Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

2945.*पूर्णिका*

2945.*पूर्णिका*
🌷 प्रगति पथ पर बढ़ते देखा 🌷
212 22 22 2
प्रगति पथ पर बढ़ते देखा।
नव शिखर पर चढ़ते देखा।।
रौशनी भी रखते यारी।
जिंदगी को गढ़ते देखा।।
साथ अपना हक से देते।
दोष हरदम मढ़ते देखा।।
भूल जाते चलते चलते ।
रोज कुछ कुछ कढ़ते देखा।।
आज तरक्की क्या खेदू।
बस किताबें पढ़ते देखा।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
21-01-2024रविवार

71 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सफर में महबूब को कुछ बोल नहीं पाया
सफर में महबूब को कुछ बोल नहीं पाया
Anil chobisa
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
भक्त गोरा कुम्हार
भक्त गोरा कुम्हार
Pravesh Shinde
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
तुम्हारे लिए हम नये साल में
तुम्हारे लिए हम नये साल में
gurudeenverma198
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
Sunil Suman
बस अणु भर मैं
बस अणु भर मैं
Atul "Krishn"
मुश्किल हालात हैं
मुश्किल हालात हैं
शेखर सिंह
विवेक
विवेक
Sidhartha Mishra
सहज है क्या _
सहज है क्या _
Aradhya Raj
बाबा साहब की अंतरात्मा
बाबा साहब की अंतरात्मा
जय लगन कुमार हैप्पी
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
Ajj bade din bad apse bat hui
Ajj bade din bad apse bat hui
Sakshi Tripathi
3234.*पूर्णिका*
3234.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
People will chase you in 3 conditions
People will chase you in 3 conditions
पूर्वार्थ
श्री रमेश जैन द्वारा
श्री रमेश जैन द्वारा "कहते रवि कविराय" कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
Ravi Prakash
उदासी एक ऐसा जहर है,
उदासी एक ऐसा जहर है,
लक्ष्मी सिंह
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हम बिहार छी।
हम बिहार छी।
Acharya Rama Nand Mandal
"परम्परा"
Dr. Kishan tandon kranti
जय श्री कृष्णा राधे राधे
जय श्री कृष्णा राधे राधे
Shashi kala vyas
राम की धुन
राम की धुन
Ghanshyam Poddar
चाय पार्टी
चाय पार्टी
Mukesh Kumar Sonkar
पुस्तकें
पुस्तकें
डॉ. शिव लहरी
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
Harminder Kaur
राम वन गमन हो गया
राम वन गमन हो गया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...