2860.*पूर्णिका*
2860.*पूर्णिका*
🌷 तुम इतना नादान नहीं🌷
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तुम इतना नादान नहीं ।
मेरी क्या पहचान नहीं ।।
दुनिया की छोड़ो बातें ।
मुझमें तो अभिमान नहीं ।।
राज छिपा कर करना क्या।
जाने कब कुरबान नहीं ।।
दिल का देखे भाव यहाँ ।
है कितना अवदान नहीं ।।
बदले वक्त अपना खेदू ।
होते कौन महान नहीं ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-12-2023सोमवार