Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2018 · 1 min read

माँ ग़मे-ज़िंदगी में कहाँ नहीं होती…

जाने कैसे जीते हैं, जिनकी माँ नहीं होती
ग़मे-ज़िंदगी में बोलो, वो कहाँ नहीं होती

माँ से ही होती हैं, ज़िंदगी में सारी रौनकें
कोई ऐसा मक़ाम नहीं, माँ जहाँ नहीं होती

फ़कत ईंट-पत्थरों की इमारतें घर नहीं होतीं
बिना माँ के घर में, कभी जाँ नहीं होती

जिंदगी है इक ग़ज़ल, माँ उसकी है मौसिक़ी
बच्चों की खुशी पर कौन माँ कुर्बाँ नहीं होती

दुनियाँ की हर माँ को झुक कर मेरा सलाम
उसके बिना कोई हस्ती-ए-दुनियाँ नहीं होती॥

ममता कालरा
मेरठ

23 Likes · 137 Comments · 791 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Sakshi Tripathi
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
Jyoti Khari
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
सच
सच
Neeraj Agarwal
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
Anju ( Ojhal )
वाराणसी की गलियां
वाराणसी की गलियां
PRATIK JANGID
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
AJAY AMITABH SUMAN
आखिरी उम्मीद
आखिरी उम्मीद
Surya Barman
होली
होली
लक्ष्मी सिंह
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
Radhakishan R. Mundhra
बसंती बहार
बसंती बहार
Er. Sanjay Shrivastava
बाबूजी
बाबूजी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चांद बिना
चांद बिना
Surinder blackpen
संघर्षी वृक्ष
संघर्षी वृक्ष
Vikram soni
जय माता दी
जय माता दी
Raju Gajbhiye
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
Mahendra Narayan
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
Buddha Prakash
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
bharat gehlot
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*यार के पैर  जहाँ पर वहाँ  जन्नत है*
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐प्रेम कौतुक-408💐
💐प्रेम कौतुक-408💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
Pooja Singh
जाते हैं संसार से, जब सब मानव छोड़ (कुंडलिया)
जाते हैं संसार से, जब सब मानव छोड़ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
2271.
2271.
Dr.Khedu Bharti
Loading...