Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4374 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sapna Arora 2 Feb 2024 · 1 min read 1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम” काग़ज़ के कोरे पन्नों पर चूमा जब कलम ने, अपना सा अहसास हुआ जनाब क़सम से। दिल की बात छू गई ज़हन से, लिखती गयी कलम फिर गहन में। अंगुलियाँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 83 Share Skanda Joshi 23 Jan 2024 · 1 min read अच्छी किस्मत बहुत कुछ खोकर , बहुत कुछ पाया है मैने , और लोग उसे मेरी अच्छी किस्मत कहते है । खुद तन्हा रहकर , दूसरो का साथ निभाया है मैने ,... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge · Skanda Joshi · कविता 1 65 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 7 Feb 2024 · 1 min read देश है तो हम हैं //मुक्तक// देश है तो हम हैं, यह भान होना चाहिए। देश के प्रति दिल में, सम्मान होना चाहिए। जीते तो सभी हैं यहांँ, आन-बान-शान के लिए। देश के लिए जो... Poetry Writing Challenge-2 67 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 15 Feb 2024 · 1 min read ढलता वक्त घर के घर आए जद में उनकी उस जिद से । जलजला नहीं सैलाब था उनके भीगे पलकों से ।।१।। शहर चमकती रोशनी में दमक रही थी दुल्हन–सी। झरने,बादल सारे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 1 99 Share शिवम राव मणि 23 Jan 2024 · 1 min read इंतजार बाकी है सुबह का शाम से यूँ इतजार बाकी है खौफ में जिन्दगी खुशियों में आधी है अभी कुछ धुधला है फलक दूर तक अभी मयस्सर कुछ रास्ते अधूरे भी है अभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share Chunnu Lal Gupta 18 Feb 2024 · 1 min read !! बोलो कौन !! दानवता के विष बेल को आगे बढ़ रोकेगा कौन ! असुरों का वध करनेवाला बोलो राम बनेगा कौन !! सीता पर कुदृष्टि डालते पहले उन्हें वधेगा कौन ! हर तन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 391 Share Otteri Selvakumar 25 Jan 2024 · 1 min read ये लोकतंत्र है राजतंत्र चला गया यदि गणतंत्र जश्न मनाता है कि लोकतंत्र आ गया है यहां फिर से बहुत से लोग राजशाही चाहते हैं... द रीज़न... आज सत्ता में हैं उपस्थित सभी... Poetry Writing Challenge-2 88 Share संजय कुमार संजू 17 Feb 2024 · 1 min read श्रम साधक को विश्राम नहीं श्रम साधक को विश्राम नहीं खूब, देखी इसकी साधकी।। श्रम का फल मीठा होए साधक, श्रम से इसे बोए। साधना में इसकी विराम नहीं श्रम साधक को विश्राम नहीं ।।... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · Best Poem · कविता 90 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read किताबें सुनो प्रिय किसी राह किसी मोड़ पे क्षितिज के उस पार जब हम दुबारा मिले तो ! एकदूसरे के लिए हम ढेर सारी किताबें ले कर आएँ (यद्यपि ये जानते... Poetry Writing Challenge-2 · किताबें · तुम · सफ़र 66 Share Kumar lalit 6 Feb 2024 · 1 min read जमाना गया जो कहना था उनसे वो कहा ना गया दिल इतना दुखा की फिर सहा ना गया अब प्यार के लिए अपनी इज्जत नीलाम करे अरे छोड़ो जी, अब वो जमाना... Poetry Writing Challenge-2 · दर्द शायरी 1 92 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read मेरी कमाई कमाई मेरी ऐसी नहीं कि रुपैया मेरी जेब में खनकता हो, पर, हां, मेरी चौखट पर कदम रखते ही तुम्हें मिलेगा प्यार, आदर और सत्कार, गद्दे भले मखमली न होंगे... Poetry Writing Challenge-2 1 55 Share शिव प्रताप लोधी 27 Jan 2024 · 1 min read ''गॉव की वो लड़की करती है प्यार मुझे'' दरवाजे से छुपकर देखती है रोज मुझे, गॉव की वो लड़की करती है प्यार मुझे मेरे आने जाने का समय पता है उसे कहती नहीं कुछ बस देखती है मुझे... Poetry Writing Challenge-2 75 Share Tarun Singh Pawar 28 Jan 2024 · 1 min read श्री रामलला 22 जनवरी का दिन पावन, आए रामलला मनभावन । आ गए कौशल्या के नंदन , उनके चरणों में मेरा वंदन ॥ 1 ॥ राम विरोधी रहम गए है , सोचे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 107 Share shahab uddin shah kannauji 28 Jan 2024 · 1 min read सितारा कोई اب تمہارا نہ کوی اور نہ ہمارا کوئ زندگی کس طرح ممکن ہو گزارا کوئ اشک غم چشم چراغاں ہیں محبت کے جناب روشنی ان کے علاوہ نہ سہارا کوئ... Poetry Writing Challenge-2 84 Share Neerja Sharma 24 Jan 2024 · 1 min read सुंदरता नमन मंच 🙏🙏 सुंदरता क्या है? मिथ्या इस संसार में, सब है आना जाना , क्यों घमंड करे रे बंदे, सब यहीं रह जाना। तन की सुंदरता न ज्यादा काम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 55 Share Shinde Poonam 1 Feb 2024 · 1 min read ये बीते हूये कल ये बीते हूये कल थोड़ा जीना सिखा दें खोया है बहूत कुच, अब पाना सिखा दें... है गुज़ारिश ये मेरी, मेरे दिल और दिमाग से बुरे को भूल जाए पर,मूस्कूराना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 35 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** सागर की लहरें....! *** "" न जाने वो कौन सी बात है , जो सागर की लहरें... मुझसे कुछ कह जाती है...! धीरे-धीरे कुछ पल में... मेरे पांव तल से रेत सरक जाती है...!... Poetry Writing Challenge-2 1 2 97 Share अखिलेश 'अखिल' 15 Feb 2024 · 1 min read शिकवा शिकवा Poetry Writing Challenge-2 1 121 Share पूनम झा 'प्रथमा' 30 Jan 2024 · 1 min read 1) आखिर क्यों ? पूरी जिंदगी हम भ्रम में गुजार देते हैं, फिर भी भ्रम को भ्रम नहीं समझते हैं, कभी अपना होने का हवाला देते हैं, तो कभी जिम्मेदारी का भुलावा देते हैं,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 2 78 Share Ashwani Kumar Jaiswal 1 Feb 2024 · 1 min read _ऐ मौत_ ऐ मौत दे विश्वास तू अडिग है अटल है निराकार है साकार भी समय की छाती पर बहती उन्मत्त नदी सी ऐ मौत तू ही सच बाकी मिथ्या जिंदगी मिलती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 50 Share Kanchan Alok Malu 24 Jan 2024 · 1 min read चाँदनी रातों में, सितारों की बातों में, चाँदनी रातों में, सितारों की बातों में, दिल से दिल मिलता है, प्यार का एहसास होता है। तेरी मुस्कान में, जो राहत मिलती है, जीवन को हर पल, एक नया... Poetry Writing Challenge-2 3 2 76 Share Mamta Singh Devaa 24 Jan 2024 · 1 min read प्रभु श्री राम कल रात प्रभु सपने में आये थोड़ा मंद मंद मुस्काये.... मैने पूछा प्रभु खुश तो हैं अब जानता हूँ आप ही का खेल है सब , प्रभु ये सुन फिर... Poetry Writing Challenge-2 · अयोध्या · पत्थर · प्रभुश्रीराम · मान · वनवास 80 Share हिमांशु Kulshrestha 25 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम महज एक व्यक्ति से ना होकर सम्बंधित है पूरी क़ायनात से .... तुम्हारे साथ ना रहने पर भी मैंने तुम से इश्क़ जारी रखा. तमाम छोटी छोटी चीज जो... Poetry Writing Challenge-2 54 Share Shutisha Rajput 26 Jan 2024 · 1 min read मां की जिम्मेदारी आज मैं एक कहानी सुनाती हूं, एक मां और उसके बच्चों की दास्तां बताती हूं। आज मां किसी बस अड्डे व रेलवे, स्टेशन पर बैठी है बेसहारा होकर। कभी वक्त... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 87 Share Vansh Agarwal 30 Jan 2024 · 1 min read एक सपना देखा था तुम्हे पता नही मै कौन मै तो चाहता था तुम्हें तेरी फोटो देखी, वीडियो देखी तू मेरी मै तेरा था एक सपना देखा था.... नाम पता था, ढंग पता था... Poetry Writing Challenge-2 · Romantic · कविता · चाहत · दर्द · प्यार 92 Share पूर्वार्थ 5 Feb 2024 · 1 min read सत्संग सत्संग में, सत्संग नहीं सत्संग में बहुत लोग बैठते है, पर सत्संग बहुत कम लोगो में बैठता है। कुर्सी तो सबको मिल जाती है, पर सत्संग का फल, सबको नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 43 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read कमजोर नहीं हूं मैं। हर सुबह मेरा एक सपना होता है, कभी दूसरों के लिए, कभी अपना होता है। हर पल उनको पूरा करने की चाह होती है। ना दिन की फिक्र ना रात... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 17 70 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Jan 2024 · 1 min read चंद मुक्तक- छंद ताटंक... अपनी भाषा अपनी संस्कृति, किसे न मोहित करती है ? अपनी माँ या अपनी मासी, किसे न प्यारी लगती है ? पर अपना ये देश अनूठा, पर संस्कृति पर मरता... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 1 89 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 22 Jan 2024 · 1 min read मैं अपने अधरों को मौन करूं मैं अपने अधरों को मौन करूं तुम मेरे नैनों से बात करो छोड़ो शब्दों का ये ताना बाना तुम नैनो से नैनो की बात करो एहसासों के सागर में से... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 64 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read आनंदित जीवन चेहरे की हंसी दिखावट सी हो गई है असल जिंदगी भी बनावट सी हो गई है। अनबन बढ़ती जा रही है अब रिस्तों में भी, अपनों से भी अब बगावत... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 17 1 54 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या? मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या? तेरे कांधे सिर रख सो लूं क्या? लोग भला क्या सोचेंगे? इसे भुला अब रो लूं क्या? दो बूंदों के मिलने से कपाल पे एक... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 17 77 Share goutam shaw 22 Jan 2024 · 1 min read आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का ) आकांक्षा तारे टिमटिमाते बस देखता मुस्कुराता रात के आंचल मे छिपता बचत बचता ……….. टूटा सितारा निशा के आगोश अंदर से सुलगता सुलगे – सुलगे सुलगता धुवा कही न होय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 59 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read एक दिन रेशम सी नर्म जुल्फें अपनी मुझ पे लहराओ एक दिन क्या दूर से ही देखते हो यूं ही बरस जाओ एक दिन । हवाओं की तरह गुजरो दिल की तंग... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 17 62 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read बेकरार हर तरफ हर जगह बेशुमार हूं मैं चैन से जीने को बेकरार हूं मैं! अपनों की भीड़ में अपनों के आस पास अजनबियों की कतार में शुमार हूं मैं! कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 17 91 Share goutam shaw 23 Jan 2024 · 1 min read हे मन हे मन, तुमको कैसे कौन, पल-पल समझें ? धड़क धड़क करता ये है हमारी धड़कन….. विचारों के समुंदर में डुबा, सपनों की ख्वाबों में निभोर, हाथों में उम्मीदों का दीपक,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 73 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read जीवन यात्रा एक साल की जीवन यात्रा और हो गई पूरी कुछ इच्छाएँ पूर्ण हुई ज्यादातर रही अधूरी फिर भी दूँ आभार तुम्हें लगता यह बहुत ज़रूरी ओ मेरे जीवन के दुःख-सुख,... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 17 1 79 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read जलाया करता हूँ, ऐसे ज़माने को जलाया करता हूँ, मैं चाँद को छत पे बुलाया करता हूँ। जब बात आती है बरसने की सुनो, मैं शर्त बादलों से लगाया करता हूँ। ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ पर... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 17 69 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read काश काश, ज़रा-सा ये हो पाता... मैं भी बिल्कुल तेरे जैसा दिल से पत्थर ही बन जाता..! ज़ज्बातों का असर बेअसर मुझ पर भी यूं ही रह जाता...! उफ़ भी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 17 67 Share goutam shaw 23 Jan 2024 · 1 min read हर एक चेहरा निहारता हर एक चेहरा निहारता, कोई एक चेहरा तलाशत, दस्तक देता था जो कोई, ख्वाबों की दुनिया में भी, बजते थे तल मृदंग, एक एक धड़कन में, अनुभिज्ञ हर पल खोजता,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 71 Share ज्योति 23 Jan 2024 · 1 min read मैं गणित हूँ शून्य से शुरू अनंत तक भी खत्म नहीं , चलती – फिरती हिसाब – किताब की छड़ी हूं । क्योंकि मैं गणित हूं ! जोड़ती अंकों को , घटा से... Poetry Writing Challenge-2 1 69 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read उसका प्रेम एक दिन सागर ने नदिया को रोककर पूछा “तुम मुझसे मिलने को दौड़ी-दौड़ी क्यों आती हो ? तुम मुझसे मिलने को भागी भागी क्यों आती हो ? क्या तुम्हें मुझ... Poetry Writing Challenge-2 1 41 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read तमाशा तमाशा अद्भुत होता है परंतु सत्य से परिपूर्ण यह समारोह सारी व्यस्तताओं के रहते भी समय निकाल लेते हैं हम रुचि अरुचि का न कोई भान होता सहर्ष सभी स्वीकार... Poetry Writing Challenge-2 1 32 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read घाव घाव बहुत अद्भुत हो तुम बचपन में मिले जब भी हम तेज भागे दौड़े बेतहाशा खोकर होश परंतु भर गए कुछ ही दिनों में वे घाव अब पता भी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 1 62 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read चल विजय पथ चल विजय पथ ------------------ कुशलतम प्रज्ञान है गर, सार्थक अभियान है गर, फिर कहीं रुकना नहीं तू, विघ्न में झुकना नहीं तू। अनवरत चलता रहे रथ, सफल होंगे बस यही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 88 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read मिलने को तुमसे मिलने को तुमसे…… काजल की बन कोर प्रिये, हम तुमसे मिलने आयेंगे। जीवन पथ पर चलते-चलते दो मोड़ कहीं चल पाएं हम, कर्मशील इस पथ पर बढ़ते , ओझल गर... Poetry Writing Challenge-2 1 77 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया अच्छा हुआ कि कश्ती ने तेवर समझ लिया जिस दाम जिसने चाहा उसी दाम में रखा मुझको किसी ग़रीब का ज़ेवर समझ... Poetry Writing Challenge-2 78 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read माटी माटी माटी तेरे कितने रूप कितने ही तेरे प्रतिरूप अगणित गुणों को स्वयं समेटे रंग तेरे काया अनुरूप शून्य का पर्याय कभी तुम जीव जगत का बनती आधार तुमसे उपजे... Poetry Writing Challenge-2 1 82 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read रामू जिस दिन यह पता चला रामू चौकीदार को कि सड़क तो उसके घर से होकर निकल रही है और अब उसका घर उखाड़ दिया जाएगा उसके चेहरे पर चिंता की... Poetry Writing Challenge-2 1 59 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read संजीवनी तुम कितनी सुंदर लगती हो जब छा जाती हो इस अनंत असीम गगन में अपनी मद भरी चांदनी लेकर मैं भी प्राया सुप्त छोड़ सारे जग को आ जाता हूं... Poetry Writing Challenge-2 1 26 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read एक आकार एक आकार फितरत है पहचान तुम्हारी , फितरत जीवन का आधार । ‘गर फितरत है नेक तुम्हारी , दीवाना है सारा संसार । अपना और पराया जग में , फितरत... Poetry Writing Challenge-2 1 62 Share Page 1 Next