Priya Maithil Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read चुनना केवल तुमको है"" चुनना केवल तुमको है"" है टूट रहे नित- नियम अनेकों, उनका तुम यलगार करो.. क्षण- क्षण को बटोरो जीवन में, या खुल कर तुम बर्बाद करो.. यह तिक्त- मधुर गाथा... Poetry Writing Challenge-2 1 2 120 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब रसा को मूक कर दे ..आत्मघाती कोई कहानी.. जब नयन में नीर ,,बनके तीर से गड़ने लगे, हो व्यथित जब कह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 88 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read सारी उपमा सारी उपमा पस्त हो गई तुमको किस उपमा से जोडूं प्रिय मुझे तुम खुद से ज्यादा कभी तुम्हारा साथ न छोडूं तुम दीपक से अंधकार में हो औषध मन के... Poetry Writing Challenge-2 1 85 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. उर शीतलता भी तिक्त हुई .. फिर क्यों मैं मधुसम गान सुनूं क्यों राह कोई आसान चुनूं?? पूजा था जिसको बन साधक.. बन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 140 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read घने तिमिर में डूबी थी जब.. घने तिमिर में डूबी थी जब.. किसने दीपक दिखलाया.. बैठी थी जब हो बेबस .. तब कहो कौन आगे आया.. अब जब राहों में खुद तारे .. तुम राह दिखाने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 89 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... इक नन्ही सी चिड़िया जहां ढूंढती है.. घटाओ के झोंको की भूखी थी वो.. अब पिंजरों में बाकी हवा ढूंढ़ती है... हर ज़र्रे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 96 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read दीवारें....., सिर्फ घरों में नहीं होती दीवारें....., सिर्फ घरों में नहीं होती दीवारें हर जगह है.... संकोच की लोभ की शंका की भ्रम की सोच की सोच के छोटेपन की दीवारें हर जगह हैं... पर हर... Poetry Writing Challenge-2 1 81 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read "नन्हे" ने इक पौधा लाया, "नन्हे" ने इक पौधा लाया, आंगन में था उसे लगाया। यह मेरे स्वप्नों की सीढ़ी, संग - संग मेरे रोज चढ़ेगा। हां, ये पौधा यहीं लगेगा!! पौधा बढ़ा,फूल थे फूले,... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 1 88 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जीवन की राहें पथरीली.. जीवन की राहें पथरीली.. हर पल इक नया झमेला है! तू इकलौता बर्बाद नहीं.. यहां हर एक शख्स अकेला है! ये चंद मिनट की मायूसी.. पर सबक बड़ा अलबेला है!... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 104 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read हां ख़ामोश तो हूं लेकिन......... हां ख़ामोश तो हूं लेकिन......... दिल में राज छिपाकर नहीं जीती मुस्कुराती हूं सबके सामने बेझिझक क्यूंकि में अपनी हंसी दबाकर नहीं जीती जो ना कह सके अपना मुझे............ उसको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 156 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read पग - पग पर बिखरा लावा है पग - पग पर बिखरा लावा है यह जग बस एक छलावा है... जो बैठे है बन अति उदार वह उनका महज दिखावा है. प्रेम - प्रेम कह इठलाते जो,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 145 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मोही हृदय अस्थिर, व्यथित मोही हृदय अस्थिर, व्यथित था, अधर मुस्काते रहे अठखेलियां करते नयन , नित स्वप्न छलकाते रहे गाते रहे मिसरी से मीठे, गीत, चित हरते रहे पीले मुखो पर सांझ के,... Poetry Writing Challenge-2 1 106 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read दीप जलाया है अंतस का, दीप जलाया है अंतस का, रक्त सलिल को तेल बनाकर, टूटा है तारा मेरा भी, अंबर से वसुधा पर आकर। छिटकाये पलछिन जीवन के नीर बहाकर ,सुध बिसराकर पल-पल के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 82 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जिस ओर उठी अंगुली जगकी जिस ओर उठी अंगुली जगकी उस ओर मुड़ी गति भी पग की जग के आंचल से बंधा हुआ, खिंचता आया तो क्या आया। जो टूट पड़े दुख आंगन में जो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 78 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read दुर्बल तुम केवल मन से हो दुर्बल तुम केवल मन से हो _____ दुख का अपने कर के विलाप, मत हालातों को गाली दो। अपने आहत रीते मन को, मत व्यर्थ दिलासा खाली दो। है घड़ी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 156 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं... कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं... आगे तूफां के पर्वत नहीं ढहा करते है...! सपनों का कुनबा जमा है जबसे आंखो में, कोरो से मेरी आंसू नहीं बहा करते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 77 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read ज़िन्दगी भी हाल अपना देख कर हैरान है ज़िन्दगी भी हाल अपना देख कर हैरान है रोज़ लाशे बिछ रहीं है ,मौज में शमशान है शर्मसा खुद हो रहीं हैं सब दिशाएं लाज से बेयकीनी की बयारें, बेअदब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 58 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read वो जो करीब थे "क़रीब" आए कब.. वो जो करीब थे "क़रीब" आए कब.. मंजिले दूर न थी, कदम बढ़ाए कब.. खुली रखी थी मुट्ठियां एक मुद्दत से मगर.. ख्वाबों ने हाथ हमसे छुड़ाए कब.. भूल जाते... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 71 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read लोग अपनी हरकतों से भय नहीं खाते... लोग अपनी हरकतों से भय नहीं खाते... सब कुछ लुटा देते हैं दिल में शय नहीं पाते... "मुखौटो" से रखते मोह, सच्ची आत्मा से बैर... झूठी धुनों पर झूमते कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 64 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मैं कविता नहीं लिखती मैं कविता नहीं लिखती ये तो कुछ और है गहरे दरिया का छोर है अपने भीतर के दावानल को मिटाने के लिए चीखती खामोशियों का शोर है मैं कविता नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 63 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read खुद से है दूरी मीलो की... खुद से है दूरी मीलो की... पर पास सभी के जाते है... अपनी नज़रों में गिरे पड़े... सबकी नज़रों में छाते हैं... कभी झांक के खुद में देखे.. क्या हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 60 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read सब जाग रहे प्रतिपल क्षण क्षण सब जाग रहे प्रतिपल क्षण क्षण केवल मै ही हूं सोई सी... जाने किस भय किस शंका में.. बेसुध हारी सी खोई सी.. जीवन सुलझाने की जिद थी.. ऐसी सुलझी... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 1 71 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read हृदय बड़ा उद्विग्न है.. हृदय बड़ा उद्विग्न है.. सना हुआ है विघ्न में.. बड़ी विकट पड़ी घड़ी.. हूं तक रही खडी खड़ी.. है आज मौन खुद "धरा".. है किस जगह मेरी #धरा ये किस... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 1 115 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जिस अंधकार से विचलित तुम जिस अंधकार से विचलित तुम उस अंधकार से आगे हूं... जो मोहित कर बांधे मन को उस हर बहार से आगे हूं... जो विषय तुम्हारी चर्चा के मै उनसे आगे... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कविता 1 104 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read उन्मादी चंचल मन मेरे... उन्मादी चंचल मन मेरे... अपनी ही पीड़ा पर गाते, नयन तुम्हारे क्यों भर आते. अंधियारे उपहार मिले हैं, मुझको कुछ शापों के चलते.. सूने सब त्यौहार मिले हैं, मेरे ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 141 Share