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305 authors · 6200 posts
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नहीं रोके से रुकते
नहीं रोके से रुकते
Dr. Meena Kaushal
चल -चलों
चल -चलों
Ghanshyam Poddar
नमन कीजिए
नमन कीजिए
Dr. Meena Kaushal
भगवान मेरे
भगवान मेरे
Dr. Meena Kaushal
माँ
माँ
Dr. Meena Kaushal
आद्यशक्ति
आद्यशक्ति
Dr. Meena Kaushal
नमामि गंगे
नमामि गंगे
Dr. Meena Kaushal
हरे
हरे
Dr. Meena Kaushal
तेरा अभिनन्दन होगा
तेरा अभिनन्दन होगा
Dr. Meena Kaushal
प्रभात
प्रभात
Dr. Meena Kaushal
25-बढ़ रही है रोज़ महँगाई किसे आवाज़ दूँ
25-बढ़ रही है रोज़ महँगाई किसे आवाज़ दूँ
Ajay Kumar Vimal
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
Ajay Kumar Vimal
23-निकला जो काम फेंक दिया ख़ार की तरह
23-निकला जो काम फेंक दिया ख़ार की तरह
Ajay Kumar Vimal
22-दुनिया
22-दुनिया
Ajay Kumar Vimal
शुरुआत तुम से है
शुरुआत तुम से है
Kunal Kanth
जवानी से
जवानी से
Kunal Kanth
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
Ajay Kumar Vimal
जलाया जाऊँ
जलाया जाऊँ
Kunal Kanth
पनीर हि पनीर था
पनीर हि पनीर था
Kunal Kanth
20-चेहरा हर सच बता नहीं देता
20-चेहरा हर सच बता नहीं देता
Ajay Kumar Vimal
पलकों पर
पलकों पर
Kunal Kanth
नेक है
नेक है
Kunal Kanth
आओ न
आओ न
Kunal Kanth
19-कुछ भूली बिसरी यादों की
19-कुछ भूली बिसरी यादों की
Ajay Kumar Vimal
जन्म दिन
जन्म दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझे भी बनना तुमसा यकीन करो
मुझे भी बनना तुमसा यकीन करो
Kunal Kanth
बताने से रहा
बताने से रहा
Kunal Kanth
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
फना नहीं हुए हम
फना नहीं हुए हम
Kunal Kanth
बस कर
बस कर
Kunal Kanth
वफ़ा कैसे ढूँढू मैं
वफ़ा कैसे ढूँढू मैं
Kunal Kanth
रखता हूँ
रखता हूँ
Kunal Kanth
17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
Ajay Kumar Vimal
देखिए तो
देखिए तो
Kunal Kanth
प्रेम लिख दूँ
प्रेम लिख दूँ
Kunal Kanth
शहर मत देखो
शहर मत देखो
Kunal Kanth
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
Ajay Kumar Vimal
भाई हो तो कृष्णा जैसा
भाई हो तो कृष्णा जैसा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समंदर होना
समंदर होना
Kunal Kanth
फरिश्ता आए
फरिश्ता आए
Kunal Kanth
बीमार कर रहा
बीमार कर रहा
Kunal Kanth
यही मेरा निष्कर्ष!
यही मेरा निष्कर्ष!
Priya princess panwar
15- दोहे
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
लाल साड़ी
लाल साड़ी
Kunal Kanth
ज़िंदगी के लिए
ज़िंदगी के लिए
Kunal Kanth
गले लग जाओ
गले लग जाओ
Kunal Kanth
हक से
हक से
Kunal Kanth
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
13-छन्न पकैया छन्न पकैया
13-छन्न पकैया छन्न पकैया
Ajay Kumar Vimal
12- अब घर आ जा लल्ला
12- अब घर आ जा लल्ला
Ajay Kumar Vimal
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