Posts "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 505 authors · 505 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mamta Kalra 15 Nov 2018 · 1 min read माँ ग़मे-ज़िंदगी में कहाँ नहीं होती... जाने कैसे जीते हैं, जिनकी माँ नहीं होती ग़मे-ज़िंदगी में बोलो, वो कहाँ नहीं होती माँ से ही होती हैं, ज़िंदगी में सारी रौनकें कोई ऐसा मक़ाम नहीं, माँ जहाँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 23 137 796 Share Rajnish Goyal 15 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ अनोखी माँ होगी सब की माँ अच्छी, पर मेरी माँँ सा कोई नहीं। सोती थी वो गीले में, सूखे में सुलाया था मुझको। जब मैं भोजन करती तो, पंखा झुलाया था मुझको।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 23 88 1k Share Umesh Chavan 5 Nov 2018 · 1 min read माँ अवधूत के ह्रदय में नित गूँजती गुँजन हैं माँ ! अलख सृष्टी के आशाओं की नित्य निरंजन हैं माँ ! फुलों के अंतरंग में फ़ुहारती मधु गंगा हैं माँ !... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 122 1k Share MANISHA 8 Nov 2018 · 1 min read माँ की ममता माँ की ममता के सिवा, नही हमारा कोई दूजा ! नही कर्ज चूक सकता ,चाहे करे हम उसकी पूजा !! विकट हालातो में भी, देती नही कभी बद्दुआ। जो हो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 75 904 Share Madhavi Upadhyay 12 Nov 2018 · 1 min read माँ ! माँ ममता की अनंत सागर है , ह्रदय -भाव की गहरी अनुभूति ;; वात्सल्य की पराकाष्ठा , करुणा की प्रतिमूर्ति है माँ ! हमारे सुख- दुःख की धूप-छाँव, अपरिमित विश्वास... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 21 92 1k Share Minolta Oswal 16 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ..... सपनो की तसवीर हो तुम खुशिओ का पैगाम हो तुम, अंत भी तुम, आरंभ भी तुम इस धूप छाओ के देश मे, सच्चाई की मूरत हो तुम। शीतल जल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 21 52 1k Share Mamta Rani 2 Nov 2018 · 1 min read प्यारी माँ माँ शब्द अपने आप में पूर्ण है, हमारे जीवन में उनका प्यार परिपूर्ण है। माँ के दिल में बच्चों की खास जगह होती है, उनके लिए हमेशा हँसती रोती है।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 46 1k Share रमेश कुमार सिंह 'रुद्र' 13 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ की सेवा करना ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है इन्हीं के आचल तले ही अब शीतलता का छांव है माँ के पास जो सुख भोगे कहीं नहीं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 96 1k Share उमा शर्मा 17 Nov 2018 · 1 min read माँ बैठकर मेरे सिरहाने, नींद मीठी सी सुलाने थपकियां देती रही। दुख के कांटे खुद सहे मुझको दी खुशियों की लड़ी। मुश्किलें आई तो, थी तेरी दुआ आगे खड़ी। मेरे बतलाने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 79 1k Share Deepa Dhawan 22 Nov 2018 · 1 min read माँ एक सीप देखा है तुमने कभी क्या सीप को लाकर करीब नाम से होगे वाकिफ पर बात कहनी है अजीब बाहर भले है भूरी काली बदरंग खुरदुरी मटमैली पर अंदर सपाट चिकनी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 54 2k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक - मां कहानी सुनाती ,सुलाते -सुलाते , बहाना बनाती ,रिझाते - मनाते । मां, तू है ममता की देवी रिचा की, सुनाती है ,लोरी ह्रदय से लगा के। बनाये ,खिलाये, हंसाये रूला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 115 1k Share Dimpal Khari 1 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ माँ की ममता का कोई मोल नहीं, माँ जैसा कोई अनमोल नही। कभी सागर की गहराई सी , कभी पर्वत की ऊंचाई सी । कभी गंगा जैसी सुरसरिता , सब... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 112 1k Share Sudhir Mishra "Nishchhal" 5 Nov 2018 · 1 min read माँ-(गीत)-सुधीर मिश्र "माँ"(गीत)✍?सुधीर मिश्र तीर्थ कोई भी पावन भले घूम लो, दूसरी कोई दुनियां में सूरत नहीं। देवियों से भी ज्यादा है ममतामयी, माँ के जैसी कोई और मूरत नहीं।। जिसके आँचल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 137 1k Share Bhawana Kumari 16 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम्हारी उपस्थिति माँ! तेरी अनुपस्थिति में ना जाने मुझे क्या हो जाता है? लाख कोशिश के बाद भी रोटियाँ गोल नहीं बनती । गैस पर रखी दूध उबल कर ना जाने कहाँ-कहाँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 67 1k Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 17 Nov 2018 · 1 min read कविता (माँ) माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह दुलराना । थपकी,लोरी,तुतली बोली,आँचल दूध पिलाना । याद बहुत आता है सब ,तुझको बहुत सताना । माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 73 2k Share Sarika Kashyap 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ, तेरे जाने के बाद मुझे, ना जाने क्यूँ ऐसा लगता है। ईश्वर से क्या माँगूँ भला? वो पत्थर जैसा लगता है। गिर जाती हूँ थक कर मैं, आकर मुझे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 35 1k Share रवीन्द्र सिंह यादव 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ सृष्टि स्पंदन अनुभूति सप्त स्वर में गूँजता संगीत वट वृक्ष की छाँव। माँ आँसू ममता सम्वेदना गोद में लोक जीवन आलोक निर्झर-सा प्रवाह। माँ शब्द क़लम रचना है कैनवास... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 125 829 Share Anuj Agrawal 1 Nov 2018 · 1 min read माँ !!! जब बीमार मैं होता था, धड़कन तेरी बड़ जाती थी ! सोती न थी रातों को, मुझको लोरियां सुनाती थी !! गुल्लख खली करके भी, तू झूठ बोलती भरी रही... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 66 1k Share बबीता अग्रवाल #कँवल 2 Nov 2018 · 1 min read माँ मेरी मां हैं जो हमेशा मुझमें जिया करतीं हैं वो शज़र बनके मुझे छावँ दिया करती है माँ की सूई तो नुकीली भी नही होती कभी जाने कैसे वो ये... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 78 1k Share Uma Vaishnav 12 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ****************** जैसे दिये में, ज्योति होती , माँ भी तो बस, ऎसी ही होती, ख़ुद जल कर,घर रोशन करती, तेरी व्याख्या, किसी से न होती, तू जीवन का, आधार... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 124 838 Share Shikha Mishra 15 Nov 2018 · 1 min read वो 'मां' कहलाती है इक छोटे से संबोधन में पूरी दुनिया सिमट जाती है, अपने खून से नव जीवन सृजन कर, वो औरत से "मां" बन जाती है। अमृत से सींचकर वो अपने बच्चे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 47 1k Share Nidhi Agarwal 18 Nov 2018 · 1 min read माँ! तुम स्वयं उपमान हो! माँ! मेरे यह गीत सारे,आज तुझको हैं निवेदित मन के मेरे भाव निर्मल,तेरे चरणों में हैं प्रेषित शीत की ऊष्मा हो माते और हवा सा प्यार हो स्नेह का सागर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 53 1k Share Gaurav Tripathi 22 Nov 2018 · 1 min read मां मैं रात भर जगाता हूँ , वह मुझे देख मुस्कराती है , दिन भर उसे लोक मर्यादा जगाता है, मुझे नहीं पता वह कब सो पाती है , लेकिन वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 31 606 Share Sudha Singh 1 Nov 2018 · 1 min read माँ अदृश्य- सी वह शक्ति, जो सदैव मेरे साथ है! पता है मुझे माँ, कि वह तेरा ही आशीर्वाद है! तेरा प्यार,तेरी ममता, तेरा स्नेह माँ निर्विवाद है! तू मेरी संगी,मेरी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 64 1k Share VIDHI GUPTA 1 Nov 2018 · 1 min read माँ जिसका कोई अंत नहीं उसे आसमान कहते हैं, और इस जहान में जिसके प्यार की कोइ सीमा नहीं उसे माँ कहते हैं। सब कुछ सह लेगी पर हम पर कोइ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 37 830 Share प्रणव भास्कर तिवारी शिववीर 5 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ कविता आपके ही भीतर मेरी प्यारी माँ, धड़का पहला धड़कन मेरा। पहला मुख दिखा आपका जब, पहली बार खुला नयन मेरा।। मेरे संग तुतलाकर सिखाया बोलना बोल ये सुंदर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 1k Share रेखा कापसे 6 Nov 2018 · 1 min read "माँ तु सर्वश्रेष्ठ" तेरे सजल नैनो से, झलकती सदा प्रीत है। हरपल लाड़-दुलार, तेरे आँचल की रीत है।। तेरी काया मे रह,जन्म तुमसे ही पाया है। तु ममता की मुरत, तेरा आँचल मेरा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 57 1k Share Sukhchain Mehra 10 Nov 2018 · 1 min read माँ (साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता) मेरे हालात रंक से भी बदतर हो गये है, जहां तूने रानी बनाकर विदा किया था माँ। फटी चटाई पर सोती है तेरी रानी बिटिया, उस पलंग पर नहीं जो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 139 1k Share babita shekhawat 21 Nov 2018 · 1 min read प्यारी होती है माँ अनमोल से भी अनमोल होती है माँ , बच्चे को चोट लगने पर रोती है माँ। क्या कहे इन्हें इतना प्यार दिखाती है माँ , भगवान का दूसरा रूप कहलाती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 105 997 Share Dharm Patel 27 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ धन्य धरा पर मां है मेरी शब्द जहाँ में मां है मेरी शीतल कोमल करूणा मन की भारत माता तन है मां की । प्रत्यक्ष लक्ष्मी मां है घर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 83 863 Share jyoti jwala 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ के संग बीते लम्हों के पन्नों को मै खोलूँगी, बचपन की मीठी यादों के रस कविता में घोलूँगी, रातों को जब बचपन में मुझे नींद न आया करती थी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 42 935 Share Abhilasha Chauhan 1 Nov 2018 · 1 min read **माँ** मांँ, तू जीवन दात्री, तू ही है भगवान, मुझमें नहीं शक्ति करूं तेरा गुणगान। मांँ, तू ममता की मूरत अतुल्य अनुपम, किसी भी हाल में तेरी ममता न हो कम।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 54 1k Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Nov 2018 · 1 min read माँ तो ऐसी ही होती है ..... (माँ का बलिदान ) {कविता } अपनी बगिया के फूलों को , रक्त से अपने सींचती है । उनकी मुस्कराहट के लिए , अपने अश्क भी पी जाती है । चैन से वोह सो सके ,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 50 2k Share सन्दर्भ मिश्र 'फ़क़ीर' 4 Nov 2018 · 1 min read माँ तू है दुःख कबहूँ न होई माँ जैसा न और है कोई, माँ तू है दुःख कबहूँ न होई, सूरज भी पश्चिम चल जाए, चन्दा भी तो शीश झुकाए, तारे भूमि पर आ टिमटिमाएँ, सम्भव यह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 80 663 Share DrSushma Mehta 4 Nov 2018 · 1 min read माँ - एक दर्पण _ *माँ - एक दर्पण*_ माँ है एक मूक समर्पण , जीवन का अद्भुत-सा दर्पण, दिखता है, जिसमें बिंब अपना , ममतामय भावों का सुंदर सपना । उदास हूँ मैं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 58 1k Share Sunil Jha 7 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ की ममता है सघन, इसकी क्या है थाह। माँ के चरणों से अधिक, रहे न कोई चाह।। माँ का दिया प्रसाद है, जीवन अपना जान। कर इसकी आराधना, जीतो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 54 743 Share Archana katare 10 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तुम ममता मेँ लोरी हो, ममता की मूरत हो, अनुशासन मे लाठी हो, सूखे की बारिस की बूँदें हो, दिखती काँच हो रहती हीरा हो, तुम कुम्हार का घडा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 44 1k Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 11 Nov 2018 · 1 min read माँ ही जीवन कविता-माँ कविता वसुधा-सी आँचल फैलाए.. वात्सल्य की वो मूरत है। कैसे कह दूँ भगवान नहीं देखा, एक माँ उनकी सूरत है। अपनी ममता की छाँव तले वो… संपन्न करती संसार... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 112 1k Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 15 Nov 2018 · 1 min read माँ भोलेपन की सूरत,पर माँ पिघल जाती है। श्रृंगार स्वरूप सब भूल कर,लोरी में घुल जाती है।। कोई बता दे उसकी ममता,की कैसी ये चादर । उठ-उठ कर आती माँ मेरी,ऐसा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 48 1k Share रामचन्द्र दीक्षित 16 Nov 2018 · 1 min read "मां" जो तुम में हैं ... मैं भर झोलियां मां की यादों को लाया हूं कुछ यहां से लाया कुछ वहां से लाया हूं ढेर नादानियां कर के उस को सताया हूं न जाने बार कितनी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 104 689 Share Neha 17 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ से अस्तित्व हमारा ,माँ से ही जग में उजियारा जीवन बगिया को संवारा ,अपना सबकुछ हम पे वारा कोख से लेकर नन्हे कदमों तक सम्भाला माँ तुम सा ना... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 44 1k Share सुशील सिहाग "रानू" 18 Nov 2018 · 1 min read मां * मां * अनन्त रुपी रब का कुछ सिमटा सा विस्तार है मां... आड़ी तिरछी रेखाओं का अजब सा आकार है मां... मैं हूं एक छोटा सा पहलू और सकल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 71 1k Share Laxminarayan Upadhyay 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तुमको मैं कैसे लिख दु तुम शब्दो मे कैसे आओगी … अपना सबकुछ देकर बस मुझमे खुद को पाओगी .. माँ तुमको मैं........ कैसे बिताये हैं तुमने वो दिन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 50 1k Share Kunti Naval 25 Nov 2018 · 1 min read मां का प्यार मां शब्द में समाई है दुनिया अनोखे अनूठे अंदाज में बनाई है दुनिया मां ने बच्चों की चाहत में बसाई है दुनिया अनमोल अद्भुत लोरियों से सजाई है दुनिया ममता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 33 566 Share Kamlesh Ahuja 29 Nov 2018 · 1 min read माँ का स्वरूप... नफ़रतों की दुनियां में,इक माँ ही अपनी होती है, हँसती है हमारे लिए,हमारे लिए ही यह रोती है। सुकून से हम रहें, सुख चैन अपना वो खोती है, दुःख में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 77 733 Share नवल किशोर सिंह 1 Nov 2018 · 1 min read जननी (माँ) जननी (माँ) हिलती नींव, बिखरता रिश्ता जबसे तात, तुम हुए फरिश्ता दरकती शाख, फुनगी पे आँख मर्माहत मूल, ये कैसी भूल देख के मौका, बिलग हुआ चौका खेतों के मेड़,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 104 1k Share Kuldeep Vishwakarma 1 Nov 2018 · 1 min read माँँ माँ शब्द नहीं शब्द कोश है माँ। प्रेम नहीं प्रेम स्त्रोत है माँ। ममता बूंद नहीं सागर है माँ। हर दर्द का मरहम है माँ। धधकती धूप मेंं छाँव है... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 57 985 Share Anamika Gupta 2 Nov 2018 · 1 min read माँ विधा -- छंद (विष्णुपद छंद) ❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣ माँ ❣❣❣❣❣❣❣ जीवन देने वाली माता , पुण्या होती है। घर भर के सारे दुख अपने, सिर पर ढोती है॥ दुख सारे तन मन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 49 760 Share Manju Singh 3 Nov 2018 · 1 min read आईने में मां आईने में माँ आज उम्र के इस पड़ाव पर अक्सर आईने में एक बूढ़ी स्त्री नज़र आती है कभी मुस्कुराती, धीरज - सा बँधाती है। चिंता दर्शाती, कभी एहसास ये... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 59 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 5 Nov 2018 · 1 min read स्वर्णिम अध्याय है माँ आदि श्रृष्टि का स्वर्णिम अध्याय है माँ करुणा-ओ-ममता का पर्याय है माँ धर्म-कर्म की सारगर्भित व्याख्या में जीवन गीता का स्वाध्याय है माँ वो द्रवित होती संतानों के दुःख में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 33 1k Share Previous Page 2 Next