4448.*पूर्णिका*
4448.*पूर्णिका*
🌷 हम शीश नवाते हैं🌷
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हम शीश नवाते है ।
सब नेक बनाते है ।।
जीवन अपना सुंदर।
मन देख सजाते है ।।
गम भूले यूं दुनिया।
खुशियांँ दे जाते है ।।
मोती सा यूं चमके ।
सच भाग्य जगाते है ।।
वक्त साथ यहाँ खेदू।
दिल भी हंसाते है ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
26-09-2024 गुरुवार