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17 Nov 2023 · 1 min read

दोहे

शहंशाह जग में वही,जिसकी चले दुकान।
बाकी सारे चोर हैं , कहते ये नादान।।1

नभ में उड़ने की नहीं,अपनी कोई चाह।
बस इतनी है लालसा,दिल में मिले पनाह।।2

प्रभु से केवल माँगता,खाने को दो जून।
देश भक्ति का हृदय में,कायम रहे जुनून।।3
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
164 Views
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