Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

(14) उम्मीद

मैं वो उम्मीद हूं जिसे पानी की लहर कहते हैं,
चीर दूंगी मैं पत्थरों का भी सीना,
इसी को कहते हैं हिम्मत से जीना ।

बूंद हूं मैं वो, जो सागर बनाने का जज़्बा रखती हूं,
मत सोचना मै पीछे हट जाऊंगी,
क्योंकि मैं एक लड़की हूं।

यदि मकड़ी सौ बार गिरने पर भी खड़ी हो सकती है।
मैं तो फिर भी एक इंसान हूं हजार बार,
गिरने पर भी खड़ी हाउगी।

पपीहा तब तक पानी नहीं पीता,
जब तक सवांती बूंद उसे नहीं मिल जाती।
लेकिन फिर भी उसकी हिम्मत कम नहीं होती।
तो मैं कैसे हार मान लूं, माना नहीं मेरे पास आज कुछ
वर्तमान में भी न हो ये कैसे मान लूं।

Language: Hindi
2 Likes · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
*कदर ना कर सके मेरी वफाओं का*
*कदर ना कर सके मेरी वफाओं का*
Krishna Manshi
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
कुठिया छोटी सी )
कुठिया छोटी सी )
Dr. P.C. Bisen
2594.पूर्णिका
2594.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
शेखर सिंह
sp130 पुरस्कार सम्मान
sp130 पुरस्कार सम्मान
Manoj Shrivastava
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
Aarti sirsat
बदली-बदली सी तश्वीरें...
बदली-बदली सी तश्वीरें...
Dr Rajendra Singh kavi
क्यों अपने रूप पर .......
क्यों अपने रूप पर .......
sushil sarna
बाबा , बेबी।
बाबा , बेबी।
Kumar Kalhans
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
क्यूं में एक लड़की हूं
क्यूं में एक लड़की हूं
Shinde Poonam
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नजरे मिली धड़कता दिल
नजरे मिली धड़कता दिल
Khaimsingh Saini
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
चोर दरबार से नहीं निकला
चोर दरबार से नहीं निकला
अरशद रसूल बदायूंनी
मिल गया तो मीठा-मीठा,
मिल गया तो मीठा-मीठा,
TAMANNA BILASPURI
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
धर्म और कर्मकांड
धर्म और कर्मकांड
Mahender Singh
चिरैया (कविता)
चिरैया (कविता)
Indu Singh
ऊर्जा का सार्थक उपयोग कैसे करें। रविकेश झा
ऊर्जा का सार्थक उपयोग कैसे करें। रविकेश झा
Ravikesh Jha
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
Ranjeet kumar patre
"पुरानी तस्वीरें"
Lohit Tamta
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*** यादों का क्रंदन ***
*** यादों का क्रंदन ***
Dr Manju Saini
Loading...