4534.*पूर्णिका*
4534.*पूर्णिका*
🌷 अपनी राह बना कर चल 🌷
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अपनी राह बना कर चल ।
कुछ तो चाह बना कर चल ।।
महके दुनिया देखो तुम ।
सुंदर बांह बना कर चल ।।
मस्त जीवन रोज सुहावन ।
हो आगाह बना कर चल ।।
मंजिल चूमे पांव यहाँ ।
नेक निगाह बना कर चल ।।
मेहनत जहाँ भी खेदू।
खुशियांँ वाह बना कर चल ।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
04-10-2024 शुक्रवार