Posts "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 505 authors · 505 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Twinkle Tomar Singh 30 Nov 2018 · 1 min read चक्की चलाती माँ चक्की के घूमते पाट धुंधली सी यादों में आते हैं माँ के मजबूत हाथ पत्थर के पाटों को चलाते हैं नवरात्रि की अष्टमी पर देवी माँ हाथ की चक्की से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 9 638 Share Priyanka Shrivastava 30 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ को होती तीसरी ऑंखें बालक का दिल उसमें झाँके बच्चों की हर आहट माँ पहचाने उसकी हर सांसो को जाने. ताल-छंद छौने के वो जाने उसके सरगम के... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 9 326 Share Khushboo Jain 30 Nov 2018 · 1 min read ऊषा माँ : जाने क्यों ये सफर बहुत छोटा था एक रिश्ता जो जन्म से नहीं सात फेरो से बना है एक ऐसी माँ जिसने मुझे अपना बेटा दिया है यूँ तो शिकवे थे बहुत माँ तुमसे, सुनाए तुम्हें कितने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 11 301 Share Pammy Rajan 30 Nov 2018 · 1 min read माँ कैसी होती है? माँ गमो का अंत होती है माँ खुशियो का सागर है माँ हँसी का सैलाब है माँ मुस्कुराहट की दीवानी है माँ दुखो का नाशक होती है माँ खुशियो का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 25 380 Share Trilochnesh mishra 30 Nov 2018 · 1 min read हे माँ मुझे सुला दे मै सोना चाहता हूँ.... हे माँ मुझे सुला दे मै सोना चाहता हूँ तेरी ममता के आँचल का कोना चाहता हूँ हे माँ ! मुझे सुला दे मै सोना चाहता हूँ मखमल के गद्दे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 17 491 Share Moni Singh 30 Nov 2018 · 1 min read माँ *माँ* देखती हूँ बरामदे के कोने पर रोज़ सुबह आती है दाना लिए वह नन्ही चिड़िया.. घोंसले में दुबके बच्चों को खिला मुड़ जाती है और लाने.. एक ही दिन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 16 339 Share Archna Goyal 30 Nov 2018 · 1 min read माँ ऐ माँ अपने आंचल में छुपा ले मुझे दुनिया की सारी बदसूरती से बचा ले मुझे । दामन से सारे आँसू पोंछ दे मेरे बचपन में वापिस छोड़ दे मुझे।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 17 1k Share Ajaikumar Pareek 30 Nov 2018 · 1 min read माँ दिनांक – 30 नवम्बर 2018,वार – शुक्रवार ?माँ का दर्जा भगवान के ऊपर व पहले है? ———————————————————– जीवन का आधार है माँ,पहली पालनहार है माँ माँ ही दिखलाती ये जहाँ,माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 48 537 Share Nikki Sharma 30 Nov 2018 · 1 min read माँँ तो माँँ होती है जिनके पास हर दर्द का इलाज हुआ करता है हर जख्म का भी इलाज हुआ करता है हर गम भुल जाओ उनके गोद में सर रखकर बस एक माँ के... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 25 486 Share Shikkha Sharrma 30 Nov 2018 · 1 min read माँ धुंए की तरह उड़ा दे सारी परेशानियां "माँ" की इस कदर बरसती है मेहरबानियां बार-बार निहारने के बाद खुद पर वहम करे माँ" काला टीका लगाकर नज़र उतारने के सौ-सौ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 21 562 Share Swati Gupta 30 Nov 2018 · 1 min read माँ तुझसे शुरू होती है मेरे जीवन की कहानी, जानती है तू मुझको तबसे, जब सारी दुनिया थी मुझसे अनजानी, सबसे पहले मुझे तूने छुआ माँ, उस छुअन का कुछ ऐसा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 26 745 Share Tinni Shrivastava 30 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ तुम्हारे सान्निध्य को तरसती ,बिलखती, तुम्हारी ममता की छाँव में, प्रेम से सिंचित पुष्प सी मैं, आज अपनी क्यारियों में उलझी सी-- पर जानती हूँ....... तुम हो तो मैं हूँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 34 708 Share Teena Suman 30 Nov 2018 · 1 min read माँ तू जीवन है मेरा ,तू ही मेरा आधार है,, तुम सूक्ष्म नहीं तो अपरंपार है , तेरी परछाईं बनना सौभाग्य है मेरा , कैसे शुक्रिया अदा करूं तेरा ,तूने मुझको... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 21 399 Share राजेश 'ललित' 30 Nov 2018 · 1 min read मां तपस्विनी --------------------------------------------- 'मां तपस्विनी' ----------------------------------------------- है कहां? वो घर तपोवन? सिकुड़ गया, घर का आंगन। कहीं किसी कोने में, तपस्विनी सी बैठी है; थकी मांदी नैनन मे नींद भरी है, चूल्हा,चौका,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 21 542 Share Manisha Dubey 30 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम तो अनमोल हो ! जब खुली बंद पलकें मेरी, तेरा ही दीदार हुआ देखा जब तुझको माँ, मुझे पहली नज़र का प्यार हुआ | नन्हा सा था जिस्म मेरा, तुमने ही जान तो डाला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 29 1k Share Shivendra Kumar Srivastava 30 Nov 2018 · 1 min read माँ कोटि- कोटि प्रणाम तुम्हें, क्या रचना खूब विधाता की। सृजन समाज का किया बाद में, पहले रचना की माता की।। पूर्ण पवित्र 'शब्द' जग में , दर्शन कर नहीं है... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 57 602 Share Anamika Sharma 30 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ,कहने को केवल एक शब्द मगर, ना जाने कितने अर्थ अपने अंदर समेटे हुए कितनी भावनायें समाहित किए हुए कितनी ममता भरे हुए एक जीती जागती आकृति एक कोमल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 42 532 Share Manjula Dusi 30 Nov 2018 · 1 min read माँ माॅ ,करता तो होगा तुम्हारा मन भी, कि घूम आऊ मायके, मिल आऊ अपने माॅ बाबा से, भाई बहनो से और बचपन की सखियों से,कर लू ढेर सारी बाते पर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 24 471 Share सुधीर बमोला 30 Nov 2018 · 1 min read माँ जब कभी मुश्किलें मुझ पे आ जाती है। ज़िन्दगी राह मुझको दिखा जाती है।। याद है आज भी माँ की लोरी मुझे। गुनगुनाऊँ अगर तो सुला जाती है।। मुश्किलों से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 21 311 Share Dr. Seema Varma 30 Nov 2018 · 1 min read तेरी ममता मेरा गहना है... बाल मन मेरा बाल मन इस पल भी रोया करता है तेरी लोरी सुनने को आतुर तेरी अंक मे सोया रहता है। मैं निरीह सा ,नीड़ का शावक पंछी राह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 16 1k Share डॉ गरिमा संजय दुबे 30 Nov 2018 · 1 min read शेष रह जाती है माँ शेष रह जाती है माँ डॉ. गरिमा संजय दुबे केवल शिशु जन्म नहीं लेता जन्म ले लेती है एक माँ भी , उसके पहले तो वह होती है लड़की ,बेटी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 23 441 Share Smita Saksena 30 Nov 2018 · 1 min read माँ की थपकियाँ.... माँ की थपकियाँ बड़ा सुकून देती हैं मुझे, उसकी लोरी से आँखों में मीठी सी नींद उग जाती है । चेहरा देख मेरा मानो अंतर्मन भी पढ़ लेती है, इतना... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 38 422 Share Sanju Gill 30 Nov 2018 · 1 min read "नहीं है माँ " आज सारी दुनिया साथ है , पर सिर पर तेरा हाथ नहीं है माँ । चाहूँ तो किसे चाहूँ , जब चाहने के लिए मेरे पास नहीं माँ । जिस... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 17 578 Share Darshna Jain 30 Nov 2018 · 1 min read मां बिटिया की कलम से✒️ मां तुम ये सब कैसे कर लेती हो.... बचपन से देख रही हूं मैं ,सब का ध्यान रखती हो , फिर खुद का ख्याल रखना क्यों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 30 523 Share Sangeeta Darak maheshwari 30 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ पल पल अपने खून से सींचती है ,जो तुमको । साँसों को तुम्हारी जो अपनी रफ्तार देती है । बीज से शिशु बनने तक, तुमको जो सहेज कर, अपने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 14 631 Share Kusum Meena 30 Nov 2018 · 1 min read माँ की खुशियाँ इतनी महँगी क्यों जिस माँ के दामन से सबकी झोलियां भरे कोई याचना न खाली जाए उस, माँ की झोली खाली क्यों सदाचार का बीज जो शिशु के मन में रोपित करती प्रथम... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 21 341 Share Gyan Priya 30 Nov 2018 · 1 min read ममता की प्रतिमूर्ती मेरी माँ भगवान का खेल बड़ा निराला देखो, धरती पर ममता की प्रतिमूर्ती माँ को देखो... हम बच्चे हैं माँ की छाँव तले, उनकी छत्र छाया में पले बढ़े.... कभी गिरते हैं,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 40 718 Share Kamlesh Ahuja 29 Nov 2018 · 1 min read माँ का स्वरूप... नफ़रतों की दुनियां में,इक माँ ही अपनी होती है, हँसती है हमारे लिए,हमारे लिए ही यह रोती है। सुकून से हम रहें, सुख चैन अपना वो खोती है, दुःख में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 77 733 Share Karishma Shah 29 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ एक शब्द में है पूरा संसार समाया । तुझसे ही मुझे मेरा अस्तित्व मिला ।। तूने ही तो अपने खून से है मुझे सींचा । तूने ही तो अपने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 38 697 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 29 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ जीती सन्तान के लिए और मृत्यु को होती प्राप्त । जब तक जीती उसके मन में वात्सल्य रहता है व्याप्त ।। माँ की ममता, वात्सल्य की कद्र न करती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 22 400 Share कवि संजय सिंह 29 Nov 2018 · 1 min read माँ ------- कविता :- #माँ ---- -- माँ तेरी ममता याद आती है, तू मुस्कुराती मेरी रूह मुस्कुराती है, आंखों में नींद न आती, जब जब तेरी याद आती है, होंठो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 52 740 Share PankajDarpan 29 Nov 2018 · 1 min read माँ तो बस माँ होती है माँ का आँचल जैसे ममता की छत माँ के पांवों में तो होती जन्नत डाँट में उसकी हमारी ही भलाई और छिपी रहती बेपनाह मुहब्बत माँ से ही लगता है... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 21 692 Share Anuradha Dixit 29 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम्हारी ऑखों की जलबिंदुओं में देखा है हमने सातों नदियों का जल । तुम्हारी ममता की आभा में दिखाई देते हैं हमें इन्दृधनुष के सप्त रंग । तुम्हारी लोरियोंं से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 23 471 Share Jaya Srivastava 29 Nov 2018 · 1 min read मेरी गुरु...मेरी मां मेरी गुरु,मेरी प्रेरणा.....मेरी मां.... जीवन का पहला पाठ तुम ने ही सिखाया हमको सही गलत के अंतर को तुमने ही बतलाया हमको चलना हमको आता ना था अक्सर हम गिर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 22 3k Share Chandra Varma 29 Nov 2018 · 1 min read माँ न सुर की आई थी समझ और न शब्दों का ज्ञान था, फ़िर भी माँ कह पाना तुझको माँ कितना आसान था, मिश्री में घुली लोरी सुन जब नींद मुझे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 29 636 Share मानसिंह मातासर 29 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ~~ सकल जगत में तुझसा माँ, होता है क्या कोई। मुझे सुलाने यहाँ चैन से, तू रात भर न सोई ।। चलती जब खाना बनाने, आँगन करके बिछात। शिकन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 61 1k Share Durga Bondopadhay 29 Nov 2018 · 1 min read माँ लल्ला बोला, माँ से, माँ मैं चाँद से खेलूंगा।। माँ बोली, प्यारा लल्ला मेरा, तू चाँद कैसा लेगा??? लल्ला था बड़ा हठी, चाँद से वो जोड़ चुका था नाता।। माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 19 573 Share Madhu Kirori 29 Nov 2018 · 1 min read माँ - तेरी सूरत मैं माँ तेरी सूरत मैं भूल नहीं पाऊँगी तेरी ममता को अब फिर नहीं पाऊँगी भुलाये से नहीं भूलती हूँ मैं तेरी मूरत निगाहों में बस गई अब तेरी ही सूरत... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 29 1k Share Bajrang Soni 29 Nov 2018 · 1 min read तनहा हो गयी माँ खुद ही मिट गयी तू, अपनी कोख उजाड़ कर तनहा हो गयी माँ, तू मुझे मारकर आँखे खोलती, सबसे पहले तुझे देखती होठ हिलते तो, मीठी–मीठी बोलती बगिया की महक,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 71 1k Share Dr. Sunita Singh 29 Nov 2018 · 1 min read माँ डॉ सुनीता सिंह हरियाणा माँ प्रकृति सी हरी भरी मखमली गोद वाली है माँ I सीधी रेखा सी सरल स्मित मुस्कान वाली है माँ I सागर सी गहरी अनन्त आशाओं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 32 382 Share आर एस आघात 29 Nov 2018 · 1 min read माँ मैं धन्य हो गया.. माँ मैं धन्य हो गया...2 प्यार से लोरी सुनते-सुनते.....माँ मैं धन्य हो गया...। मैं तेरे आँचल में सोया.. मन में जब आया ख़ुशी हुआ । मन में जब आया ख़ूब... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 72 706 Share Deepak Kumar Tripathi 28 Nov 2018 · 1 min read ईश्वर का वरदान “माँ” *ईश्वर का वरदान “माँ”* मातु हैं ईश्वर का वरदान ........... मातु कृपा बिन नहीं मिलेंगे तुमको कान्हा राम l मातु हैं ईश्वर का वरदान l वो खुद गीले में सोंयी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 66 1k Share Ashok Chaudhary 28 Nov 2018 · 1 min read माँ Jab se hosh samhala maa .maa me tumhe yaad karata hoo. Maa Hoti hai kya aaj me samjha hoo. Jab me chota baccha tha. Papa ne kaha telegram aaya hai.... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 26 524 Share Rashi Srivastava 28 Nov 2018 · 1 min read मां की ममता माँ की ममता माँ की ममता का मोल नहीं, उस जैसा कोई और नहीं II बच्चे को घी चुपड़ी दे, पर खुद रूखी रोटी खाये, अपना साया उस पर कर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 41 612 Share Sangeeta Singh 28 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ , माँ , माँ माँ शब्द है ऐसा, जिसने है सृष्टि रचा। मां शब्द को सुनते ही, हर रोम रोमांचित हो उठा। इस शब्द में इतनी ताकत है, हर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 26 850 Share Shivendra singh Chauhan 28 Nov 2018 · 1 min read माँ नमन सहित्यपिडिया दिन :- मंगलवार दिनांक :- 27/11/18 विषय :- माँ विधा :- दोहा *********************************** (1) माँ की गोदी में मिले, सबको शान्ति सकून। रग-रग में है दौड़ता, मात-पिता का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 19 1k Share Amrita Shukla 28 Nov 2018 · 1 min read वो मेरी माँ वो मेरी माँ मां तुमसे बिछड़े समय बहुत है बीता फिर भी लगता है अब तक सब रीता तुम रामचरित मानस के दोहे दुहरातीं कंठस्थ रहा करती थी भगवत गीता।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 23 655 Share Parminder Soni 28 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ क्या लिखूं, कुछ लिखने को है क्या? हर मोड़, हर कदम पर, छवि एक ही, बेमिसाल त्याग की मिसाल एक ही, सारी दुनिया जिसके है गुण गा रही, वही,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 49 1k Share Dr. Harimohan Gupt 28 Nov 2018 · 2 min read माँ माँ मेरी ममता मयी मातु, तुमको प्रणाम है, धरा धाम में, जग में ऊँचा धन्य नाम है l गीले में सो कर, सूखे में मुझे सुलाया, धूप शीत से बचने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 24 311 Share Sheela Gahlawat 28 Nov 2018 · 1 min read मां तपती धरती पे ठंडक जैसी होती है मां। जिसके लबों पे कभी भी होती नही ना। मां तो होती है जून में ठंडी छाया सी। निर्धन के सपने में होती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 36 55 1k Share Page 1 Next