Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

(24) कुछ मुक्तक/ मुक्त पद

(1)
तुम्हारी एक सिसकी ने, मुझे अपना बना डाला
तुम्हारी एक सिसकी ने, बियाबां मुझको दे डाला
तुम्हारी एक सिसकी ने, मुझे सागर बना डाला
तुम्हारी एक सिसकी ने , मुझे आकाश दे डाला
कसम तुमको , मिलो यदि भूल से भी तुम कभी मुझको
हँसी का फूल ही होठों पे अपने तुम खिला लेना ,
अगर एक बूँद आँसू का गिरा आँखों से भूले से ,
कहीं जग यह न देखे, बूँद ने यह जग जला डाला।।
(2)
कठपुतली में जान डाल दे, ऐसे कुछ उद्बोधन होंगे
ढलते आँसू रक्त पुष्प हो, ऐसे कुछ संबोधन होंगे ।
होंठों की पपड़ी पर खिलते कमल –कभी तो सपना देखो
थोथे शब्द धूल धूसित हैं, स्वेद बिंदु से फूल खिलेंगे ।
(3)
नहीं जादू कोई तेरी निगाहों का चला करता
मेरे मन के रसायन हैं जो जादू बन रहे तुझमे
मेरे मन में ही अब तक पल रहे थे ख्वाब सदियों से
घनी पलकों के नीचे ढूंढता जो ख्वाब मैं तुझमें
(4)
नजर को क्या है , भटकती रहती है , काम है उसका
नजरिये ही कदम आगे बढाते , रोकते , पीछे हटाते हैं ।
कदम बढ़ पाए न आगे ,नजरिये को दिखा खतरा ,
“नजरिया तंग है ” बड़ी भोली नजर की यह शिकायत है ।

स्वरचित एवं मौलिक
रचयिता : (सत्य ) किशोर निगम

Language: Hindi
240 Views
Books from Kishore Nigam
View all

You may also like these posts

यूं तेरी आदत सी हो गई है अब मुझे,
यूं तेरी आदत सी हो गई है अब मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
** स्नेह भरी मुस्कान **
** स्नेह भरी मुस्कान **
surenderpal vaidya
आस का दीपक
आस का दीपक
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
हसीन चेहरे पर बहकने वाले को क्या ख़बर
हसीन चेहरे पर बहकने वाले को क्या ख़बर
पूर्वार्थ
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
नही आवड़ै
नही आवड़ै
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
शोर से मौन को
शोर से मौन को
Dr fauzia Naseem shad
आओ थोड़े बुद्ध बन जाएँ
आओ थोड़े बुद्ध बन जाएँ
Indu Nandal
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
Shwet Kumar Sinha
"" *श्रीमद्भगवद्गीता* ""
सुनीलानंद महंत
मेरे अधरों का राग बनो ।
मेरे अधरों का राग बनो ।
अनुराग दीक्षित
I was happy
I was happy
VINOD CHAUHAN
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*चरखा (बाल कविता)*
*चरखा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Indu Singh
यह कैसी विडंबना
यह कैसी विडंबना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप कृष्ण सा प्रेम कर लो मुझसे,
आप कृष्ण सा प्रेम कर लो मुझसे,
Swara Kumari arya
"बड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
■ अब भी समय है।।
■ अब भी समय है।।
*प्रणय*
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
4695.*पूर्णिका*
4695.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
आकाश महेशपुरी
काश!
काश!
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
प्रेरणा
प्रेरणा
Santosh Soni
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
Manisha Manjari
बदला रंग पुराने पैरहन ने ...
बदला रंग पुराने पैरहन ने ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
Loading...