ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
लगातार अथक परिश्रम एवं अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण से
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Job can change your vegetables.
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*जाने-अनजाने हुआ, जिसके प्रति अपराध (कुंडलिया)*
सर्द और कोहरा भी सच कहता हैं
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
I Can Cut All The Strings Attached