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15 Jun 2023 · 1 min read

फना नहीं हुए हम

इश्क में युहीं तड़पते रह गए फ़ना नहीं हुए हम
तुम्हारे लब पे क़र्ज़ थे म’गर अदा नहीं हुए हम

हमें बनना था ख़ामोशी का खुदा आज न कल
मसलन हिज्र पे रोने के लिए रजा नहीं हुए हम

मिल जाएँगे आज भी वहीं तुम्हें तुम्हारे इंतजार में
किसी के ज़ुल्फ़ ए परेशान में लापता नहीं हुए हम

इक तुम्हीं को रहा मुझसे इतना गिला – शिकवा जां
तुम्हारे बाद किसी के लिए मसअला नहीं हुए हम

मत पियो मिरे पीने के बाद मर जाओगी जान ए मन
जब भी हुए ज़हर हुए है कभी कोई दवा नहीं हुए हम

तुम तक हि रहा हर गुस्सा हर नखरा हर नाराज़गी मेरी
तुम्हारे बाद फिर किसी चीज़ के लिए ख़फ़ा नहीं हुए हम
@कुनु

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