Mahesh Tiwari 'Ayan' Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahesh Tiwari 'Ayan' 22 Feb 2024 · 1 min read ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं तमाम राजो का भी राज दफन रखते हैं रकीबों की हर चाल पे बारीक नजर रखते हैं है सारी कायनात हमारी शख्सियत की कायल समंदर पार भी सब अपना जिक्र... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 83 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 22 Feb 2024 · 1 min read बरसों बरस बाद प्रियतम के मधु मालती सी खिली उठी वो गौरइया सी चहक रही घर आंगन से देहरी तक वंदनवार सजाया है बरसों बरस बाद प्रियतम के आने का दिन जो आया है रंगोली... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 2 82 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 22 Feb 2024 · 1 min read कृष्णा बनकर कान्हा आये सज-धज कर बरसानेआये कृष्णा बनकर कान्हा आये रुठी राधा मनाने आये कान्हा कृष्णा बनकर आये मोहनी मूरत सांवली सूरत टेढ़ी चाल पे तिरछी चितवन इत-उत झांकत इत-उत निरखत नैनन बान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 419 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 21 Feb 2024 · 1 min read आनन्द का आनंद वो जिन्दादिल फनकार हमसे दूर कितने हो गया आनन्द का आनंद अनुराग सफर में खो गया आखिर क्यूँ इस तरह बावर्ची हुआ अजनबी वीरान हुआ प्रेमनगर छा गई खामोशी हर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 86 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 21 Feb 2024 · 1 min read दर्द तड़प जख्म और आँसू दर्द तड़प जख्म और आँसू मालिक ये कैसा शहर है बसाया कोई संगदिल है कोई तंगदिल है हैवान कोई बेरहम दिल है कैसे कैसे हैं इंसा ये तेरे खुदाया घुटती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 69 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 21 Feb 2024 · 1 min read कांटे बनकर जो काँटे बनकर सीने मे चुभे अपने ही चमन के फूल थे वो अब नाम से भी जो जलते हैं इस दिल के कभी हुजूर थे वो हर सितम सहे और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 107 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 21 Feb 2024 · 1 min read सफ़र में था जब तक रहा जहान मे हर वक्त सफर मे था रूके कदम तो बस जब तलक कफन मे था पहुंचे खुदा के समाने वो भी दिल्लगी कर उठा सच मे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 76 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 21 Feb 2024 · 1 min read हमारा नमन थिरकती मचलती किरन को नमन फूल रंग खुश्बू चमन को नमन चाँद तारे जमी आसमा को नमन नये बरस की सुनहरी सुबह को नमन नमन आप सभी को हमारा नमन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 63 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 20 Feb 2024 · 1 min read ऐसी भी बरसात देखीं हैं हाँ हमने बरसात देखीं हैं हँसती बरसात देखीं हैं रोती भी बरसात देखीं हैं तड़पती बरसात देखीं हैं बिलखती बरसात देखीं हैं हाँ हमने भी बरसात देखीं हैं बादलों का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 73 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 18 Feb 2024 · 1 min read सचमुच वो मुहब्बत करते हैं कहाँ रहते हैं क्या करते हैं अक्सर वो सोचा करते हैं कोई और भी है जिन्दगी मे क्या इस फिक्र मे जागा करते हैं ये फिक्र ये आँखों का रुमानी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 172 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 18 Feb 2024 · 1 min read दो घड़ी अयन फिर बच्चा हो गया काली काली नीली भूरी घन घनघन घनघोर घटायें टिप टिप टुप टुप बूदें उछलें बरसे पानी चले हवायें अधगिरी दालान मे ऐठे बैठे आधे बैठे आधे लेटे कुर्सी से सर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 73 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 11 Feb 2024 · 1 min read अपने ही चमन के फूल थे वो काँटे बनकर सीने मे चुभे अपने ही चमन के फूल थे वो अब नाम से भी जो जलते हैं इस दिल के कभी हुजूर थे वो हर सितम सहे और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 65 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 9 Feb 2024 · 1 min read कोई और था दिल की गहराइयों से चाहा था जिसने कायल है आज भी दिल जिसके अखलाक का वो तुम नहीं कोई और था वो कोई और था आँसू पोंछे थे जिसने लड़खड़ाते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 179 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 8 Feb 2024 · 1 min read फूल से कोमल मन फूल से कोमल मन काँच से नाजुक मन मन से कोमल एहसास एहसास से नाजुक आश एहसास से ही मन खिल उठे एहसास हुआ दिल बिखर गये एहसासों से ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 135 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 4 Feb 2024 · 1 min read यादें अक्सर ये दर-ओ-दीवार पहलू मे खींच लाते हैं याद सदियों पहले की कोई दास्ताँ दिलाते हैं मंजर से तैरने लगते हैं धुंधली रोशनी के सागर में बारिश के सर्द झोकों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 92 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 4 Feb 2024 · 1 min read इजाज़त हो गर इजाजत हो गर कुछ अर्ज कर दूँ दो चार अल्फाज दो चार हर्फ रख दूँ कहिए तो खुशी से पागल कर दूँ कहिए तो सीने मे दर्द भर दूँ ठण्डी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 120 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 2 Feb 2024 · 1 min read राम श्याम शिव गाये जा राम श्याम शिव गाये जा राम से प्रीत लगाये जा हरि बिन तेरा कौन सहारा मन का भरम मिटाये जा गर्भ मे तूने दिया जो वाणी वचन क्यों भूला मूरख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 122 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 1 Feb 2024 · 1 min read त क्या है तू क्या है- जिन्दगी अक्सर मुझसे सवाल करती है कुछ समझनें समझानें की कोशिशें बार बार करती है नज्म में सिमटे हुए उलझे हुए अल्फाज या के बीना के तारों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 84 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 1 Feb 2024 · 1 min read इक चमन छोड़ आये वतन के लिए सावन के झूले रिमझिम फुहारें जुल्फों की बदली झिलमिल सितारे फूलों की रगंत महके से नजारे भीगे से जज्बात मचलती बहारें आँखों के सागर होंठों के प्याले पायल की रुनझुन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 30 Jan 2024 · 1 min read शीत अब तो शीत में भी शीत की ठंडक नहीं होती सर्द लहरे हैं कुहरा है मौसम है वही सब कुछ मगर फिर भी शीत में शीत सी ठंडक नहीं होती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 153 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 28 Jan 2024 · 1 min read आदमी कुछ अलग से हैं यहाँ हर आदमी कहता हम आदमी कुछ अलग से हैं सब जैसे नहीं हैं हम आदमी कुछ अलग से हैं कुछ अलग सा टकरा गया तो घबरा से जाते हैं... Poetry Writing Challenge-2 153 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 26 Jan 2024 · 1 min read काह कहों वृषभानु कुंवरि की काह कहौं बृषभानु कुवँरि की सारे जहाँ की प्यारी लली कीरति मैया भानु बाबा की आँखों की पुतली दुलारी लली ठुमकत खेलत हँसि मुस्काये तुतली बोली मन को भाये चाँद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 318 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 25 Jan 2024 · 1 min read प्रीति आत्मीय प्रेम मे अभिव्यक्ति की आजादी नहीं होती खोने का डर सतता है पाने की चाहत नहीं होती वो सामने आ जायें तो जुबां सिल सी जाती है नजरें घबराहट... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 251 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 25 Jan 2024 · 1 min read दूर कहीं जब मीत पुकारे दूर कहीं से मीत पुकारे जनम जनम की प्रीत पुकरे भीना भीना महका महका खामोश मगर कुछ बहका बहका साँसो का हर.गीत पुकारे इठलाती कलियों के संग रुनझुन करती बूँदों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 237 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 25 Jan 2024 · 1 min read मजबूरी तो नहीं तेरा आना तुम्हारे फूल से चेहरे को जब छूता इन बेरहम बेजान उँगलियों से कुछ घबराई सी सकुचाई क्षण भर को तुम मुरझा सी जाती हो खुद को सभालते समझाते पलट पड़ती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 83 Share