Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2024 · 1 min read

त क्या है

तू क्या है-
जिन्दगी अक्सर मुझसे सवाल करती है
कुछ समझनें समझानें की कोशिशें बार बार करती है
नज्म में सिमटे हुए उलझे हुए अल्फाज
या के बीना के तारों मे छिपे सरगम का राज
तू क्या है-जिन्दगी मुझसे अक्सर सवाल करती है
कुछ समझने समझाने की कोशिशें बार बार करती है
हँसते हुए लफ्जों मे छुपा हुआ सा दर्द
या खुशी में छलका हुआ चश्म-ए-अश्क
तू क्या है-
जिन्दगी मुझसे अक्सर सवाल करती है
कुछ समझने समझाने की कोशिशें बार बार करती है…

स्वरचित मौलिक रचना
M.Tiwari”Ayan”

Language: Hindi
48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुहागन का शव
सुहागन का शव
Anil "Aadarsh"
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
नेता पलटू राम
नेता पलटू राम
Jatashankar Prajapati
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
Rajendra Kushwaha
फितरती फलसफा
फितरती फलसफा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
#दोहे
#दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
देशभक्ति
देशभक्ति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ आज का दोह
■ आज का दोह
*Author प्रणय प्रभात*
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
Abhinesh Sharma
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
अश्रु की भाषा
अश्रु की भाषा
Shyam Sundar Subramanian
राणा सा इस देश में, हुआ न कोई वीर
राणा सा इस देश में, हुआ न कोई वीर
Dr Archana Gupta
3210.*पूर्णिका*
3210.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक चतुर नार
एक चतुर नार
लक्ष्मी सिंह
बिछड़ा हो खुद से
बिछड़ा हो खुद से
Dr fauzia Naseem shad
*चार दिवस मेले में घूमे, फिर वापस घर जाना (गीत)*
*चार दिवस मेले में घूमे, फिर वापस घर जाना (गीत)*
Ravi Prakash
पत्थर दिल समझा नहीं,
पत्थर दिल समझा नहीं,
sushil sarna
शिव विनाशक,
शिव विनाशक,
shambhavi Mishra
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
कवि रमेशराज
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
Shweta Soni
मुक्तक
मुक्तक
Rajesh Tiwari
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
आर एस आघात
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
गुप्तरत्न
समान आचार संहिता
समान आचार संहिता
Bodhisatva kastooriya
गिरता है धीरे धीरे इंसान
गिरता है धीरे धीरे इंसान
Sanjay ' शून्य'
करनी होगी जंग
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हमको अब पढ़ने स्कूल जाना है
हमको अब पढ़ने स्कूल जाना है
gurudeenverma198
Loading...