15- दोहे
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वृक्ष धरा पर हैं सभी, कुदरत की पहचान।
इनसे ही जीवन यहाँ, बात सभी लें जान।।
वृक्षारोपण कीजिये, आज दिवस है खास।
यह धरती बिन पेड़ के, लगती बहुत उदास।।
आक्सीजन का वृक्ष में, है अकूत भण्डार।।
जिसके दम से सृष्टि में, है जीवन आधार।।
पेड़ काटकर स्वार्थ हित, नहीं करें बर्बाद।।
जल से इनको सींचिये, देकर जैविक खाद।
अजय कुमार मौर्य ‘विमल’