Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

हर इक धोखा मुझको ये समझाता है
तू कितनी जल्दी बातों में आता है

बाजारों में ढूंढ रहा रिश्ते नाते
बाजारों का अक्स सदा भरमाता है

क्यों करनी उम्मीद वफ़ा की दुनिया से
कौन जहां से साथ किसी के जाता है

जिसका भी हम हाथ थाम कर चलते हैं
पीठ पे ख़ंजर अक्सर वही चलाता है

मीठेपन से रही गुफ्तगू दुनिया से
अपने हिस्से केवल ज़हर ही आता है

कितनी रंगत बदल रहा आलम सारा
अपनी खातिर क्यूं मौसम थम जाता है।
अल्पना सुहासिनी

1 Like · 60 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*Author प्रणय प्रभात*
हाँ मैं व्यस्त हूँ
हाँ मैं व्यस्त हूँ
Dinesh Gupta
दिल लगाएं भगवान में
दिल लगाएं भगवान में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सावन मे नारी।
सावन मे नारी।
Acharya Rama Nand Mandal
" मानस मायूस "
Dr Meenu Poonia
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
खुशी के पल
खुशी के पल
RAKESH RAKESH
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आंखों देखा सच
आंखों देखा सच
Shekhar Chandra Mitra
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
अंदर का मधुमास
अंदर का मधुमास
Satish Srijan
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
योग
योग
लक्ष्मी सिंह
काव्य
काव्य
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
मेरी किस्मत
मेरी किस्मत
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023
Sandeep Pande
"धरती"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यों तुमने?
क्यों तुमने?
Dr. Meenakshi Sharma
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
प्रेम
प्रेम
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
यारा  तुम  बिन गुजारा नही
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बिटिया और धरती
बिटिया और धरती
Surinder blackpen
बची रहे संवेदना...
बची रहे संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसान
किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
surenderpal vaidya
Loading...