2585.पूर्णिका
2585.पूर्णिका
🌷यहाँ कोई तो अपना है 🌷
1222 22 22
यहाँ कोई तो अपना है ।
हकीकत में तो सपना है ।।
निभा लेते कुछ दायित्व भी ।
किसे दुनिया में खपना है ।।
मुश्किल है पर जीते मरते।
कहे सब सबको नपना है ।।
यहीं रहते साथ भला रब ।
जरा सा माला जपना है ।।
खुशी मिलती खेदू कहते।
धधकती अग्नि में तपना है ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
9-10-2123सोमवार