(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
हाँ, नींद हमें भी आती है !
हम दुःख-दारिद्र्य की भट्ठी में जल कर भी खुश रह लेते हैं |
हम मात-पिता का साया उठ जाने पर भी जी लेते हैं |
हमने भी सपने पाले हैं, खुशियाँ हमको भी मिलती हैं |
हाँ, नींद हमें भी आती है !
हमको देखो तब समझोगे कि प्यार का मतलब क्या होता |
हमको देखो तब समझोगे संघर्ष का मतलब क्या होता |
हमको देखो तब समझोगे कैसे जिन्दगी पनपती है |
हाँ, नींद हमें भी आती है !
स्वरचित एवं मौलिक
रचयिता : (सत्य ) किशोर निगम