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4 Apr 2024 · 2 min read

देश का हिन्दू सोया हैं

आँख मूंद कर जान बूझकर, देश का हिंदू सोया हैं।
शोर ना कर ओ चलने वाले, देश का हिंदू सोया हैं।।

बहन बेटियों की खातिर अब, बोल नहीं अब बोला हैं।
शोर ना कर ओ चलने वाले, देश का हिंदू सोया हैं।।

धर्म-कर्म अब गए भाड़ में, चैन की नींद ये सोया हैं।
शोर ना कर ओ चलने वाले, देश का हिंदू सोया हैं।।

इसका तो अब रक्त जम गया, और ना इसका खैला हैं।
शोर ना कर ओ चलने वाले, देश का हिंदू सोया हैं।।

नहीं इसे अब मान का अपने, ना ही कोई मर्यादा हैं।
शोर ना कर ओ चलने वाले, देश का हिंदू सोया हैं।।

ना सदियों से सीखा इसने, ना अब तक ये जाना हैं।
शोर ना कर ओ चलने वाले, देश का हिंदू सोया हैं।।

इज्जत इसने लूट दी अपनी, बेशर्मी का बौरा हैं।
शोर ना कर ओ चलने वाले, देश का हिंदू सोया हैं।।

आग आ गई घर तक तेरे, कब तक तू यूँ सोयेगा।
करवट ले और कदम बढ़ा, कब तक तू यूँ रोयेगा।।

तेरे पास कुछ विकल्प नहीं, यही धरा तो बाकी हैं।
शरण मिलेगी नहीं तुझे अब, यही धरा तो बाकी हैं।।

वो सत्तावन देश हैं बैठे, तेरे हाथ तो खाली हैं।
कब तक बंद रहेगा घर में, तेरा नंबर बाकी हैं।।

डरा अगर तो चढ़ बैठेंगे, रक्त के तेरे प्यार से हैं।
नरपिशाच और हैवानो की, लाइन लगाए बैठे हैं।।

जागो मेरे ओ सोने वालों, कब तक तू यूँ सोयेगा।
आज देश को बहुत जरूरत, कब तक तू यूँ रोयेगा।।

कश्मीर गया और केरल भी, कब तक तू यूँ रोयेगा।
आज धर्म भी तड़फ रहा हैं, फिर भी चैन से सोयेगा।।

ललकार भारद्वाज

Language: Hindi
32 Views
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