Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

खामोश रहना बेहतर

कभी-कभी दूरियों की वजह होते है
कुछ सवाल
जिनके जवाब पास नहीं होते
होती तो है करने को मन में
अनगिनत बातें
मगर जवाब के अभाव में सहम जाते है हाथ
फोन तक उठाने में
बढ़ती दूरियां खटकती है
मन को मगर
चाह कर भी कुछ हो नहीं सकता
क्योंकि जब भी होगी बातें
उठेगा वहीं सवाल
जवाब में होगी खामोशी
और फिर तुम्हारी तरफ से
गुस्सा और झुंझलाहट
जो अच्छा नहीं लगता
इस लिए खामोश रहना बेहतर।।

Language: Hindi
1 Like · 95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मौज के दोराहे छोड़ गए,
मौज के दोराहे छोड़ गए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिनसे जिंदा हो,उनको कतल न करो
जिनसे जिंदा हो,उनको कतल न करो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
पत्थर (कविता)
पत्थर (कविता)
Pankaj Bindas
2451.पूर्णिका
2451.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पुस्तक परिचय /समीक्षा
पुस्तक परिचय /समीक्षा
Ravi Prakash
जिंदगी का सफर
जिंदगी का सफर
Gurdeep Saggu
गोलगप्पा/पानीपूरी
गोलगप्पा/पानीपूरी
लक्ष्मी सिंह
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
बदलियां
बदलियां
surenderpal vaidya
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
विनोद सिल्ला
सच कहूं तो
सच कहूं तो
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
#KOTA
#KOTA
*प्रणय प्रभात*
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
शेखर सिंह
मजदूर
मजदूर
Preeti Sharma Aseem
जीवन का मुस्कान
जीवन का मुस्कान
Awadhesh Kumar Singh
लोग अब हमसे ख़फा रहते हैं
लोग अब हमसे ख़फा रहते हैं
Shweta Soni
वक्त
वक्त
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"शहीद साथी"
Lohit Tamta
युवा
युवा
Akshay patel
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
शिव प्रताप लोधी
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
कवि रमेशराज
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
shabina. Naaz
🌺आलस्य🌺
🌺आलस्य🌺
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
*आओ हम वृक्ष लगाए*
*आओ हम वृक्ष लगाए*
Shashi kala vyas
प्रेम : तेरे तालाश में....!
प्रेम : तेरे तालाश में....!
VEDANTA PATEL
मुझमें एक जन सेवक है,
मुझमें एक जन सेवक है,
Punam Pande
Loading...