Posts साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता 151 authors · 340 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next VIRENDER 'VEER' MEHTA 12 Jul 2021 · 2 min read दिन अभी ढला नहीं - लघुकथा "कितने साल गुजर गए सुधा, लेकिन ज़्यादा नहीं बदला हमारा गाँव। बस कुछ आधुनिकता की निशानियों को छोड़; वही बाग-बगीचे और वही हरे-भरे रास्ते।" शाम की सैर के बीच छाई... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 237 Share महेश सिंह 12 Jul 2021 · 2 min read वादा मकान के चारों तरफ नारियल के पेड़ हैं। मकान कोई आलीशान बंगला तो नहीं, लेकिन किसी बंगले से कम भी नहीं है। उसके चारों तरफ पक्की बाउंड्री है, उसी में... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 472 Share Payal Pokharna Kothari 11 Jul 2021 · 4 min read बचपन का प्यार वो सावन जो बरखा से बेइंतिहा महोब्बत करता था आज उसका चेहरा तक नहीं देखना चाहता । बरखा के सामने आते ही वो मुँह फेर लेता हैं मानों उसे जानता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 323 Share Poonam Jha 11 Jul 2021 · 4 min read शाबाश! “ओह ! सात चालिस हो गए...अंधेरा भी हो गया! ये ट्रेफ़िक भी न, रोज देर हो जाती है...एक तो ऑफिस का लोड...उस पर ये टाईम डिफ़रेंस! यहाँ दिन खत्म होने... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 6 408 Share Mahender Singh 11 Jul 2021 · 2 min read नीजि संस्थान आज आधुनिकता में मनुष्य निसर्ग स्वभाव व्यवाहारिकता से दूर होते जा रहा है, यही हर्ष और गौरव के साथ हुआ, शहरी परिवेश के पर्व और उत्सव और मौज मस्ती तरह... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 8 397 Share MANSI PAL 11 Jul 2021 · 1 min read मजहबों का फासला आज फिर मुझे वो दिख गई। मैं भीड़ से निकलकर उसके पास पहुँचा। तुम कल देर से आई थी क्या? मैंने काफी देर तक इंतजार किया तुम्हारा। उसने कोई जवाब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 424 Share नेहा आज़ाद 11 Jul 2021 · 3 min read सही फैसला मेरी एक मित्र है जिसका नाम शिखा है , शिखा दिखने में बेहद खूबसूरत है , पढाई पूरी होने के बाद उसके माता पिता ने शादी के लिए वर तलाश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 8 253 Share जय लगन कुमार हैप्पी 11 Jul 2021 · 9 min read अनोखा प्यार "अनोखा प्यार" ------------------- गुड मॉर्निंग सर! कक्षा में प्रवेश करते हुए प्रिया मैडम ने बोली। फिर मैंने बोला गुड मॉर्निंग मैडम और सब कैसा है? बढ़िया है सर, अपना सुनाइए।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 6 888 Share Nitin yadav 11 Jul 2021 · 13 min read द बैटल ऑफ द ऐप्स द बैटल ऑफ द ऐप्स ( जॉनेथन स्विफ्ट की द बैटल ऑफ़ द बुक्स की प्रेरणा से ) यह दीपक के मोबाइल के सभी ऐप्स ( मोबाइल एप्लीकेशन ) के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 372 Share Payal Pokharna Kothari 10 Jul 2021 · 3 min read दादा-दादी के संस्कार यह कहानी हैं बड़े शहर में एक छोटे से घर मे रहने वाले श्रीमान औऱ श्रीमती वर्मा की जो अपने बेटे राज औऱ बहु किरन के साथ रहते थे ।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 8 902 Share Poonam Jha 10 Jul 2021 · 4 min read सुकून का गुल्लक "डॉक्टर साहब इतनी दवाइयों के बाद भी कोई आराम नहीं है उनको दर्द में …मुझसे देखा नहीं जाता उनका यूँ तड़पना ! मेरा दिल घबरा रहा अब तो! सच- सच... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 351 Share Poonam Jha 10 Jul 2021 · 4 min read ख़ुदगर्ज़ खून “अरे रतन भैया! क्या हुआ? अभी भी संपर्क नहीं हो पाया क्या पुरू से?” ( रतन को फ़ोन हाथ में लिए परेशान देखते हुए राकेश ने पूछा) “नहीं राकेश ..(... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 259 Share Abha Singh 10 Jul 2021 · 2 min read अँधेरे से सामना लघकहानी "अँधेरे से सामना " गीता बचपन से ही बहुत बहादुर लड़की थी।उसे डर लगता था तो बस अँधेरे से।उसकी बड़ी बहन सीता ने उसके इस डर को निकालने की... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 8 334 Share Abha Singh 10 Jul 2021 · 2 min read नकाब लघुकहानी- नकाब चेहरा व्यक्ति के आत्मा का प्रतिबिंब होता है।जो जैसा विचार रखता है उसका चेहरा वैसा ही बयान करता है।पर सच्चाई कभी-कभी इसके विपरीत होती है। सेठ करमचंद और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 516 Share Abha Singh 10 Jul 2021 · 2 min read सीख लघुकहानी-सीख रमा दसवीं कक्षा की छात्रा थी और अपनी दादी के साथ रहती थी।बचपन में ही रमा की माँ का देहांत हो गया था। रमा को अकेलापन ना महसूस हो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 305 Share Abha Singh 10 Jul 2021 · 2 min read मर्यादा लघुकहानी मर्यादा पलक शर्मा जी की बड़ी बेटी थी।पलक की छोटी बहन सुमन थी और छोटा भाई आकाश था।घर की पूरी जिम्मेदारी पलक के कन्धों पर थी। पलक ने कभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 14 525 Share Poonam Jha 10 Jul 2021 · 3 min read तड़प हुडा सीटी सेंटर के ट्रैफ़िक सिग्नल पर, बहुत देर से रुके ट्राफ़िक से खीज, जमी भीड़ का कारण जानने, शैलजा कार से उतर, भीड़ की ओर बढ़ी। दो पुलिस कॉन्स्टेबल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 267 Share Poonam Jha 10 Jul 2021 · 3 min read ज़मीर का सौदा "जज साहिबा, कोई दम ही नहीं इस केस में। शीतल शुक्ला ने अपने पति को एक रात पहले धमकाया कि वो ख़ुदकुशी करके उन्हें सबक़ सीखाएँगी …आपने रिकार्डिंग तो देखी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 6 322 Share Usha Sharma 10 Jul 2021 · 7 min read कहानी : कौन अपना कौन पराया... कहानी : कौन अपना कौन पराया...... हर रोज ही की तरह सुबह छः बजे जब मिसेज रत्ना जरीवाला सोकर उठीं तो उन्हें कुछ थकावट सी लग रही थी, जबकि वो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 466 Share Damini Narayan Singh 10 Jul 2021 · 2 min read जब मेले ने देखा चुड़ियों से मिल "इश्क का रंग" क्यूँ ले लिया उनका सामान ? अच्छ एक बात बताओ दीदी ! क्या ? आपने ऐसा मरद देखा है जो अपनी बीबी को चुड़ियाँ चुराकर दे दे चुप क्यूँ हो...बोलो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 267 Share Abha Singh 10 Jul 2021 · 3 min read सीमा रेखा आज मैं अपनी एक कहानी सुनाती हूँ जहाँ मैने अपने फर्ज को अपना कर्म और धर्म समझा। अब आप सभी पढ़कर ये जरूर बताइएगा कि मैने सही सही किया या... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 407 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 10 Jul 2021 · 2 min read स्कूल की यादें *आत्मकथा एक लघु कथा के रूप में* हमारे स्कूल दिनों की बात है हम सभी दोस्त यूं ही गाते गुनगुनाते स्कूल की ओर चले जा रहे थे, उसी समय हमारे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 526 Share Kumar Akhilesh 9 Jul 2021 · 3 min read “वो पल भर की मुलाकात” आप दुनिया के किसी भी रास्ते से गुजर जाइये, आपको कुछ ऐसे लोग (भिक्षुक) अवश्य मिल जायेंगे जो अपनी मजबूरियों का वास्ता देकर आपसे आर्थिक मदद चाहते है। इनमे से... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 270 Share Madhuri Markandy 9 Jul 2021 · 2 min read "बिंदिया" "आए हाय! पति तो इसका मर गया पर आज भी पता नहीं किसके नाम की ये बिंदिया लगाती है, यह कलमुँही है कलमुँही पता नहीं कहाँ-कहाँ मुँह काला करके आती... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 301 Share पण्डित योगेश शर्मा 9 Jul 2021 · 5 min read एक रुपये के चार हिस्से कार्तिक का माह था और ठंड युवावस्था को प्राप्त कर चुकी थी शाम के 5 ही बजे होंगे मैं कनपुरिया जैकेट पहने कानों में ईयरफोन लगाए अपनी दोस्त से बातें... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 324 Share meenu yadav 9 Jul 2021 · 3 min read इंसान कभी रुकती नहीं प्रस्तावना -समय हर घाव भर देता है , कितना ही गहरा क्यों न हो ! करोना के इस कुचक्र में न जाने कितनों को जख्म दिए पर सभी गुजरते वक्त... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 451 Share अमित नैथानी 'मिट्ठू' (अनभिज्ञ) 9 Jul 2021 · 3 min read अभिलाषा सारी रात बैंच पर बैठे बैठे प्रवीन प्रतीक्षा करता रहा । सुबह 5:00 बजे हल्की सी झपकि आई ही थी कि तब तक कानों में आवाज पड़ी - " बधाई... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 448 Share अमित नैथानी 'मिट्ठू' (अनभिज्ञ) 9 Jul 2021 · 7 min read कुटरी कुट़री मात्र तीन वर्ष की थी जब उसके माता-पिता का केदारनाथ अपादा में देहांत हो गया था। कुट़री बिल्कुल अनाथ हो गई थी। एैसे समय में उसका लालन-पालन उसके मामा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 551 Share Ruchika Rai 9 Jul 2021 · 2 min read मुखिया जी आज मीरा बहुत ही खुश थी,हो भी खुश क्यों न? स्कूल के समय से ही वह कक्षा में मॉनिटर रह चुकी थी।उसके स्कूल में सभी शिक्षक उसके नेतृत्व क्षमता की... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 576 Share आकाश महेशपुरी 9 Jul 2021 · 2 min read सोशल मीडिया की ताकत 'दरोगा जी! मैं सदैव आपकी सेवा में तत्पर हूँ बस आप मेरा काम करवा दीजिए।' दो हजार के नोटों की गड्डी दरोगा के हाथ में देते हुए सेठ धनराज बोला।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 548 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Jul 2021 · 7 min read दोराहा दोराहा ----------------/------------------ अभिनव देख लो आज वही तेरे जीवन रूपी नैया को किनारे लाई जिसे तू अबतक बेवफा कहता रहा, जिसका शक्ल भी देखना तुझे गवारा नहीं था। भाई एक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 2 945 Share MANSI PAL 8 Jul 2021 · 3 min read आज भी तो फिर कल तुम्हारा आना पक्का समझूँ , तृषा ने मेरी आँखों मे झाँकते हुए कुछ इस तरह पूछा मानो मेरी आँखों से मेरा जवाब तलाश रही हो। अच्छा तो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 269 Share Shashi kala vyas 8 Jul 2021 · 7 min read *"समर्पण"* *"समर्पण"* निर्मला अपने बेटे के प्रति हमेशा चिंतित रहती , क्योंकि वो कुछ कामकाज नही करता था दिनभर घर पर ही बैठे रहता इधर उधर घूमता रहता भूख लगने पर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 7 359 Share raja singh 8 Jul 2021 · 19 min read त्रिकोण कभी कभी कुछ ऐसा होता है कि जिसमे दो में किसी का दोष नहीं होता है परन्तु वे एक दुसरे के विपरीत हो जाते है.वसु को जब कभी इस शहर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 1k Share raja singh 8 Jul 2021 · 24 min read तटस्थ काहूकोठी से गुजरते हुए वह दिखी थी.एक पल को लगा कि वह हमारा भ्रम है.वह हमसे दूर थी. एक फ़र्लोंग से कम फासला नही रहा होगा फिर भी ऐसा लगता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 753 Share raja singh 8 Jul 2021 · 7 min read प्रतिबद्ध सीता छोटी बच्ची को गोद में चिपकाये और एक हाथ से मुन्ना को अपने से सटायें, अंदर दरवाजे के पास खड़ी चिंतित, विभ्रांत रघु की राह तक रही थी.बहुत देर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 5 1k Share raja singh 8 Jul 2021 · 13 min read “वह कौन था” - वह सुबह की सैर पर था,पत्थर की टाइल्स से निर्मित ट्रैक पर धीमे धीमे चलता हुआ. वह पेड़ पौधे घास वह अन्यों को निहारता जा रहा था.कुछ लोग उसके... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 750 Share raja singh 8 Jul 2021 · 27 min read “कब्ज़ा” - आज वह सुबह जल्दी उठा.बाज़ार वाले दिन वह जल्दी ही उठता था.नित्यकर्म से निपट कर वह दुबग्गा मंडी जाता और वहां थोक के भाव से सब्जियां मिलती है.वह अपनी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 612 Share आकाश महेशपुरी 8 Jul 2021 · 2 min read टार्च उन दिनों की है जब मैं सातवीं या आठवीं में पढ़ता था। मेरे गाँव के बगल से एक बारात गयी थी, बारातियों में मैं भी शामिल था। उस समय बारातों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · संस्मरण 4 3 499 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 7 Jul 2021 · 9 min read " मित्रता की बेल " आज जब सोकर उठा, तो घुरई बड़ा अनमना सा था। कल रात पहली नींद तो थकान के मारे आ गई थी परन्तु फिर जो आँख खुली तो न जाने क्यों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 70 176 4k Share Mahender Singh 7 Jul 2021 · 3 min read कंगाली में आटा गीला "आपदा में अवसर" श्लोगन सुनने में कितना प्यारा लगता है. नीचे कहानी में पढ़कर देख लो. दिनभर के काम से हारे थके मांदे रौनक अपनी बीवी और तीन बच्चों के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 903 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Jul 2021 · 8 min read कैसी बेबसी °°°°°°°°° कैसी बेबसी °°°°°°°°°° °°°°°°°°°●●●°°°°°°°°°° कितना खुश था पिता ; जब पहली बार देखा था अपने पुत्र का चेहरा जैसे दुनिया की सारी खुशी एक ही पल में उसके अन्तस... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 736 Share Mihir 7 Jul 2021 · 9 min read साल 1996 का वेलेन्टाइन उसे गलतफहमी पहले हुई या इश्क! ये बता पाना उतना ही मुश्किल था जितना 'मुर्गी पहले या अंडा'। बहरहाल, अकेला चना भले भाड़ फोड़ ले, अकेली मुर्गी कभी अंडा नही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 378 Share Shashi kala vyas 7 Jul 2021 · 4 min read *"बुढ़ापे की लाठी"* *"बुढ़ापे की लाठी"* चौरासी लाख योनियों में जन्म मरण का चक्कर चलता ही रहता है एक आत्मा से दूसरी आत्माओं में प्रवेश करने के लिए ये मानव शरीर मिलता है।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 1k Share Shyam Sundar Subramanian 7 Jul 2021 · 9 min read पश्चाताप सुनीता आज बहुत खुश थी। जब से उसकी बेटी सुधा और दामाद रोहित की अमेरिका से आने की खबर आई थी उसके पास जमीन पर नहीं पड़ रहे थे ।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 16 403 Share Himanshu banjare 7 Jul 2021 · 2 min read बाप के आंसू शाम का समय था। मौज मस्ती में डूबा लड़का घर आता है। आते ही वो चाय पिता है, फिर फोन पकड़ के हाथ में, कान में इयरफोन डाल के गाना... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 852 Share Taposh Kumar Ghosh 7 Jul 2021 · 5 min read मैं और तिरुमाला के “बालाजी” मैं और तिरुमाला के “बालाजी” मेरा भाई और परिवार ने भगवान वेंकटेश्वर के पहाड़ी मंदिर तिरुमाला का कई बार दर्शन किया औऱ मुझे भगवान बालाजी की महिमा बताई. मुझे यात्रा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 718 Share Khushboo Khatoon 7 Jul 2021 · 4 min read सपनों की दास्ताँ एक समय की बात है। गाँव के एक छोटे से कोने में दीपक और कमला नाम के एक गरीब दम्पती रहते थे। वे उस गाँव में सबसे गरीब थे ।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 10 1k Share Renu Bala 6 Jul 2021 · 2 min read मन का मनका फेर एक राजा जिसके दस रानियां थी, नाम पडा दशरथ, राजा मन के स्वामी थे, इसलिए पंच-ज्ञान इंद्रियां तथा पाँच कर्मेन्द्रियों के स्वामी, समान रुप से देखभाल रखते. विचलित तो मन... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 8 7 699 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 6 Jul 2021 · 2 min read कहानी--‘‘दादी और नदी में सिक्का डालना कहानी--‘‘दादी और नदी में सिक्का डालना एक बार मैं अपने दादा-दादी जी को साथ लेकर ट्रेन से दूसरे शहर में शादी में लेकर जा रहा था कि रास्ते में एक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 404 Share Previous Page 4 Next