Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2024 · 1 min read

3234.*पूर्णिका*

3234.*पूर्णिका*
🌷 हम खरा उतरने की कोशिश करते हैं🌷
212 2122 22 22
हम खरा उतरने की कोशिश करते हैं।
बात ही बात में कोशिश करते हैं।।

लोग सब समझते ये दुनियादारी ।
सच जहाँ जानकर कोशिश करते हैं ।।

प्यार का चमन महके हसरत अपनी।
बस रहे नेक दिल कोशिश करते हैं ।।

जिंदगी जिंदगी जैसी हो हरदम ।
ले सके फैसला कोशिश करते हैं।।

तोड़ते आज खेदू दीवार यहाँ ।
यूं मिटे नफरतें कोशिश करते हैं ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
05-04-2024शुक्रवार

18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नेता सोये चैन से,
नेता सोये चैन से,
sushil sarna
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
■ अवतरण पर्व
■ अवतरण पर्व
*Author प्रणय प्रभात*
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
शेखर सिंह
माया
माया
Sanjay ' शून्य'
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
Harminder Kaur
मिताइ।
मिताइ।
Acharya Rama Nand Mandal
लालची नेता बंटता समाज
लालची नेता बंटता समाज
विजय कुमार अग्रवाल
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
ज़िंदगी तुझको
ज़िंदगी तुझको
Dr fauzia Naseem shad
शाम के ढलते
शाम के ढलते
manjula chauhan
है हिन्दी उत्पत्ति की,
है हिन्दी उत्पत्ति की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अगनित अभिलाषा
अगनित अभिलाषा
Dr. Meenakshi Sharma
*श्री विष्णु प्रभाकर जी के कर - कमलों द्वारा मेरी पुस्तक
*श्री विष्णु प्रभाकर जी के कर - कमलों द्वारा मेरी पुस्तक "रामपुर के रत्न" का लोकार्पण*
Ravi Prakash
2390.पूर्णिका
2390.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
श्रीराम का पता
श्रीराम का पता
नन्दलाल सुथार "राही"
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
मैं अपना सबकुछ खोकर,
मैं अपना सबकुछ खोकर,
लक्ष्मी सिंह
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
"सेवा का क्षेत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
धूल से ही उत्सव हैं,
धूल से ही उत्सव हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
When you remember me, it means that you have carried somethi
When you remember me, it means that you have carried somethi
पूर्वार्थ
भगवान सर्वव्यापी हैं ।
भगवान सर्वव्यापी हैं ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कैसे लिखूं
कैसे लिखूं
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...