3073.*पूर्णिका*
3073.*पूर्णिका*
🌷 मिलते रोज हजार यहाँ🌷
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मिलते रोज हजार यहाँ ।
करते तुम से प्यार यहाँ ।।
बदली दुनिया सोच नयी ।
माया का बाजार यहाँ ।।
साथी जीवन पथ के तू ।
नाव यहाँ पतवार यहाँ ।।
महके देखो गुलशन बन ।
यारों का है यार यहाँ ।।
खुशियों में झूमे खेदू ।
जीने का आधार यहाँ ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
04-03-2024सोमवार