Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2018 · 1 min read

माँ

डॉ सुनीता सिंह
हरियाणा

माँ

प्रकृति सी हरी भरी
मखमली गोद वाली है माँ I
सीधी रेखा सी सरल
स्मित मुस्कान वाली है माँ I
सागर सी गहरी
अनन्त आशाओं वाली है माँ I
ज्योति सी दीप्त
झिलमिल सितारों वाली है माँ I
कुमकुम सी खिली
पवित्र ऋचाओं वाली है माँ I
उडुगन सी पंख फैलाये
जहां को समेटने वाली है माँ I
दर्पण सी सत्य
भगवन की सुरत वाली है माँ I
यह मेरी मैलिक रचना है अन्यत्र प़काशित नही है।धन्यवाद

9 Likes · 32 Comments · 377 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
Manoj Mahato
कविता
कविता
Shiva Awasthi
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
जय महादेव
जय महादेव
Shaily
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
हरवंश हृदय
3189.*पूर्णिका*
3189.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना (हिंदी गजल)*
*किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
हाइकु - 1
हाइकु - 1
Sandeep Pande
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
Anil chobisa
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
शेखर सिंह
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
विकृतियों की गंध
विकृतियों की गंध
Kaushal Kishor Bhatt
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*Author प्रणय प्रभात*
हास्य का प्रहार लोगों पर न करना
हास्य का प्रहार लोगों पर न करना
DrLakshman Jha Parimal
कृषि दिवस
कृषि दिवस
Dr. Vaishali Verma
ये सिलसिले ऐसे
ये सिलसिले ऐसे
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदा है हम
जिंदा है हम
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
Anil Mishra Prahari
"बेखुदी "
Pushpraj Anant
शंगोल
शंगोल
Bodhisatva kastooriya
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चांद से सवाल
चांद से सवाल
Nanki Patre
कौन कितने पानी में
कौन कितने पानी में
Mukesh Jeevanand
Loading...