3201.*पूर्णिका*
3201.*पूर्णिका*
🌷 करते नहीं गुमान जरा🌷
2212 1222
करते नहीं गुमान जरा।
सच खोलते जुबान जरा।।
ये जिंदगी कहानी है ।
बनते यहाँ महान जरा।।
हालात से परेशानी ।
होता यहीं निदान जरा।।
नादां समझ नहीं पाते ।
अक्ल के खुले दुकान जरा।।
जिसने कदर किया खेदू।
वक्त संभले कमान जरा।।
………..✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
28-03-2024गुरुवार