Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2023 · 1 min read

पुस्तक परिचय /समीक्षा

पुस्तक परिचय /समीक्षा
————————————-
*पुस्तक का नाम : निष्काम कर्म (परम पूजनीय श्री राम प्रकाश सर्राफ की जीवनी)
*लेखक एवं प्रकाशक : रवि प्रकाश पुत्र श्री राम प्रकाश सर्राफ, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
प्रष्ठ संख्या: 140
प्रकाशन वर्ष: अक्टूबर 2008
—————————————
“निष्काम कर्म” श्री राम प्रकाश सर्राफ की जीवनी-पुस्तक है। आजादी से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में तथा आजादी के बाद रामपुर में जनसंघ का गठन करके 1952 से 1977 तक 25 वर्षों की अवधि में जनसंघ की गतिविधियों में केंद्रीय भूमिका निभाई। पुस्तक में “रामपुर में जनसंघ” शीर्षक से एक अध्याय जनसंघ के क्रियाकलापों को समर्पित है ।
आपातकाल में जिस प्रकार से रामप्रकाश जी ईश्वर की कृपा से जेल जाने से बचे और अज्ञातवास में रह कर लंबा समय बिताया, उन सब की जानकारी भी एक अध्याय में दी गई है ।
श्री सुंदर लाल जी ने अनौपचारिक रूप से आपको गोद लिया था । उनकी मृत्यु पर आपके पीड़ा-भरे पत्र का उत्तर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्री गुरु जी ने जिस पत्र से दिया, वह भी पुस्तक में शामिल है ।
आपके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में 1956 में सुंदर लाल इंटर कॉलेज की स्थापना पर सर्व श्री गुरुजी, नानाजी देशमुख, आचार्य बृहस्पति और राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के शुभकामना-संदेश भी पुस्तक में दिए गए हैं।
राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से कर्मशील रहकर जीवन जीने के आदर्शों में जिनकी रुचि है, उन्हें इस पुस्तक को पढ़कर अच्छा लगेगा ।

288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
3235.*पूर्णिका*
3235.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत(सोन्ग)
गीत(सोन्ग)
Dushyant Kumar
"मातृत्व"
Dr. Kishan tandon kranti
*भारत जिंदाबाद (गीत)*
*भारत जिंदाबाद (गीत)*
Ravi Prakash
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
Ravi Ghayal
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
Ranjeet kumar patre
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
VEDANTA PATEL
गर गुलों की गुल गई
गर गुलों की गुल गई
Mahesh Tiwari 'Ayan'
रखा जाता तो खुद ही रख लेते...
रखा जाता तो खुद ही रख लेते...
कवि दीपक बवेजा
Micro poem ...
Micro poem ...
sushil sarna
विदाई गीत
विदाई गीत
Dr Archana Gupta
देश- विरोधी तत्व
देश- विरोधी तत्व
लक्ष्मी सिंह
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
कवि रमेशराज
दिल का सौदा
दिल का सौदा
सरिता सिंह
'स्वागत प्रिये..!'
'स्वागत प्रिये..!'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
ज़िंदगी से शिकायत
ज़िंदगी से शिकायत
Dr fauzia Naseem shad
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
Subah ki hva suru hui,
Subah ki hva suru hui,
Stuti tiwari
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
manjula chauhan
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
Surinder blackpen
संबंध क्या
संबंध क्या
Shweta Soni
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Akash Yadav
Loading...