Shekhar Chandra Mitra Poetry Writing Challenge 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read जुल्मतों के दौर में सोचना भी जुर्म है बोलना भी जुर्म है ज़ुल्मतों के राज़ खोलना भी जुर्म है... (१) खौफ़नाक सन्नाटा जब फैला हुआ हो बगावत हवाओं में घोलना भी जुर्म है... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 314 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read आज़ादी का जश्न आज़ादी का जश्न ऐसे मनाओ, साथियों जहां भी हो गुलामी उसे मिटाओ, साथियों... (१) छिपेंगे भी तो कहां ये शैतान के नुमाइंदे हरेक स्याह घर में चिराग़ जलाओ, साथियों... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 1 222 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read भगतसिंह: एक जीनियस जो जागे हुए होश के कारण क़ैद होकर भी आज़ाद रहा वह जिस्म से फ़ना होकर भी हमारे दिलों में आबाद रहा... (१) मेरी ग़ज़लों और नज़्मों में बोला करता... Poetry Writing Challenge · गीत 185 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read बगावत की आग फूंक न डाले सिस्टम को जो आग मेरी ग़ज़ल में है मानवता का हर क़ातिल अब भी किसी महल में है... (१) पता नहीं इतनी-सी बात समझ इन्हें कब आएगी... Poetry Writing Challenge · गीत 1 528 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read जुदाई की शाम शाम की तनहाई की बातें फिर कभी दगा और बेवफ़ाई की बातें फिर कभी... (१) आ रो लें हम बैठकर मौजूदा हालात पर दर्द भरी शहनाई की बातें फिर कभी...... Poetry Writing Challenge · गीत 2 250 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read इंकलाब की मशाल जो सदियों से सोए हुए बस उन्हें जगाने आया हूं मूर्दों की इस बस्ती में मैं आग लगाने आया हूं... (१) मज़हब के रखवालों ने तुम्हारा बेड़ा ग़र्क़ किया इनसे... Poetry Writing Challenge · गीत 597 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read भगतसिंह की जवानी ऐ देश, तुझपे क़र्ज़ है जवानी भगतसिंह की बेकार जाएगी क्या कुर्बानी भगतसिंह की… (१) मूर्दों के बीच रहकर हो जाऊं मैं न मूर्दा दिल में आग लगाती है कहानी... Poetry Writing Challenge · गीत 194 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read बुद्ध या विनाश हथियारों से पटी हुई यह युद्धों की दुनिया मिट जाएगी बनी नहीं जो बुद्धों की दुनिया... (1) पागलपन की होड़ मची है कैसी अंधी दौड़ लगी है सड़े-गले पर आंख... Poetry Writing Challenge · गीत 219 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read वीज़ा के लिए इंतज़ार आज भी खड़ा है अंबेडकर वीज़ा के इंतजार में क्या कोई जगह ही नहीं है उसके लिए इस दयार में... (१) जात-पात के नाम पर जैसे ज़ुल्म ढाए गए हैं... Poetry Writing Challenge · गीत 207 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read एक और इंकलाब सदियों से ज़ारी ज़ुल्म का हिसाब इंकलाब है चाहे कोई सवाल हो ज़वाब इंकलाब है... (१) सरदार भगतसिंह और भीमराव अंबेडकर जिसके लिए फ़ना हुए वो ख़्वाब इंकलाब है... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 184 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read और ज़रा-सा ज़ोर लगा ऐ थके-हारे सेनानी और ज़रा-सा ज़ोर लगा हो चुकी ज़ंजीर पुरानी और ज़रा-सा ज़ोर लगा... (१) बस थोड़ी ही देर में अब ख़त्म होने वाली यह ज़ुल्म की आख़िरी निशानी... Poetry Writing Challenge · गीत 164 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read ललकार सुन, ऐ साथी अख़बार के कहना जाकर सरकार से दया नहीं, अधिकार चाहिए भीख नहीं रोज़गार चाहिए... (१) जाति-धर्म के झगड़ों में भाषा-प्रांत के रगड़ों में कब तक उलझे रहेंगे... Poetry Writing Challenge · गीत 218 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read खोखली बुनियाद न ज़ुबान की वज़ह से न अंदाज़ की वज़ह से कुछ ख़ास हैं मेरी ग़ज़लें इंकलाब की वज़ह से... (१) आख़िर कौन-सा सिकंदर और कहां का सिकंदर मैं तो यूनान... Poetry Writing Challenge · गीत 147 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read आ रहे हैं बुद्ध आज-कल तो पूरी दुनिया में छा रहे हैं बुद्ध तुम स्वागत की कर लो तैयारी आ रहे हैं बुद्ध... (१) नफ़रत की आग में कहीं पूरी मानवता न जल जाए... Poetry Writing Challenge · गीत 224 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read हरा-भरा बगीचा यह जो हरा-भरा बगीचा है पूरखों ने लहू से सींचा है कोई पौधा उखड़ने मत देना तुम इसको उजड़ने मत देना... (१) रंग-रंग की चिड़ियां इसमें चहकती रहें तो बेहतर... Poetry Writing Challenge · गीत 430 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read पुरानी ज़ंजीर जिस्म की हो या ज़ेहन की तुम तोड़ डालो हर ज़ंजीर खोखली इबादत से नहीं, मेहनत से बनती तक़दीर... (१) सरकार भरोसे भारत का अब कुछ नहीं होने वाला नौजवानों... Poetry Writing Challenge · गीत 185 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read एक बेरोजगार शायर दुनिया में हर चीज़ मिलती दौलत से नहीं, ऐ दोस्त कुछ भी बढ़कर कुदरत की रहमत से नहीं, ऐ दोस्त... (१) कुछ नादीदा निगाहों की इनायत भी इसमें शामिल मेरी... Poetry Writing Challenge · गीत 354 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read कबीर: एक नाकाम पैगंबर हवाओं पर दर्ज़ करने मुहब्बत का पैग़ाम उतरा था वह ज़मीन पर छोड़ कर आसमान... (१) हिंदी-उर्दू से उसका कोई वास्ता न था वह बोलता था दिल की धड़कनों की... Poetry Writing Challenge · गीत 180 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read पढ़ना सीखो, बेटी अंगुली छोड़कर चलना सीखो, बेटी पूर्वजों से आगे बढ़ना सीखो, बेटी... (१) घर हो या बाहर ख़तरे कहां नहीं हैं हरेक चुनौती से लड़ना सीखो, बेटी... (२) इसी से निकलेगा... Poetry Writing Challenge · गीत 330 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read किसी शायर का ख़्वाब कुछ जहीन भी हो कुछ हसीन भी हो वह एक इंसान बेहतरीन भी हो... (१) हाथ छूएं उसके चांद-सितारे और पांव के नीचे ज़मीन भी हो... (२) वह किसी हाल... Poetry Writing Challenge · गीत 101 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read संसार चलाएंगी बेटियां घर-बार चलाएगी बेटियां सरकार चलाएगी बेटियां एक मौक़ा तो मिले उन्हें संसार चलाएगी बेटियां… (१) तुमने उन्हें क्या समझा है अब तक केवल गुंगी गुड़ियां पढ़-लिख लें तो क़लम से... Poetry Writing Challenge · गीत 176 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read गाए जा, अरी बुलबुल ***शेर*** ना समझ है माली फिर भी! शातिर है शिकारी फिर भी!! तेरे ख़िलाफ़ नाना साजिशें! सदियों से हैं ज़ारी फिर भी!! ***गीत*** तू गाए जा अरी बुलबुल गुनगुनाए जा... Poetry Writing Challenge · गीत 200 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read ख़त पहुंचे भगतसिंह को सरदार भगतसिंह देख रहे हो न तुम आज के हिंदुस्तान को जिस पर तुम्हें था बहुत भरोसा क्या हुआ उस नौजवान को... (१) अदब से लेकर मीडिया और पुलिस से... Poetry Writing Challenge · गीत 95 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read यारों का यार भगतसिंह सभी यारों का एक यार भगतसिंह खुशमिजाज और दिलदार भगतसिंह... (१) ज़िंदगी से कहीं ज़्यादा करता था अपनी आज़ादी से प्यार भगतसिंह... (२) समझता था फांसी के फंदे को मेहबूब... Poetry Writing Challenge · गीत 126 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read तमाशबीन जवानी जब तक तमाशबीन है नौजवानी हिंदुस्तान की क़ायम रहेगी दुनिया में बदनामी हिंदुस्तान की... (१) पुलिस और अदालत की हरकतों से तो लगता है जल्दी नहीं मिटने वाली पशेमानी हिंदुस्तान... Poetry Writing Challenge · गीत 285 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read नौजवानों से अपील नौजवानों का विद्रोही व्यवहार होना चाहिए जीना है तो मरने को तैयार होना चाहिए... ( १) कोई लाश नहीं हम कि लहरों में डोला करें अब आर होना चाहिए या... Poetry Writing Challenge · गीत 221 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read आदिवासी कैसा देश-किसका देश जिसका होगा-उसका देश भगतसिंह ने-कब सोचा था निकलेगा एक दिन-ऐसा देश... (१) सुनकर गालियां और खाकर लातें सड़कों पर गुजरतीं हमारी रातें अपना तो एक-घर भी नहीं... Poetry Writing Challenge · गीत 439 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read भगतसिंह का क़र्ज़ अरे तू तो निभा गया अपना हर फ़र्ज़, भगत सिंह अब कैसे चुकाएंगे हम तेरा क़र्ज़, भगत सिंह... (१) तू मूर्दों की बस्ती में था एक मर्द, भगत सिंह अब... Poetry Writing Challenge · गीत 182 Share