Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

2585.पूर्णिका

2585.पूर्णिका
🌷यहाँ कोई तो अपना है 🌷
1222 22 22
यहाँ कोई तो अपना है ।
हकीकत में तो सपना है ।।
निभा लेते कुछ दायित्व भी ।
किसे दुनिया में खपना है ।।
मुश्किल है पर जीते मरते।
कहे सब सबको नपना है ।।
यहीं रहते साथ भला रब ।
जरा सा माला जपना है ।।
खुशी मिलती खेदू कहते।
धधकती अग्नि में तपना है ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
9-10-2123सोमवार

336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
The Sweet 16s
The Sweet 16s
Natasha Stephen
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
पर्वत के जैसी हो गई है पीर  आदमी की
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की
Manju sagar
हास्य कुंडलिया
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*वकीलों की वकीलगिरी*
*वकीलों की वकीलगिरी*
Dushyant Kumar
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3780.💐 *पूर्णिका* 💐
3780.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
Shweta Soni
आलता-महावर
आलता-महावर
Pakhi Jain
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" शर्त "
Dr. Kishan tandon kranti
कसौटी जिंदगी की
कसौटी जिंदगी की
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
धुंध इतनी की खुद के
धुंध इतनी की खुद के
Atul "Krishn"
रतन टाटा जी
रतन टाटा जी
Paurnima Sanjay Kumbhar
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💖
💖
Neelofar Khan
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
आदमी और मच्छर
आदमी और मच्छर
Kanchan Khanna
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
मुस्कुरा  दे  ये ज़िंदगी शायद ।
मुस्कुरा दे ये ज़िंदगी शायद ।
Dr fauzia Naseem shad
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
Rekha khichi
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
गुमनाम 'बाबा'
मेरी खुदाई
मेरी खुदाई
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कविता
कविता
Shiva Awasthi
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भौतिक सुख की चाह में,
भौतिक सुख की चाह में,
sushil sarna
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
Loading...