Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

फरिश्ता आए

नहीं है ज़रूरत की बचाने कोई अब फरिश्ता आए
तीरगी मिटाने चराग़ दिल का मेरी राह में जला आए

हमको आदत पड़ गई है यहाँ यूँ टूट फुट कर जीने में
अब फ़र्क नहीं पड़ता राह में सुनामी या तेज हवा आए

यहाँ हम अपनी मौत का मातम भी हक से करेंगे यारा
चाहे रोकने टोकने समाज या पूरा का पूरा काफिला आए

इक तो लाल लाल साड़ी उसपे ज़ुल्फ़-ए-परेशान उसके
हम करते भी क्या सो एक रात में पूरी जवानी लुटा आए

बहुत दिन हो गए है इश्क में कोई दार तक पहुँचा नहीं
खुदा करें मुझे ये रोग लगे तो बदन नहीं आशियाना आए

सबकी किस्मत में सजे रंग बिरंगे गुलाब के बाग़ म’गर
जब बारी हमारी आई तो रंज ,अश्क ,ओ क़ज़ा आए

ज़रा सा आह तक न कर पाया दर्द में तड़प कर भी मैं
देख यूँ माँ पापा को आँसू यहीं ग़ज़ल में फिर छुपा आए
@कुनु

84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये सफर काटे से नहीं काटता
ये सफर काटे से नहीं काटता
The_dk_poetry
प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हम
प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हम
Dr MusafiR BaithA
मतदान
मतदान
साहिल
मेरे विचार
मेरे विचार
Anju
लोगों का मुहं बंद करवाने से अच्छा है
लोगों का मुहं बंद करवाने से अच्छा है
Yuvraj Singh
बदल जाओ या बदलना सीखो
बदल जाओ या बदलना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
कवि रमेशराज
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
बचपन बेटी रूप में
बचपन बेटी रूप में
लक्ष्मी सिंह
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत" - भाग- 01 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
Mukul Koushik
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
Keshav kishor Kumar
जमाना तो डरता है, डराता है।
जमाना तो डरता है, डराता है।
Priya princess panwar
"कलम और तलवार"
Dr. Kishan tandon kranti
3060.*पूर्णिका*
3060.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोयल (बाल कविता)
कोयल (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
बूढ़ी मां
बूढ़ी मां
Sûrëkhâ
काम ये करिए नित्य,
काम ये करिए नित्य,
Shweta Soni
सभी नेतागण आज कल ,
सभी नेतागण आज कल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सोच
सोच
Dinesh Kumar Gangwar
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
gurudeenverma198
माँ
माँ
Neelam Sharma
जीवन का इतना
जीवन का इतना
Dr fauzia Naseem shad
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
"लायक़" लोग अतीत की
*प्रणय प्रभात*
बाधा को 'चल हट' कहता है,
बाधा को 'चल हट' कहता है,
Satish Srijan
Loading...