24/248. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/248. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 मन मैना मगन देखले 🌷
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मन मैना मगन देखले।
अपन बुता लगन देखले।।
जिनगी महकत इहां जिहां ।
हांसत जग जगन देखले।।
धरती हरियर हरियर हे।
नैन सुघ्घर गगन देखले ।।
करत मया मया अंचरा ।
हिरदे के जतन देखले।।
राखय राज खेदू करा ।
बांधे मुड़ कफन देखले।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-02-2024रविवार