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Page 21
याद है,याद रहेगा
याद है,याद रहेगा
सौरभ पाण्डेय
पेड़
पेड़
सौरभ पाण्डेय
सौंदर्य वर्णन
सौंदर्य वर्णन
सौरभ पाण्डेय
अगर हम कभी भी फिर मिले
अगर हम कभी भी फिर मिले
सौरभ पाण्डेय
कल वो ढहे थे,कल तुम ढहोगे
कल वो ढहे थे,कल तुम ढहोगे
सौरभ पाण्डेय
खामोश रहना बेहतर
खामोश रहना बेहतर
सौरभ पाण्डेय
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
विनम्रता
विनम्रता
Bodhisatva kastooriya
शोषण
शोषण
साहिल
जाते हो.....❤️
जाते हो.....❤️
Srishty Bansal
कविता : चुनौती
कविता : चुनौती
आर.एस. 'प्रीतम'
विदंबना
विदंबना
Bodhisatva kastooriya
कविता : मंदिर की वो शंख ध्वनि
कविता : मंदिर की वो शंख ध्वनि
आर.एस. 'प्रीतम'
गोरी का आंचल
गोरी का आंचल
सतीश पाण्डेय
तुम्हारा प्रेम
तुम्हारा प्रेम
Anjana banda
जीना सिखा दिया
जीना सिखा दिया
Basant Bhagawan Roy
इतना आदर
इतना आदर
Basant Bhagawan Roy
चैन से जिंदगी
चैन से जिंदगी
Basant Bhagawan Roy
उठो पुत्र लिख दो पैगाम
उठो पुत्र लिख दो पैगाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कवि हृदय
कवि हृदय
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अभिलाषा
अभिलाषा
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
महाकाल का संदेश
महाकाल का संदेश
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
दर्पण
दर्पण
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
महात्मा
महात्मा
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
वसंत पञ्चमी
वसंत पञ्चमी
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
असर
असर
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
#पावन बेला प्रातः काल की #
#पावन बेला प्रातः काल की #
rubichetanshukla 781
प्यास तो मैंने रखी है!
प्यास तो मैंने रखी है!
Priya princess panwar
ऐसा ही होगा!
ऐसा ही होगा!
Priya princess panwar
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
VINOD CHAUHAN
कई चोट हृदय पर खाई है
कई चोट हृदय पर खाई है
Trishika S Dhara
हरे-हरे खेतों की ओढ़नी
हरे-हरे खेतों की ओढ़नी
Trishika S Dhara
ख़ास से आम बनाना ज़रूरी था
ख़ास से आम बनाना ज़रूरी था
Trishika S Dhara
मेघ बरसते हैं आँगन में
मेघ बरसते हैं आँगन में
Trishika S Dhara
मैं तो महज वक्त हूँ
मैं तो महज वक्त हूँ
VINOD CHAUHAN
तू रूबरू हो कर भी हमसे मिलता नहीं
तू रूबरू हो कर भी हमसे मिलता नहीं
Trishika S Dhara
पत्थर से दिल लगाने चले हैं
पत्थर से दिल लगाने चले हैं
Trishika S Dhara
मेरा मन बैरागी हो गया
मेरा मन बैरागी हो गया
Trishika S Dhara
आँखों में मायूसी का मंज़र क्यों है
आँखों में मायूसी का मंज़र क्यों है
Trishika S Dhara
पूस की ठंडी रात में
पूस की ठंडी रात में
Trishika S Dhara
ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी
ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी
Trishika S Dhara
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD CHAUHAN
मुद्दतों से तुम्हारा दीदार न मिला
मुद्दतों से तुम्हारा दीदार न मिला
Trishika S Dhara
बादलों की खिड़की से
बादलों की खिड़की से
Trishika S Dhara
सदियाँ लगीं संभलने में
सदियाँ लगीं संभलने में
Trishika S Dhara
त्याग के सारी भाषाएँ
त्याग के सारी भाषाएँ
Trishika S Dhara
तुम से उम्मीद–ए–हिमायत बहुत है
तुम से उम्मीद–ए–हिमायत बहुत है
Trishika S Dhara
मैंने कितना ढूंढा उस को
मैंने कितना ढूंढा उस को
Trishika S Dhara
पेशे से मज़हब का ठेकेदार लगता है
पेशे से मज़हब का ठेकेदार लगता है
Trishika S Dhara
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