19) एहसास
खुशकिस्मत हैं यह चांद तारे,
दीदार तेरा नसीब है जिन्हें।
दुआ है मेरी मैं भी इक सितारा बन कर,
रात की पुरसुकूं फिज़ा में,
तन्हाई के उन खामोश लम्हों में,
तेरा दीदार किया करूँ,
दिल की बातें किया करूँ,
दिल की बातें सुना करूँ।
गिला नहीं मगर कोई अपनी तकदीर से मुझे,
ख़्यालों ख़्वाबों में तो तेरा दीदार
तेरा हसीन साथ नसीब है मुझे।
बेकरां रात के सन्नाटे में,
उन तन्हा लम्हों में,
जब कोई और मेरे पास नहीं होता,
तुम सिर्फ तुम ही तो हो
जो तन्हाई का अहसास नहीं होने देते।
और फिर
“दिल में बसी है तस्वीर-ए-यार,
जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली।”
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नेहा शर्मा ‘नेह’