-2 49 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read स्कूल चले गुनगुन, मुन्नू, बबलू, गुड़िया सब मिलकर स्कूल चले। जाते हैं स्कूल सुबह से घर आते हैं सांझ ढले।। बस्ता, बॉटल, टिफिन हमारा मम्मी रोज ही रखती हैं। सबसे पहले उठ... Poetry Writing Challenge-2 97 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read मेरी कमाई कमाई मेरी ऐसी नहीं कि रुपैया मेरी जेब में खनकता हो, पर, हां, मेरी चौखट पर कदम रखते ही तुम्हें मिलेगा प्यार, आदर और सत्कार, गद्दे भले मखमली न होंगे... Poetry Writing Challenge-2 1 80 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read अच्छे बच्चे अच्छे बच्चे पढ़ते-लिखते बिल्कुल नहीं झगड़ते हैं। आसमान से तारे तोड़ें सफल सीढ़ियाँ चढ़ते हैं। खेलकूद में अव्वल रहते समय से करते सारे काम। नित्य सुबह शाला को जाते जग... Poetry Writing Challenge-2 53 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read गुल्ली डंडा आसमान के तारे अम्मा हमको लगते हैं प्यारे। चलो तोड़ लाएं इनको यह तो है कितने सारे।। पापा-मम्मी, दादा-दादी सब मिलकर आकाश चलें। रोज देखते हम तो इनको मन होता... Poetry Writing Challenge-2 64 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read आह राष्ट्र के निर्धन हृदय में,आह यदि रह जाएगी। कहें कैसे,हिंद हिय को दुख नहीं पहुचाॅंएगी। एक नर के रक्त में भी यदि कहीं पीड़ा है तो। दिव्य भारत-भाल को वह... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 1 169 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read दोस्त तुम अलग हुए दोस्त तुम अलग हुए और फिर बदल गए कब मिले,कहाँ मिले याद भी नहीं रहा स्कूल का वो फेयरवेल जब लगा,पहली दफ़ा हम ज़रा सा ही सही, हाँ मगर बिछड़... Poetry Writing Challenge-2 1 57 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read फूल हरित पत्तों की पर्दों में है, तने के अंत में जीवित है, शोभा पेड़ की बढ़ाती है, एक सुंदर फूल जो है, पर, नज़र जब लोगों की पडती है, तोड़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 108 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read पेड़ लगाओ माली दादा पेड़ लगा दो आम पपीता और अनार। पेड़ हमारे जीवन दाता चलो करें इनका आभार।। हम सब मीठे फल खाएंगे स्वस्थ रहेंगे फल खाकर। दोस्त सभी मिलजुलकर खेलें... Poetry Writing Challenge-2 96 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read व्यंग्य आपको सिखलाएगा व्यंग्य आपको सिखलाएगा, यदि सद्ज्ञानी हो। द्वंद्व -अचेतन दर्श,समझ लो तुम मन-मानी हो। स्वसद्वोधालोक -प्रदाता,बनकर करे विकास। गुरु-सम मानो उसे, तभी तुम चेतन प्राणी हो। पं बृजेश कुमार नायक Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 183 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read गैलरी विद्यालय से विश्वविद्यालय तक न जाने कितने दोस्त थे जो भुलाए न जा सके, कुछ सोशल मीडिया पर फिर आ मिले कुछ अभी भी यादों की गैलरी में ही हैं। Poetry Writing Challenge-2 51 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read नटखट कान्हा कान्हा मेरा कितना नटखट। जाता है ये रोज ही पनघट।। चुरा-चुरा कर माखन खाता। ये तो मुरली रोज बजाता।। जंगल में ये गाय चराता। सब बच्चों के मन को भाता।।... Poetry Writing Challenge-2 71 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read मन अनमना-सा हो गया है,मन न जाने क्यूँ आज फिर से खो गया है, मन न जाने क्यूँ धूप की चादर पहनकर,दोपहर के वक्त छत पे जा के सो गया है,मन... Poetry Writing Challenge-2 61 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read सब्जियाँ बच्चों देखो खेत में अपने झांक रही है भिंडी रानी।। सूख ना जाए धूप कड़ी है पौधों में डालो पानी।। लाल टमाटर गोल-गोल है करता है यह शैतानी। अगर है... Poetry Writing Challenge-2 40 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read मोर जंगल चलो देखने मोर। करना मत बच्चों तुम शोर। पंखों के भी रंग हैं कितने। इंद्रधनुष में होते जितने।। नाचता है यह पंख पसार। सब करते हैं इससे प्यार।। देख... Poetry Writing Challenge-2 45 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read जो विष को पीना जाने जो विष को पीना जाने वह ही तो मीरा है। मूरख के आगे अक्ली की बोली तीरा है। कड़क वाक् से, सीख ग्रहण कर लेता जो तज ताप। सहज बने... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 225 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read बधाई कभी फूलों सा मुस्काई कभी पत्थर से टकराई कभी पवन सा लहराई कभी बदली सी तू छाई ऐ जिंदगी, तुझे जन्म दिन की ढेरों बधाई!! Poetry Writing Challenge-2 57 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read धोखेबाज शेर शेर था धोखेबाज बहुत ही चलता था पर लाठी टेक। एक दिन आया एक सियार भाग रहा था शेर को देख।। बोला शेर जरा रुक भाई तुझे नहीं मैं खाऊंगा।... Poetry Writing Challenge-2 61 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read सागर सागर देखो कितना गहरा। फिर भी है ये ठहरा-ठहरा।। मोती मिलते हैं अनमोल। मोती जिसमें मिलते गोल।। इतना पानी कहां से लाता। ये तो हमको समझ न आता।। दिखता है... Poetry Writing Challenge-2 114 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read मंदिर में मिलेगा न शिवालों में मिलेगा मंदिर में मिलेगा न शिवालों में मिलेगा ये भूख का भगवान निवालों में मिलेगा लायक़ हो इबादत के,पूजा के योग्य हो ऐसा कोई भी शख्स खयालों में मिलेगा। Poetry Writing Challenge-2 53 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read नाव कागज की एक नाव बनाई। पानी में फिर इसे बहाई।। कहां-कहां ये जायेगी। क्या ये वापस आयेगी।। एक सफेद, एक रंग-बिरंगी। गुड़िया बना रही बेढंगी।। नाव के देखो कैसे हाल।... Poetry Writing Challenge-2 62 Share विजय कुमार नामदेव 20 Feb 2024 · 1 min read जाने कौन जाने कौन बनाता बादल इनमें पानी भरता कौन। बिजली इनमें कहां से आती गड़गड़ गड़गड़ करता कौन। कौन जो सागर के पानी में इतना सारा नमक घोलता। कोई तो होगा... Poetry Writing Challenge-2 3 6 244 Share Previous Page 16 Next