23/65.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/65.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 मन के रावन मार लेबे 🌷
22 22 2122
मन के रावन मार लेबे ।
ये जिनगी ला तार लेबे।।
मनखे देख सुवारथी सब ।
दुनिया आज उबार लेबे।।
कोनो देवय संग संगी ।
खुद मदरस ला झार लेबे।।
उड़त हवा मा ये जमाना ।
तै हाथ अपन भार लेबे।।
बगरे जग अंजोर खेदू।
दीया मन मा बार लेबे।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
24-10-2023मंगलवार