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17 Feb 2024 · 1 min read

श्रम साधक को विश्राम नहीं

श्रम साधक को विश्राम नहीं
खूब, देखी इसकी साधकी।।

श्रम का फल मीठा होए
साधक, श्रम से इसे बोए।
साधना में इसकी विराम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं ।।

संकुचित सोच, विशाल ह्रदय
कैसा भी हो इसका समय।
चिंता इसको कुछ भी नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं ।।

कर्म इसका है कुछ ऐसा।
निस्वार्थ भाव और कम पैसा।
सब करके भी नाम नही
श्रम साधक को विश्राम नहीं ।।

भोर हो या शाम हुई
आयाम और व्यायाम यही।
श्रम साधक को विश्राम नहीं ।
श्रम साधक को विश्राम नहीं।।

-संजय कुमार सन्जू
शिमला, हिमाचल प्रदेश

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