Prithvi Singh Beniwal Bishnoi Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read श्रीराम कृपा रहे श्रीराम विष्णु के अवतार है, श्रीराम जीवन के आधार हैं। मात कौशल्या पिता दशरथ, राम का स्मरण है सुन्दर पथ।। श्रीराम जी भक्त हितकारी है, वो सुनते अरज नित हमारी... Poetry Writing Challenge-2 2 77 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read वो आंगन ढूंढ रहा हूं आज फिर वो आंगन ढ़ूंढ रहा हूँ, जो न जाने कहाँ गुम हो गया है। बहुमंजिल कंक्रीट जंगल में, या ऊंचे फ्लेटों में लुप्त हो गया है। वह आंगन के... Poetry Writing Challenge-2 2 118 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read गरीबी जीवन की है वह अवस्था, जीवन की एक अवस्था। उससे बदत्तर कुछ नहीं है, जीवन की वही दुरावस्था। गरीबी हरपल मारती है, विकट स्थितियाँ लाती है। क्या है करवाती जीवन... Poetry Writing Challenge-2 1 130 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मर्यादा है उत्तम कौशल्या सुत श्रीराम है विश्वास सबकी आस।। अयोध्यापति दशरथ नन्दन जन वंदन।। प्रभु श्रीराम सबके हैं ईश्वर है सर्वेश्वर।। मानव रूप मर्यादा के अवतार पाप संहार।। रामायण में मर्यादा है... Poetry Writing Challenge-2 2 74 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read श्रीराम स्तुति-वंदन हे श्रीराम रघुपति, कौशल्या नन्दन है। दशरथ घर जन्में, करै जगत वन्दन है।। श्रीराम भक्त रक्षक, संतन के हितकारी है। आश करै पूरी नित, करते अर्ज संसारी है।। ऋषि मुनि... Poetry Writing Challenge-2 2 88 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read पहला प्यार सुकून था संग घबराहट थी, लगे वो प्यार की आहट थी। सोच रहा दिन-रात वही मैं, हृदय में एक सनसनाहट थी।। हालत दिल ए बेकरार था, नित मुझे कोई इंतजार... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read तुम्हीं सदगुरु तारणहार प्रातःकाल स्मरण करता, श्रीचरणों मैं नित पड़ता। युक्ति मुक्ति दे सदगुरु जी, ह्रदय से मैं विनती करता।। कुल रक्षक श्रीविष्णु एक, सदगुरु आप कर्या अनेक। मेहर सदा श्रीजम्भगुरु की, है... Poetry Writing Challenge-2 2 81 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read चँदा मामा नहीं दूर के चंदा मामा चंदा मामा, प्यार प्यारे चंदा मामा। दूर नभ में रहते हो, *लगते प्यारे मामा।।* जो दूर भरपूर थे, सोचे हम जरूर थे। घर जो नहीं आते थे, *छुपते... Poetry Writing Challenge-2 2 105 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read श्रीराम ही सहारे राम सबके मन हो उजियारे है, हम सबके श्रीरामजी रखवारे हैं। करे दूर सब अज्ञान अंधियारे है, पालनहार श्रीराम राखनहारे हैं। अब घर घर में मंगल छाएगा, राम नाम आनन्द... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read हमेशा की नींद सुला दी गयी बेटी के, सम्भलने से पहले, उसे पराया धन कहा गया। उसके पढ़ने और आगे बढ़ने से पहले, उसकी शादी की चिन्ता हो गई, तुरन्त वर देखा और शादी कर दी... Poetry Writing Challenge-2 1 102 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read महिला प्रतीक है स्वाभिमान का मेरी भारत माँ धर्म धरा रही है, यहाँ नारी सम्मान परंपरा रही है। यह नारी सम्मान में कविता है, नारी आदर-मान मे कविता है।। भारतीय इतिहास है सम्मान का, महिला... Poetry Writing Challenge-2 1 46 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read बेटी किस्मत से घर पर आई बेटी, खुशियां घर पर लाई है बेटी। जीवन की ये शुरुआत है बेटी, खुशहाली का प्रभात है बेटी।। करती सुन्दर बड़े काम है बेटी, प्रिय... Poetry Writing Challenge-2 1 56 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मां की अभिलाषा माँ आनन्द का वटवृक्ष है, माँ की अभिलाषा दक्ष है। माँ परिवार की मूल होती, माँ बालक सर्वोपरि पक्ष है।। माँ संतान का होवै मूल है, माँ घर के बाग... Poetry Writing Challenge-2 1 50 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read महबूब स्वर्ग से आई इन्द्राणी है महबूब। सर्वोपरि यह सुंदरी मेरी महबूब।। चढ़ा अंग अंग प्यार रंग बदन में। प्यार के नशे में ये मेरी महबूब।। होती ना आँखों से औझल... Poetry Writing Challenge-2 1 91 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read जुदाई जुदाई हो ना फ़ासला देना। हर वक्त साथ हौंसला देना।। नजदीक या तुम दूर रहो। पर कभी जुदाई नहीं सहो।। जुदा जो वही जुदाई दर्द जाने। वे बिना शर्त जुदाई... Poetry Writing Challenge-2 1 60 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read प्रीति निभाना प्रीत की रीत को समझे जो, वे प्रीत को निभाना जानेगा। दिल पर चोट ली हो जिसने, वो नैना नीर बहाना जानेगा।। प्रीत की रीत बड़ी निराली है, आसानी से... Poetry Writing Challenge-2 1 91 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मोर मेरा प्यारा मौर है, पेहुं पेहुं ये शोर है। बड़ा प्यारा प्यारा देख करना गौर है।। सुंदर बड़ा मुख है, लंबी बड़ी पंख है। पीठ पर चढ़े चंदा, बोल बजाए... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read स्वच्छता विष्णु सिद्धि स्वच्छ सदन, निवावां जम्भ गुरु नै शीश। काव्य कला गुरु जम्भ देवै, गुरु जम्भेश्वर की बख्शीश।। गुरु गणपति नै सिर निवावां, करें वन्दन हम शारदा मात। विघ्न हरण... Poetry Writing Challenge-2 1 61 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read धूम्रपान ना कर सच से कदै ना डर, धूम्रपान नहीं कर। होती है बीमारी कई, धूम्रपान ना कर।। ये खुशी चली जायेगी, धूम्रपान नहीं कर। जिंदगी रंग लायेगी। धूम्रपान ना कर।। वक्त का... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read चिड़िया आई सब बच्चों सुणल्यो ध्यान से, करते प्रार्थना हैं भगवान से। छोटी सी एक चिड़िया आई। गौरैया जिसका नाम है भाई।। आ फुदकती मेरे आंगन में, छुप जाती पेड़ के दामन... Poetry Writing Challenge-2 1 66 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read नित नित पेड़ लगाता चल पर्यावरण शुद्ध बनाने को, नित नित पेड़ लगाता चल। शुद्ध प्राणवायु नित पाने को, नित नित पेड़ लगाता चल।। बिदरंग गर्माते ब्रह्मांड हित। वृक्ष लगा धरा हरी बनाता चल।। नित... Poetry Writing Challenge-2 1 68 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read वृक्ष महिमा पीपल नीम अर खेजड़ी, वटवृक्ष भी होता खास। आक्सीजन व लकड़ी दे, छाया में करावै निवास।। अमरलोक से ये परगटे, सबको स्वास्थ्य देवण देव। वेद-शास्त्र गुण पावै नहीं, जन्म जन्म... Poetry Writing Challenge-2 1 48 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read धरा हरी बनाने को पेड़ लगाओ धरती रा रंग हरा हो ज्यासी, थे वृक्षारोपण अब शुरू करो। डांगर ढ़ौर निहाल हो ज्यासी, थे वृक्ष लगाना सब शुरू करो।। वृक्ष काटणिया थक ज्यासी, वनस्पति बचाणी शुरू करो।... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read ज्ञान प्रकृति का हम पाएं आओ बच्चों बात बतायें। ज्ञान प्रकृति का हम पायें।। चाँद और सूरज नित आ, दुनिया में प्रकाश फैलाये।। नभ में यदि चाँद न होता, दिशा ज्ञान हम पाते कैसे ?... Poetry Writing Challenge-2 1 69 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read वृक्ष लगाना भी जरूरी है आक्सीजन चाहिए तो वृक्ष लगाना भी जरूरी है। छाया हमें चाहिए तो, वृक्ष बचाना भी ज़रुरी है।। जीव दया पालणी, नहीं रूंख काटना ज़रूरी है। जहाँ भी जगह मिलै वहीं,... Poetry Writing Challenge-2 1 109 Share